कहीं केतु के घर में तो नहीं रह रहे हैं आप *ज्योतिषाचार्य डॉ उमाशंकर मिश्रा ज्योतिषाचार्य आकांक्षा श्रीवास्तव* astroexpertsolution.com कहीं केतु के घर में तो नहीं रह रहे हैं आप कहीं केतु के घर में तो नहीं रह रहे हैं आप आप किस तरह के घर में रह रहे हैं आपका यह जानना बहुत जरुरी है। आपको बता दें की आपकी कुंडली में राहु, शनि या केतु का स्थान तय करता है की आप जिस घर में रह रहें है वो आपके लिए शुभ है या अशुभ। हम आपको एक ऐसा रहस्य बताएंगे जिसे जानकर आप हैरान रह जाएंगे। ग्रहों से ज्यादा किसी भी व्यक्ति के जीवन पर घर का असर पड़ता है। यदि आप हत्यारे मकान में रह रहे हैं तो सतर्क हो जाएं, क्योंकि कुछ घर ऐसे भी होते हैं जहां इतनी नकारात्मक ऊर्जा होती है कि आप दिनभर अपराध करने या अपराध का शिकार होने के बारे में ही सोचते रहते हैं और सोच का परिणाम तो जरूर आता है। यदि आप किसी खतरनाक घर में रह रहे हैं तो तुरंत ही उसे छोड़ दें या किसी वास्तुशास्त्री से मिलें। तो जानिए कि आप किस तरह के घर में रह रहे हैं। ketu लाल किताब विशेषज्ञों अनुसार गुरु और चंद्र का घर सबसे उत्तम माना जाता है। गुरु और चंद्र से मतलब ईशान, उत्तर, वायव्य और पश्चिम दिशा है। इस दिशा में यदि मकान है तो उसे गुरु और चंद्र के वृक्ष और पौधों से सुंदर तथा शांतिदायक बना सकते हैं। इस तरह के घर में जल और अग्नि के स्थान को अच्छी तरह से नियुक्त किया जाना चाहिए जिससे सुख और समृद्धि बढ़ती जाए। ऐसा मकान आर्थिक तरक्की, धन-समृद्धि और मांगलिक कार्यों के लिए सर्वोत्तम माना जाता है। ketu 1. सूर्य का मकान : लाल किताब अनुसार माना जाता है कि जिनके घर, मकान, भवन या दुकान का द्वार पूर्वमुखी होता है वह मकान सूर्य का मकान माना जाता है। इस तरह के अधिकतर मकानों में पानी का स्थान मकान के गेट में पर ही दाएं हाथ पर बना होता है। और जिस मकान के पास फल का वृक्ष लगा हो और बड़ा दरवाजा भी हो वह भी सूर्य का मकान माना जाता है, सूर्य के माकान में हवा से ज्यादा प्रकाश होता है। ऐसा कहा जाता है की ज्यादा प्रकाश भी जिंदगी में अंधेरा ला देता है। अत: यदि पूर्वमुखी मकान है तो उसको वास्तु अनुसार जरूर बनाएं और भूमिगत पानी का टैंक हमेशा ईशान या उत्तर में ही रखें। इसके अलावा घर के बाहर का आग्नेय कोण कवर करके रखे या ढंक कर रखें। 2. चंद्र का मकान : चंद्र का मकान उत्तम माना गया है। लाल किताब अनुसार चंद्र का मकान अधिकतर पश्चिम या उत्तर कोण में होता है। चंद्र के मकान या घर में शांति होती है। जहां शांति होती है वहीं लक्ष्मी का वास होता है। यदि यह मकान इस कोण में नहीं है तो चंद्र के मकान की एक ओर निशानी होती है। मकान से 24-25 कदम दूर या ठीक सामने कुआं, हैंडपंप, तालाब या बहता हुआ पानी अवश्य होता है, तब ऐसी स्थिति में भी इसे चंद्र का मकान माना जाएगा। लेकिन यदि आपने अपने इस मकान के आसपास शनि से संबंधित पौधों और वृक्षों को लगा लिया या लगा रखा है तो आपका मकान चंद्र-शनि की युक्ति से भारी परेशानी का कारण उत्पन्न कर देता है और आपको फकीर बना देता है। 3. मंगल का मकान : मंगल ग्रह की दिशा दक्षिण मानी गई है। दक्षिणमुखी मकान को मंगल का मकान माना गया है और नीम का पेड़ मंगल की स्थिति तय करता है कि मंगल शुभ असर देगा या नहीं। अर्थात यह मकान आपको फलेगा या नहीं। यदि आप अपने घर के सामने नीम का पेड़ लगाते है तो यह आपके दक्षिण दिशा का बुरा असर कम कर देता है और आपका भग्य नीम का पेड़ तय करेगा। मंगल का मकान आपको तभी मिलेगा यदि आपकी कुंडली में मंगलबद या बुरा है तो, वैसे मंगल के बुरे असर के कारण व्यक्ति के घर में कलह और धन का अभाव रहता है। इसके दुष्प्रभाव से व्यक्ति अपराध के रास्ते पर चला जाता है या किसी भी प्रकार का नशा करने लगता है। 4. बुध का मकान : जिस मकान के आसपास कोई अन्य घर नहीं होता ऐसा घर बुध ग्रह के मकान की निशानी होती है। ऐसे मकान अधिकतर किसी शहर, गांव, मोहल्ले में सभी मकानों से अलग अकेला ही नजर आता हो। इसके अलावा बुध के मकान की निशानी है कि मकान के आसपास चौड़े पत्तों के वृक्ष होंगे। बुध के मकान के आसपास कभी भी गुरु और चंद्र से संबंधित वृक्ष नहीं लगाना चाहिए या नहीं होना चाहिए। यदि गुरु और चंद्र के वृक्ष के साथ मकान हुआ तो वह घर बुध की दुश्मनी का पुख्ता प्रमाण माना जाएगा। ऐसे घरों पर बुध का असर बुरा होता है। इससे व्यापार और नौकरी में हानि होती है। 5. बृहस्पति का मकान : बृहस्पति अर्थात गुरु का मकान बहु‍त ही उत्तम माना जाता है। ऐसे मकानों में दरवाजा कभी भी दक्षिण में नहीं होता है। अक्सर ऐसे घरों के सामने पीपल का वृक्ष जरूर होता है। यदि पीपल का वृक्ष नहीं है तो धर्मस्थल जरुर होता है। ऐसे घर का दरवाजा ईशान या उत्तर में है तो यह गुरु का घर कहलाता है। गुरु के घरों में कभी भी कोई दुर्घटना नहीं होती। गुरु ग्रह के दुश्मन ग्रहों से संबंधित वृक्ष घर के आसपास नहीं होना चाहिए। इससे घर से मिलने वाले लाभ कम होते हैं। वैसे कहा जाता है की ऐसे घरों के सदस्यों का पद, मान-सम्मान बढ़ता रहता है। 6. शुक्र का मकान : लाल किताब के अनुसार यदि घर में किसी एक जगह पर आपने कच्चा स्थान छोड़ रखा है, अर्थात जहां फर्श नहीं लगाया, तो समझो वहां शुक्र का असर होगा। अक्सर इस तरह के मकान गांवों में देखने को मिलते हैं। शहरों में तो फ्लैट संस्कृति के चलते अब ऐसे मकान नहीं दिखाई देते। घर के आसपास आमतौर पर कपास का पौधा नहीं होता फिर भी मनी प्लांट या जमीन पर आगे बढ़ने वाली कोई भी बेल है तो वह शुक्र ग्रह की कारक होती है। वैसे शुक्र की और चंद्र की दिशा एक समान ही मानी गई है। शुक्र को बलवान करने के लिए घर को अधिक से अधिक साफ-सुधरा और सुंदर बनाएं। इससे आपको स्त्री और धन का सुख मिलता रहेगा। पेड़ पौधे लगाते समय यह जरूर जान लें की आपकी कुंडली में कौन सा ग्रह सही है। 7. शनि का मकान : लाल किताब के अनुसार यदि आपके मकान में तलघर है तो यह शनि के असर वाला मकान है। इसके अलावा यदि तलघर नहीं भी है लेकिन कीकर, आम और खजूर का वृक्ष है तो यह शनि का मकान होगा। तीनों है तो पक्के रूप में इस मकान पर शनि का असर होगा। लाल किताब के विशेषज्ञों अनुसार शनि के मकान के पास कीकर, आम या खजूर के वृक्ष हो सकते हैं। घर में तलघर हो सकता है। पीछे की दीवार कच्ची हो सकती है। यदि वह दीवार गिर जाए तो शनि के खराब होने की निशानी मानी जाती है। 8. राहु का मकान : राहु का अच्छा असर है तो ऐसे घर खानदानी और रईस साबित होते हैं। वैसे आमतौर पर भारत के दक्षिण इलाके के अलावा अन्य घरों के आसपास नारियल के पेड़ नहीं होते, तो केक्टस को भी राहु का कारक माना जाता है। यदि आपके अपने घर में या घर के आसपास केक्टस लगा रखा है तो अपके घर पर राहु का असर होगा। हालांकि राहु के असर वाले और भी पौधे होते हैं। नारियल में राहु का अच्छा असर होता है। यदि राहु का बुरा असर है तो यहां आने जाने वाले लोग कम होंगे और घर का कोई सदस्य आत्महत्या कर सकता है या किसी की हत्या हो सकती है। 9. केतु का मकान : केतु के मकान अकसर कोने में होते हैं। तीन तरफ से खुला हुआ और एक तरफ कोई साथी मकान या खुद उस मकान में तीन तरफ खुला होना केतु के मकान की निशानी है। यदि केतु के मकान है तो केतु के मकान में नर संतानें लड़के चाहे पोते हों, लेकिन कुल तीन ही होंगे। इस मकान में बच्चों से संबंधित, खिड़कियां, दरवाजे, बुरी हवा, अचानक धोखा होने का खतरा रहता है। मकान के आसपास इमली का वृक्ष हो सकता है। *ज्योतिषाचार्य डॉ उमाशंकर मिश्रा ज्योतिषाचार्य आकांक्षा श्रीवास्तव*