। 👾।हर हर महादेव शम्भो काशी विश्वनाथ वन्दे ।।👾
〰️〰️〰️〰️〰️〰️👾 Jyotish Acharya . Dr Umashankar Mishra9415087711--9235722996👾👾〰️〰️〰️〰️〰️
|||||||| 👉कुण्डली में अनैतिक सम्बंध योग--
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प्रश्न --- 👉कुण्डली से जाने अनैतिक संबेधों के कारक क्या हैं ?
उत्तर --👉ग्रह भाव : चंद्र ,मंगल ,शुक्र ,राहु सप्तम भाव,पंचम ,द्वादश प्रमुख है।
👉मंगल : कर्मठ ,शारीरिक शक्ति , विवाहेतर संबंधों का कारक।
👉 शुक्र :विपरीत लिंग से: रोमांस की दृष्टि से आकर्षित करने की क्षमता, कामेच्छा, के लिए प्रेरित । .
👉 शनि :आलोचना।
👉राहु-केतु :स्वामी के अनुरूप ही संबंध ।
👉मंगल तथा शुक्र :कामुक संबंध ।
👉विवाह का कारक चंद्र, मंगल और शुक्र हैं।
1-- 👉भाव : सप्तम भाव व सप्तमेश, पंचम भाव व पंचमेश तथा द्वादश भाव व द्वादशेश का किसी भी रूप में संबंध हो तो अनैतिक संबंध बनते है।
2---👉चंद्र की भी अहं भूमिका होती है। मंगल ने शारीरिक शक्ति प्रदान की करता है। विवाहेतर संबंधों का कारक का काम करता है।
3--👉 सप्तम भाव में मंगल चारित्रिक दोष उत्पन्न करता हैl
4---👉 कुंड़ली मे सप्तम भाव में सूर्य हो, तो अन्य स्त्री-पुरुष से नाजायज संबंध बनाने वाला जीवनसाथी हो सकता है।
5--👉अनैतिक संबेधों का कारण,दृष्टि, युति आदि से होता हैं। योगों में शनि का योगदान अनैतिक संबंध कारक माना जाता है।
6---👉जन्म कुंड़ली मे सप्तम भाव में चन्द्रमा के साथ शनि की युति होने पर जातक किसी अन्य से प्रेम कर अवैध संबंध रखता है।
7--👉कुंड़ली मे सप्तम भाव में राहु होने पर जीवनसाथी धोखा देने वाला और व्यभिचारी होता हैं व विवाह के बाद अवैध संबंध बनाता है।
8--👉कुंड़ली मे सप्तमेश यदि अष्टम या षष्टम भाव में हों,मतभेद पैदा करता हैं।
9---👉सप्तम, अष्टम एवं द्वादश भाव का संबंध उपर्युक्त योगों के साथ हो तो अनैतिक संबंध बनते है।
10--👉कुंडली में शुक्र उच्च का होने पर व्यक्ति के कई प्रेम प्रसंगहो सकते हैं ।
11--👉 निर्बल मंगल गोपनीय संबंध बनाकर विवाहोपरांत जीवन को कष्टमय बना सकता है।
12--👉 लेकिन मंगल और शुक्र दोनों बलवान हों तो बहु संबंधों के साथ बहुविवाह भी होते हैं चतुर्थ एवं सप्तम भाव मंगल और राहु से प्रभावित हों, तो कई स्त्रियों या पुरुषों से संबंध बनते हैं।
13---👉 सप्तम भाव व सप्तमेश, पंचम भाव व पंचमेश तथा द्वादश भाव व द्वादशेश का किसी भी रूप में संबंध हो, विवाहेतर संबंध बनते हैं।
👉विशेष --बहु संबंध एवं बहु विवाह का एक प्रमुख कारण देस ,काल , वातावरण होता है।
👉अनैतिक संबंधके कारण : --
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1--👉पुरुष सौंदर्यप्रिय तथा स्त्री धनप्रिय होने के कारण विवाह के कारण बनते हैं।
2--👉 वास्तुदोषों के कारण होते हैं। साथ मै ग्रह योगों की भूमिका मुख्य होती है।
👉अनैतिक संबंध रोकने के लिये उपाय---
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1--👉एक दूसरे कि भावनाओं का सम्मान करते हुवे अपने अंदर समर्पण कि भावना रखनी चाहिए।
2--👉ऐसे अशुभ ग्रह योग का प्रभाव कम करने के लिए यह उपाय करें: ---
👉 प्रतिदिन शिव-पार्वतीजी का पूजन करें। पूरे विधि-विधान से हरितालिकातीज का व्रत रखें।
सोमवार का व्रत रखें। मोती की अंगुठी धारण करें।
माता-पिता का हृदय कभी ना दुखाएं और उनका या अन्य किसी बड़े व्यक्ति का अनादर बिल्कुल ना करें
👉मंगल ,राहु व शनि के उपाय करना चाहिए। हनुमान चालीसा एवं बजरंग बाण का पाठ करें। प्रतिदिन पीपल के वृक्ष को जल चढ़ाएं और सात परिक्रमा करें।
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