बंधन मुक्ति के 10 चमत्कारिक टोटके *ज्योतिषाचार्य डॉ उमाशंकर मिश्रा ज्योतिषाचार्य आकांक्षा श्रीवास्तव* astroexpertsolution.com कुछ लोग ऐसा मानते हैं कि जिस प्रकार रस्सी से बांध देने से व्यक्ति असहाय होकर कुछ कर नहीं पाता उसी प्रकार किसी व्यक्ति, घर, परिवार, व्यापार आदि को तंत्र-मंत्र आदि द्वारा अदृश्य रूप से बांध दिया जाए तो उसे ऐसा लगता है कि उसकी प्रगति रुक गई है और घर-परिवार संकटों से घिर गया है। गृहकलह, व्यापार नुकसान, तालेबंदी, नौकरी का छुट जाना आदि ऐसा कई संकट हो सकते हैं। बहुत से लोग खुद को बंधा-बंधा महसूस करते हैं। कुछ लोग किसी के दाबव में रहते हैं और कुछ किसी के प्रभाव में। कुछ लोगों को ऐसा लगता है कि इतना कर्म करने के बाद भी कोई परिणाम नहीं मिल रहा है। उन्हें ऐसा लगता है कि जैसे किसी ने प्रगति को बांध रखा है। कुछ लोग जेल में नहीं है फिर भी किस न किसी बंधन में रहते हैं। कुछ लोगों पर कोर्ट में मुकदमा चल रहा है तो कुछ पर कर्ज का बंधन है। ऐसे में जिंदगी ऐसी लगती है जैसे किसी ने बांधकर पटक दिया हो। कहीं से भी कोई रास्ता नजर नहीं आता। ऐसे स्थिति के लिए हम लाए हैं आपके लिए बंधन मुक्त करने के 10 टोटके। मुक्त करें पक्षियों को : हालांकि इस टोटके के बारे में आप जानते ही होंगे। पिंजरे में आप किसी पक्षी को ले जाते हुए देखें या कोई पक्षी पिंजरे में है तो आप उन पक्षियों को लेकर उन्हें आजाद कर दें। इस कार्य से आपके ऊपर कैसा भी कर्ज हो आप उससे मुक्त हो जाएंगे। लेकिन यदि आपने अपने घर में किसी पक्षी को पिंजरे में रख रखा है तो आप आज नहीं तो कल कभी भी भयंकर कर्ज के बोझ तले दब जाएंगे। एकादशी और प्रदोष का व्रत रखें : हमेशा ध्यान रखें कि तेरस, चौदस, अमावस्य और पूर्णिमा के दिन अच्छे नहीं होते। सभी ग्रहों के बुरे प्रभाव को रोकने के लिए एकादशी और प्रदोष (त्रयोदशी( का व्रत सबसे उत्तमफलदायी है। हिन्दू धर्म में एकादशी और प्रदोष का व्रत रखने के पीछे का विज्ञान यह कि यह आपके राहु, चंद्र और शनि के खराब असर को बेअसर कर शुभ में बदल देता है। प्रत्येक पक्ष (शुक्ल और कृष्ण पक्ष) के ग्यारस और त्रयोदशी को विधिपूर्वक व्रत रखेंगे तो निश्‍चित ही आपके उपर का बंधन ‍धीरे धीरे समाप्त होने लगेगा। हनुमान चालीसा : प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ करें। मंगलवार या शनिवार को हनुमानजी के मंदिर में जाकर उनकी पूजा करें और उनको कम से कम पांच बार चौला चढ़ाएं। बंधन मुक्ति का सबसे उत्तम उपाय हनुमानजी की भक्ति है। हनुमानजी के भक्त बने रहेंगे तो कभी भी ‍जीवन में बंधन महसूस नहीं करेंगे। कुल देवी या देवता को मनाएं : आजकल के परिवार को अपने कुल देवता और कुल देवी के स्थान के बारे में कोई जानकारी नहीं है। कुलदेवी या कुल देवता के स्थान से आपके पूर्वजों का पता लगता है। कुल देवी या देवता के स्थान पर जाकर एक साबूत नींबू लें और उसको अपने उपर से 21 बार वार कर उसे दो भागों में काटकर एक भाग को दूसरे भाग की दिशा में और दूसरे भाग को पहले भाग की दिशा में फेंक दें। इसके बाद कुलदेवी या देवता से क्षमा मांग कर वहां अच्छे से पूजा पाठ करें या करवाएं और सभी को दान-दक्षिणा दें। व्यक्तिगत बाधा : व्यक्तिगत बाधा के लिए एक मुट्ठी पिसा हुआ नमक लेकर शाम को अपने सिर के ऊपर से तीन बार उतार लें और उसे दरवाजे के बाहर फेंकें। ऐसा तीन दिन लगातार करें। यदि आराम न मिले तो नमक को सिर के ऊपर वार कर शौचालय में डालकर फ्लश चला दें। निश्चित रूप से लाभ मिलेगा। फलदान : पांच या सात तरह के फल लें और उनको लेजाकर मंदिर में रख आएं। भगवान से अपनी सहायता और बंधन मुक्त करने की प्रार्थना करें। ऐसा पांच मंगलवार या गुरुवार को करेंगे तो बंधन से मुक्ति हो जाएंगे। सिक्के का टोटका : जब कभी भी शमशान में जाने का मौका लगे तब आते वक्त कुछ सिक्के पीछे फेंकते हुए आएं। ध्यान रखें कि फेंकते वक्त या फेंकने के बाद मुड़कर पीछे न देखें। इससे आपको देवीय सहायता मिलने लगेगी और आप बंधन मुक्त हो जाएंगे। काला जादू : आपको लगता है कि किसी ने काला जादू कर रखा है या घर की प्रगति को बांध रखा है तो इस उपास से उसका असर खत्म हो जाएगा। तंत्र शास्त्र में अनेक वस्तुओं का प्रयोग किया जाता है जैसे- काली हल्दी, शंख, रत्न, बांदा, श्रीफल, एकाक्षी नारियल, कौड़ी आदि। इन सबका अलग-अलग महत्व व प्रयोग है। यह सब चमत्कारी वस्तुएं हैं। ऐसा ही एक चमत्कारी पौधा है अफेद आक (आंकड़ा)। यह बहुत चमत्कारी पौधा है। जिस घर में यह लगा होता है उस घर किसी भी प्रकार के तंत्र-मंत्र या जादू-टोने का असर नहीं होता है। लक्ष्मी बंधन : यदि यह उपाय नहीं कर सकते हैं तो माता कालीका को प्रतिदिन दो लकड़ी वाली (बांस वाली नहीं) अगरबत्ती लगाएं या एक धूपबत्ती लगाएं। प्रत्येक शुक्रवार को काली के मंदिर में जाकर पूजा करें। लोग कहते हैं की अच्छा खासा चलता बिजनेस या दुकान अचानक से ठप हो गई। पैसे की आवक ख़त्म हो गई रोजमर्रा की जरूरतें पूरी करना भी मुश्किल हो रहा है। यह सिर्फ बिजनेस वालो की नहीं नौकरी वालों की भी समस्या होती है। किसी भी पक्ष की अष्टमी अथवा किसी भी शुक्रवार के दिन एक लकड़ी की चौकी या पाटे पर एक लाल वस्त्र बिछाएं। उस पर माँ काली का एक विग्रह या चित्र स्थापित करें। पाटे या चौकी के चरों कोनो पर एक एक उड़द की ढेरी बना कर उस पर एक एक लघु नारियल स्थापित करें। मां के चारों ओर उड़द और चावल की पांच ढेरियां बनाकर प्रत्येक पर 3-3 गांठ काली हल्दी की रखें और दो-दो गोमती चक्र चढ़ाएं। विग्रह के सामने तीन मुट्ठी अक्षत और सवा मुट्ठी उड़द की ढेरियां बनाएं। चावल वाली ढेरी पर सियार सिंगी का जोड़ा और उड़द वाली ढेरी पर हत्था जोड़ी स्थापित करें। चमेली या तिल के तेल का दीपक जलाएं। गणेश पूजा के बाद फिर मां और सभी वस्तुओं की पंचोपचार पूजा करें। चंदन की धूप या धूनी जलाएं। मां को खीर का भोग अर्पित करें। इस तरह विधिपूर्जक 10 दिन तक माता की पूजा काली के उपासक किसी जानकार से पूछकर करें। आपकी समस्या समाप्त हो जाएगी। बंधन मुक्ति कवच : कभी मनुष्य एकाएक इतनी परेशानियों या तकलीफों में फंस जाता है कि कुछ समझ ही नहीं आता। कई बार इसका कारण होता है कि जातक भूत-प्रेत अथवा नजर, हाय या किसी दुष्ट आत्मा के जाल में फंस जाता है। ऐसी विकट स्थिति में ज्योतिषीय सामग्रियों के धारण या पूजन से अवश्य लाभ मिलता है। बाधामुक्ति कवच बुरी नजर से बचाव करता है। तंत्र-मंत्र-जादू, टोने के दुष्प्रभाव को काटता है व शनि दोष, साढ़ेसाती, ढैय्या की अवधि में विशेष रूप से शुभ रहता है। इसके चमत्कारिक प्रभाव से मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में वृद्धि होती है तथा सकारात्मक ऊर्जा का संचार धारक को आशा और उन्नति की ओर लेकर जाता है। *Jyotish Acharya Dr Umashankar Mishra ज्योतिषाचार्य आकांक्षा श्रीवास्तव 94150 877 11 923 5722 996*