काल भैरव की पूजा विधि- ज्योतिषाचार्य डॉ उमाशंकर मिश्र 94150 877 11 -कालाष्टमी के दिन शिव जी के स्‍वरूप कालभैरव की पूजा करनी चाहिए. -इस दिन सुबह जल्‍दी उठ कर स्नान करने के बाद व्रत का सकंल्प करना चाहिेए. - इसके बाद किसी मंदिर में जाकर भगवान शिव या भैरव के मंदिर में जाकर पूजा करें. -इसके बाद शाम को शिव पार्वती और भैरव  की पूजा करनी चाहिए. -भैरव को तांत्रिकों का देव कहा जाता है. यही वजह है कि उनकी पूजा रात को होती है. -भैरव की पूजा करने के लिए धूप, दीपक, काले तिल, उड़द और सरसों के तेल से पूजा कर आरती करें. -व्रत खोलने के बाद काले कुत्‍ते को मीठी रोटियां खिलाएं. ज्योतिषाचार्य डॉ उमाशंकर मिश्र एवं आचार्य आकांक्षा श्रीवास्तव सिद्धिविनायक ज्योतिष एवं वास्तु अनुसंधान केंद्र विभव खंड 2 गोमती नगर एवं वेदराज कांप्लेक्स पुराना आरटीओ चौराहा लाटूश रोड लखनऊ 94 150 8 7711 92 357 22996