!!!!*संकट मोचन हनुमान जी महाराज बाबा नीम करोली जी महाराज की जय हो जय हो!!!! 🌞 *~ वैदिक पंचांग ~ 🌞 ((ज्योतिषाचार्य डॉ उमाशंकर मिश्रा-- 9415 087711)) 🌤️ दिनांक - 08 मई 2025 🌤️ दिन - गुरूवार 🌤️ *विक्रम संवत - 2082 * 🌤️ शक संवत -1947 🌤️ अयन - उत्तरायण 🌤️ ऋतु - ग्रीष्म ॠतु 🌤️ मास - वैशाख 🌤️ पक्ष - शुक्ल 🌤️ तिथि - एकादशी दोपहर 2:06 तक तत्पश्चात द्वादशी 🌤️ नक्षत्र - उत्तराफाल्गुनी रात्रि 10:17 तक तत्पश्चात हस्त 🌤️ योग - हर्षण रात्रि 3:03 तक तत्पश्चात वज्र 🌤️ *राहुकाल - दोपहर 1:30 बजे से सायं 3:00 तक 🌤️ *सूर्योदय - सुबह 5:27 पर 🌤️ *सूर्यास्त - संध्या समय 6:33 पर 👉 दिशाशूल - दक्षिण दिशा मे 🚩 व्रत पर्व विवरण- मोहिनी एकादशी,परशुराम द्वादशी,रुक्मिणी द्वादशी 💥 विशेष- हर एकादशी को श्री विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने से घर में सुख शांति बनी रहती है l  राम रामेति रामेति । रमे रामे मनोरमे ।। सहस्त्र नाम त तुल्यं । राम नाम वरानने ।। 💥 आज एकादशी के दिन इस मंत्र के पाठ से विष्णु सहस्रनाम के जप के समान पुण्य प्राप्त होता है l 💥 एकादशी के दिन बाल नहीं कटवाने चाहिए। 💥 *एकादशी को चावल व साबूदाना खाना वर्जित है | 💥 *जो दोनों पक्षों की एकादशियों को आँवले के रस का प्रयोग कर स्नान करते हैं, उनके पाप नष्ट हो जाते 👉🏻 *मोहिनी एकादशी 🌷 मोहिनी एकादशी 🌷 ➡️ 07 मई 2025 बुधवार को दोपहर 12:37 से आज 08 मई, गुरुवार को दोपहर 2:06 तक एकादशी है। 💥 विशेष - आज 08 मई, गुरुवार को एकादशी का व्रत (उपवास) रखे। एकादशी का पारण कल सुबह 8:00 बजे से 11:00 के मध्य करें 🙏🏻 मोहिनी एकादशी ( उपवास से अनेक जन्मों के मेरु पर्वत जैसे महापापों का नाश ) 🌞 * 🌷 वैशाख मास के अंतिम ३ दिन दिलायें महापुण्य पुंज 🌷 🙏🏻 ‘स्कंद पुराण’ के अनुसार वैशाख मास के शुक्ल पक्ष में अंतिम ३ दिन, (10 मई से 12 मई तक) त्रयोदशी से लेकर पूर्णिमा तक की तिथियाँ बड़ी ही पवित्र और शुभकारक हैं | इनका नाम ‘ पुष्करिणी ’ हैं, ये सब पापों का क्षय करनेवाली हैं | जो सम्पूर्ण वैशाख मास में ब्राम्हमुहूर्त में पुण्यस्नान, व्रत, नियम आदि करने में असमर्थ हो, वह यदि इन ३ तिथियों में भी उसे करे तो वैशाख मास का पूरा फल पा लेता है | 🙏🏻 वैशाख मास में लौकिक कामनाओं का नियमन करने पर मनुष्य निश्चय ही भगवान विष्णु का सायुज्य प्राप्त कर लेता है | जो वैशाख मास में अंतिम ३ दिन ‘गीता’ का पाठ करता है, उसे प्रतिदिन अश्वमेध यज्ञ का फल मिलता है | जो इन तीनों दिन ‘श्रीविष्णुसहस्रनाम’ का पाठ करता है, उसके पुण्यफल का वर्णन करने में तो इस भूलोक व स्वर्गलोक में कौन समर्थ है | अर्थात् वह महापुण्यवान हो जाता है | 🙏🏻 जो वैशाख के अंतिम ३ दिनों में ‘भागवत’ शास्त्र का श्रवण करता है, वह जल में कमल के पत्तों की भांति कभी पापों में लिप्त नहीं होता | इन अंतिम ३ दिनों में शास्त्र-पठन व पुण्यकर्मों से कितने ही मनुष्यों ने देवत्व प्राप्त कर लिया और कितने ही सिद्ध हो गये | अत: वैशाख के अंतिम दिनों में स्नान, दान, पूजन अवश्य करना चाहिए | 🙏🏻