कालाष्टमी के दिन भगवान शिव का विग्रह रूप माने जाने वाले कालभैरव की पूजा का विशेष महत्व है। उन्हें शिव का पांचवा अवतार माना गया है। इनके दो रूप है पहला बटुक भैरव जो भक्तों को अभय देने वाले सौम्य रूप में प्रसिद्ध है तो वहीं काल भैरव अपराधिक प्रवृतियों पर नियंत्रण करने वाले भयंकर दंडनायक है।
भगवान भैरव के भक्तों का अनिष्ट करने वालों को तीनों लोकों में कोई शरण नहीं दे सकता। काल भी इनसे भयभीत रहता है इसलिए इन्हें काल भैरव एवं हाथ में त्रिशूल, तलवार और डंडा होने के कारण इन्हें दंडपाणि भी कहा जाता है। आइए आज कालाष्टमी के दिन भगवान भैरव के 10 चमत्कारिक उपायों को जानते हैं, जिन्हें करते ही शत्रु बाधा और दुर्भाग्य दूर होता है और सौभाग्य जाग जाता है —
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कालाष्टमी के महाउपाय
1.
आज स्नान-ध्यान के बाद भगवान भैरव के मंदिर में जाकर अबीर, गुलाल, चावल, फूल और सिंदूर चढ़ाएं। भगवान भैरव की कृपा पाने के लिए नीले फूल अवश्य चढ़ाएं। निश्चित रूप से भैरव कृपा होगी और मनोकामना पूरी होगी।
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कालाष्टमी के महाउपाय
2.
सवा सौ ग्राम काले उड़द, सवा सौ ग्राम काले तिल और सवा 11 रुपए लेकर एक सवा मीटर काले कपड़े में रखकर पोटली बना लें। इसे कालाष्टमी के दिन भगवान भैरव को अर्पित करें।
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ज्योतिषाचार्य डॉ उमाशंकर मिश्र एवं आचार्य आकांक्षा श्रीवास्तव 94150 87711
3.
कालाष्टमी के दिन भगवान भैरव को नींबू की माला या सिर्फ 5 नींबू चढ़ाने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। कालाष्टमी पर किए गए इस उपाय से भैरव भक्त को जीवन में अपार धन, यश और सफलता प्राप्त होती है।
कालाष्टमी के महाउपाय
4.
तमाम तरह के कष्टों से मुक्ति और कालभैरव भगवान की कृपा पाने के लिए कालाष्टमी के दिन किसी मंदिर में जाकर काजल और कपूर का दान करें।
कालाष्टमी के महाउपाय
5.
धन संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए कालाष्टमी के दिन भगवान भैरव के मंदिर में जाकर चमेली का तेल और सिंदूर अर्पित करें।
कालाष्टमी के महाउपाय
6.
कालाष्टमी के दिन भगवान शिव की पूजा करने से भी भगवान भैरव का आशीर्वाद मिलता है, क्योंकि भगवान भैरव की उत्पत्ति भगवान शिव के अंश के रूप में हुई थी। कालाष्टमी के दिन 21 बिल्वपत्रों पर चंदन से 'ॐ नम: शिवाय' लिखकर शिवलिंग पर चढ़ाएं। इस विधि से पूजन करने पर भगवान भैरव प्रसन्न होंगे और आपकी मनोकामनाएं पूरी होंगी।
कालाष्टमी के महाउपाय
7.
कालाष्टमी के दिन भगवान भैरव के मंदिर में जाकर सिंदूर, सरसों का तेल, नारियल, चना, चिरौंजी, पुए और जलेबी चढ़ाकर भक्ति भाव से पूजन करें। भैरव जी की पूजा के पश्चात् पांच साल से लेकर सात सात साल तक के बटुकों चने-चिरौंजी और चढ़ाया हुआ प्रसाद बांटें।
कालाष्टमी के महाउपाय
8.
काल भैरव जी को प्रसन्न करने के लिए, उनकी कृपा पाने के लिए कालाष्टमी के दिन से भगावान भैरव की प्रतिमा के आगे सरसो के तेल का दीपक जलाएं और श्रीकालभैरवाष्टकम् का पाठ करें। मनोकामना पूर्ण होने तक प्रतिदिन इस उपाय को भक्ति भाव के साथ करें।
कालाष्टमी के महाउपाय
9.
कालाष्टमी के दिन से लेकर 40 दिनों तक लगातार काल भैरव का दर्शन करें। इस उपाय को करने से भगवान भैरव प्रसन्न होंगे और आपकी मनोकामना को पूर्ण करेंगे। भैरव की पूजा के इस नियम को चालीसा कहते हैं जो चन्द्रमास के 28 दिनों और 12 राशियां को जोड़कर बनता है।
कालाष्टमी के महाउपाय
10.
कालाष्टमी के दिन भगवान भैरव को प्रसन्न करने के लिए काले कुत्ते को मीठी रोटी खिलाएं। यदि काला कुत्ता उपलब्ध न हो तो किसी भी कुत्ते को खिलाकर यह उपाय कर सकते हैं। इस उपाय को करने से न सिर्फ भगवान भैरव बल्कि शनिदेव की भी कृपा बरसेगी। ज्योतिषाचार्य डॉ उमाशंकर मिश्र सिद्धिविनायक ज्योतिष एवं वास्तु अनुसंधान केंद्र विभव खंड 2 गोमती नगर एवं वेदराज कांप्लेक्स पुराना आरटीओ चौराहा लाटूश रोड लखनऊ 9415 087 711 92 357 22996
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