हनुमान बाहुक पाठ : एक अद्भुत शक्ति वर्धक पाठ - किसी भी बाधा को खत्म कर देता है हनुमान बाहुक पाठ - जानिए लाभ व नियम ?
Jyotish Acharya Dr Umashankar Mishra 94150 87711
ऐसी मान्यता है कि समस्त संसार में जब-जब हनुमान चालीसा, सुंदरकांड, रामचरित मानस, रामायण, आदि का पाठ किया जाता है तो हनुमान जी वहां जरूर मौजूद होते हैं।वे किसी ना किसी वेश में भक्तों के बीच उपस्थित होते हैं। लेकिन उन्हें पहचानने के लिए गहरी भक्ति भावना की आवश्यकता होती है। और जो उन्हें पहचान ले उसका जीवन हनुमान जी सफल बना देते हैं।
लेकिन यदि हनुमान जी के दर्शन ना भी हों तो अन्य तरीके हैं जिनसे उनका आशीर्वाद पाया जा सकता है। ज्योतिष शास्त्र में हनुमान जी को समर्पित ‘हनुमान चालीसा’ का पाठ करने का महत्व समझाया गया है।
●आपने हनुमान चालीसा के बारे में तो बहुत सुना होगा। उसके महत्व एवं चमत्कारी असर के बारे में भी जाना होगा, समझा होगा और शायद महसूस भी किया होगा। लेकिन क्या कभी आपने हनुमान बाहुक के बारे में सुना है?
●हनुमान जी को संकटमोचक कहा गया है और उनके हनुमान बाहुक पाठ का कुछ ऐसा ही असर है। इस पाठ को पढ़ने वाले के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।
●हनुमान बाहुक पाठ व्यक्ति के शारीरिक कष्टों को दूर करता है। इस पाठ की संरचना कैसे हुई और किसने पहली बार इसका जाप किया, इसके पीछे एक रोचक कहानी है।
◆संत तुलसीदास ने की थी रचना :
कहा जाता है कि संत तुलसीदास जी एक बार काफी बीमार पड़ गए। वे श्रीराम एवं हनुमान जी के परम भक्त माने जाते हैं। उन्होंने ही हनुमान चालीसा लिखी थी। उस समय तुलसीदास काफी कष्ट में थे। उन्हें एक गहरी बीमारी ने जकड़ लिया था, शरीर में काफी पीड़ा भी हो रही थी। पीड़ा भरी आवाज में उन्होंने हनुमान नाम का जाप आरंभ कर दिया। अपने भक्त की पीड़ा देखते हुए हनुमान जी प्रकट हुए, तुलसीदास ने उनसे एक ऐसे श्लोक की प्रार्थना की जो उनके सभी शारीरिक कष्टों को हर ले। तब हनुमान जी ने उन्हें जो शब्द सुनाए, उनका तुलसीदास ने जाप किया और देखते ही देखते वे ठीक हो गए।
यह हनुमान बाहुक का पाठ ही था जिस कारण से तुलसीदास के सभी शारीरिक कष्ट खत्म हो गए। हनुमान बाहुक के 44 चरणों का पाठ करने वाले इंसान के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।
★हनुमान बाहुक से मिलने वाले लाभ :
●ऐसा माना जाता है कि जिन्हें गठिया, वात, सिरदर्द, कंठ रोग, जोड़ों का दर्द आदि तरह के दर्द से परेशान हैं, तो जल का एक पात्र सामने रखकर हनुमान बाहुक का 26 या 21 दिनों तक मुहूर्त देखकर पाठ करें। प्रतिदिन उस जल को पीकर दूसरे दिन दूसरा जल रखें।
●हनुमानजी की कृपा से शरीर की समस्त पीड़ाओं से आपको मुक्ति मिल जाएगी।
●इसके साथ ही यदि जीवन में रुके हुए काम हैं या कोई इच्छा पूर्ण नहीं हो रही, तब भी हनुमान बाहुक का पाठ करना लाभदायक सिद्ध होता है।
●यदि किसी को यह भय है कि उसके ऊपर कोई जादू-टोना या काला जादू कर रहा है तो उसे भी हनुमान बाहुक का नियमित पाठ करना चाहिए। जादू टोने का एक प्रतिशत भी उसके ऊपर असर नहीं होगा।
●हनुमान बाहुक का पाठ भक्त को भूत-प्रेत जैसी बाधाओं से भी दूर रखता है। ऐसी किसी भी प्रकार की बुरी शक्ति हनुमान बाहुक का पाठ करने वाले भक्त के आसपास भी नहीं आती है।
●हनुमान बाहुक के पाठ से भक्त के आसपास एक रक्षा कवच बन जाता है, जिसके कारण किसी भी प्रकार की नकारात्मक शक्ति उसे छू भी नहीं सकती।
◆इस तरह से करें यह पाठ :
हनुमान बाहुक का पाठ करने के लिए आप हनुमान जी की एक तस्वीर लें। साथ ही श्रीराम की तस्वीर को भी उसके साथ रखकर, सामने बैठ जाएं। इसके बाद दोनों तस्वीरों के सामने घी का दिया जलाएं और साथ में तांबे के गिलास में पानी भरकर भी रख दें। इसके बाद ही पूरे मन से हनुमान बाहुक का पाठ करें। जैसे ही पाठ समाप्त हो तो तांबे के बर्तन में रखा हुआ पानी पीड़ित व्यक्ति को पिला दें या जिस किसी के हित के लिए भी यह पाठ किया गया हो उसे पिला दें।
इस तरह से व्यक्ति सभी प्रकार के शारीरिक एवं मानसिक कष्टों से दूर रहता है। केवल कष्ट होने पर ही नहीं, बल्कि रोजाना भी हनुमान बाहुक का पाठ करना फलदायी होता है। ज्योतिषाचार्य डॉ उमाशंकर मिश्रा सिद्धिविनायक ज्योतिष एवं वास्तु अनुसंधान केंद्र विभव खंड 2 गोमती नगर लखनऊ 94 1508 7711 9235 7 22996 astroexpertsolutions.com
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