!!!!*संकट मोचन हनुमान जी महाराज बाबा नीम करोली जी महाराज की जय हो!!!!! 🌞 *~ वैदिक पंचांग ~ 🌞
((ज्योतिषाचार्य डॉ उमाशंकर मिश्रा-- 9415 087711))
🌤️ दिनांक - 01 जुलाई 2025
🌤️ दिन - मंगलवार
🌤️ *विक्रत संवत 2082
🌤️ शक संवत -1947
🌤️ अयन - दक्षिणायन
🌤️ ऋतु - वर्षा ॠतु
🌤️ मास - आषाढ
🌤️ पक्ष - शुक्ल
🌤️ तिथि - षष्ठी दोपहर 12:11 तक तत्पश्चात सप्तमी
🌤️ नक्षत्र - पूर्वाफाल्गुनी सुबह 11:28 तक तत्पश्चात उत्तराफाल्गुनी
🌤️ योग - व्यतिपात रात्रि 8:17 तक तत्पश्चात वरीयान
🌤️ *राहुकाल - शाम 3:00 से शाम 4:30 बजे तक *
🌤️ *सूर्योदय - सुबह 5:13 पर *
🌤️ *सूर्यास्त - संध्या समय 6:47 पर
👉 दिशाशूल - उत्तर दिशा मे
🚩 व्रत पर्व विवरण - विवस्वत सप्तमी
💥 *विशेष - षष्ठी
🌞 🌞
👉🏻 गुप्त नवरात्रि मे महाष्टमी के दिन यह कार्य करने से समृद्धि की वृद्धि
दांपत्य जीवन सुखमय व सभी गृह अनुकूल रहते है⤵️
🌷 बुधवारी अष्टमी 🌷
➡ 02 जुलाई 2025 बुधवार को बुधवारी अष्टमी है ।
👉🏻 मंत्र जप एवं शुभ संकल्प हेतु विशेष तिथि
🙏🏻 सोमवती अमावस्या, रविवारी सप्तमी, मंगलवारी चतुर्थी, बुधवारी अष्टमी – ये चार तिथियाँ सूर्यग्रहण के बराबर कही गयी हैं।
🙏🏻 इनमें किया गया जप-ध्यान, स्नान , दान व श्राद्ध अक्षय होता है। (शिव पुराण, विद्यश्वर संहिताः अध्याय 10)
🌷 बुधवायुक्तायां शुक्ला शुक्लाष्टम्यां, परयुता ग्राह्या
👉🏻 बुधवारी शुक्लपक्ष अष्टमी बहुत पुण्यशाली होती है और इस दिन किया गया स्नान, दान, धर्म, जप, तप आदि सब सूर्यग्रहण के समान फल देते हैं।
🌷 अमावस्या तु सोमेन सप्तमी भानुना सह।
चतुर्थी भूमिपुत्रेण सोमपुत्रेण चाष्टमी।
चतस्रस्तिथयस्त्वेताः सूर्यग्रहणसन्निभाः॥
🙏🏻 शिवपुराण, गरुड़पुराण, अग्निपुराण, भविष्यपुराण, स्कंदपुराण सभी में बुधाष्टमी की महत्ता का वर्णन है।
🙏🏻 भविष्यपुराण में श्रीकृष्ण बुधाष्टमी के व्रत की महत्ता बताते हुए कहते हैं कि इसको करने से नरक का मुख नहीं देखना पड़ता।
🌷 “बुधाष्टमीव्रतं भूयो ब्रवीमि शृणु पांडव ।
येन चीर्णेन नरकं नरः पश्यति न क्वचित् ।।”
🌞 ~* 🌞
🌷 जामुन के फायदे 🌷
🫐 जामुन अग्निप्रदीपक, पाचक, स्तंभक रोकने वाला तथा वर्षा ऋतु में अनेक रोगों में उपयोगी है |
🫐 जामुन में लोहतत्व पर्याप्त मात्रा में होता है |
🫐 अत: पिलिया के रोगों में जामुन का सेवन हितकारी है |
🫐 जामुन यकृत, तिल्ली और रक्त की अशुद्धि को दूर करता है |
🫐 जामुन खाने से रक्त की अशुद्धि दूर हो जाती है तथा लालिमा युक्त बनता है |
🫐 जामुन मधुमेह, अतिसार, पथरी, पेचिस, संग्रहणी, यकृत के रोगों और रक्तजन्य विकारों को दूर करता है |
🫐 मधुमेही के रोगीयों के लिए जामुन के बीज का चूर्ण सर्वोत्तम है |
🫐 वायु प्रकृति वाले जामुन के ऊपर नमक, जीरा पावडर और संतकृपा चूर्ण लगागे जामुन खाये |
🫐 मधुमेह के रोगी को नित्य जामुन खाने चाहिए | अच्छे पक्के जामुन सुखाकर बारीक कूटकर बनाया गया चूर्ण प्रतिदिन १ - १ चम्मच सुबह–शाम पानी के साथ सेवन करने से मधुमेह में लाभ होता है |
🫐 प्रदर रोग कुछ दिनों तक वृक्ष की छाल के काढ़े में शहद अर्थात मधु मिलाकर दिन में दो बार सेवन करने से स्त्रीयों में प्रदर रोग मिट जाता है |
🫐 जामुन के बीज को पानी में घिसकर मुँह पर लगाने पर मुहाँसे मिटते है |
🫐 जामुन की गुठलीयों को पीसकर शहद में मिलाकर गोलियाँ बना ले| २ - २ गोली नित्य चार बार चुसो| इससे बैठा गला खुल जाता है, आवाज का भारीपन ठीक हो जाता है |
🫐 जामुन की गुठली का ४ – ५ ग्राम चूर्ण सुबह-शाम पानी के साथ लेने से स्वप्नदोष ठीक होता है |
🫐 जामुन के पेड़ की पत्तियाँ ज्यादा न पकी हुई, न ज्यादा मुलायम लेकर पीस ले उसमे जरा-सा सेंधा नमक मिलाकर उसकी गोलियाँ बना ले १ – १ गोली सुबह–शाम लेने से कैसे भी तेज दस्त हो बंद हो जाते है |
🫐 जामुन भूख बढ़ाने वाले है | वर्षा ऋतु को उदर रोगों को ठीक रखने में मदद करेंगे | रक्त की शुद्धि और चेहरे पर लालीमा लानेवाले है |
💥 सावधानी – जामुन सदा भोजन के बाद ही खाना चाहिये | भूखे पेट जामुन बिलकुल न खाये | जामुन खाने के बाद तत्काल दूध न पीये |
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