बैशाख पूर्णिमा 7 मई, हिंदू धर्म में ऐसा है महत्व
ज्योतिषाचार्य डॉ उमाशंकर मिश्र ज्योतिषाचार्य आकांक्षा श्रीवास्तव 94 15 0877 11
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बैशाख पूर्णिमा 7 मई के दिन एक मास तक चलने वाला बैशाख स्नान समाप्त हो जाएगा। बैशाख स्नान का आरंभ 6 अप्रैल से हुआ था। बैशाख स्नान का महत्व शास्त्रों में कार्तिक स्नान के समान बताया गया है। नारद मुनि ने भगवान विष्णु के भक्त राजा अंबरीष से कहा था कि बैशाख मास बहुत ही पुण्य मास है। इस महीने में भगवान विष्णु की पूजा, यज्ञ, हवन, करना उत्तम फलदायी होता है।
ऐसी मान्यता है कि बैशाख पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान करके दान पुण्य करने से कुंभ में स्नान के समान पुण्य प्राप्त होता है। इस एक दिन के स्नान दान से पूरे मास भगवान विष्णु की पूजा का पुण्य प्राप्त होता है। गंगा स्नान संभव ना होने पर इस दिन सूर्योदय पूर्व जल में गंगाजल मिलाकर स्नान करना गंगा स्नान के समान पुण्यदायी माना गया है।
दरअसल हिंदू धर्म में बैशाख को धर्म मास कहा गया है क्योंकि इस महीने से सौर वर्ष का आरंभ होता है। इस महीने में सतयुग, त्रेता और द्वापर का आरंभ हुआ था। इसी महीने में भगवान विष्णु के कई अवतार परशुराम, नर-नारायण, नृसिंह आए हैं। इसी मास में देवी सीता का प्राकट्य हुआ। बैशाख मास की पूर्णिमा तिथि को भगवान विष्णु के नौवें अवतार महात्मा बुद्ध का जन्म हुआ था। बुद्ध को संबोधि की प्राप्ति और मुक्ति भी इसी तिथि को प्राप्त हुई थी। इसलिए बैशाख पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान करके भगवान विष्णु की पूजा करके विष्णु सहस्रनाम का पाठ करना चाहिए।
ज्योतिषाचार्य डॉ उमाशंकर मिश्र ज्योतिषाचार्य आकांक्षा श्रीवास्तव 94 15 0877 11
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