ज्योतिषाचार्य डॉ उमाशंकर मिश्रा 94150 87711 सगाई के दौरान लड़की- लड़का दोनों एकदूसरे की अनामिका उंगली में अंगूठी पहनाते हैं । ये अंगूठी अनामिका में ही क्यूँ पहनी जाती है ? एक सुंदर प्रयोग बताता हूँ... आप भी कर के देखें ...... . . . बुद्धिजीवियों के अनुसार हमारे हाथ की दसों उंगलियां ये एक कुटुम्ब है । . . . . हाथ के अंगूठे हमारे माता-पिता का प्रतीक हैं . . अंगूठे के पास वाली उंगली (तर्जनी) हमारे भाई-बहन की प्रतीक । . . . . बीच की उंगली (मध्यमा) हम खुद . . . चौथी अनामिका... मतलब हमारा जोड़ीदार, . . और अंतिम सबसे छोटी उंगली (करंगली) हमारे बच्चे . . . ये हो गया कुटुंब अब देखते हैं कुटुंब के लोगों से हमारे संबंध कैसे ईश्वर ने स्थापित किये हैं . . .अब फोन को एक ओर रख दोनों हाथ नमस्कार मुद्रा में जोड़ें . . बीच की दोनों उंगली (मध्यमा) को अंदर की ओर fold कर हथेली से लगा लें । अब दोनो अंगूठे एक दूसरे से दूर करे वो हो जाएंगे . . .कारण माता-पिता का साथ हमें जन्मभर नही मिलता, कभी न कभी वो हमें छोड़ कर जाते हैं । . . अब अंगूठे को वापस जोड़ उसके पास वाली उंगली को खोलें वो भी खुलेगी कारण भाई-बहन का अपना परिवार है , उनका खुद का अपना जीवन है । . . अब वो उंगलियां जोड़ हाथ के आखरिवाली सबसे छोटी उंगली को आपस मे खोलें . . वो भी खुलेंगी, कारण आपके बच्चे बड़े होने पर घोसला छोड़ उड़ान भरने ही वाले हैं । . . . . छोटी उंगलियों को अब जोड़ लें . .अब अंगूठी वाली अनामिका को एक दूजे से दूर करे . . आश्चर्य होगा; पर वो दूर नही होती । कारण जोड़ीदार, मतलब पति-पत्नी, जीवनभर एक साथ रहने वाले होते हैं । सुख और दुःख में एक दूजे के जीवनसाथी..... "ये आयुष्य का सुंदर अर्थ अनामिका सिवाय सब व्यर्थ" भारतीय भाषा हिन्दी और संस्कृत में पति पत्नी को अलग करने के लिये कोई शब्द ही नही है ज्योतिषाचार्य डॉ उमाशंकर मिश्र सिद्धिविनायक ज्योतिष एवं वास्तु अनुसंधान केंद्र विभव खंड गोमती नगर एवं वेदराज कांप्लेक्स पुराना आरटीओ चौराहा लाटूश रोड लखनऊ 94150 87711 92357 22996