मोरपंख का महत्त्व 〰️〰️🌼 Jyotishacharya Dr Umashankar Mishra🌼9415087711--9235722996〰️〰️ ज्योतिष में मोरपंख को सभी नौ ग्रहों का प्रतिनिधि माना गया है, विशेष तौर पर मोरपंख के कुछ ऐसे उपाय बताए गए हैं जिन्हें किसी शुभ मुहूर्त में करने से सभी समस्याओं से तुरंत छुटकारा मिल जाता है। श्रीकृष्ण का श्रृंगार मोर पंख के बिना अधूरा ही लगता है। वे अपने मुकुट में मोर पंख भी विशेष रूप से धारण करते हैं। मोर पंख का संबंध केवल श्रीकृष्ण से नहीं, बल्कि अन्य देवी-देवताओं से भी है। शास्त्रों के अनुसार मोर के पंखों में सभी देवी-देवताओं और सभी नौ ग्रहों का वास होता है। प्राचीन काल में एक मोर के माध्यम से देवताओं ने संध्या नाम के असुर का वध किया था। पक्षी शास्त्र में मोर और गरुड़ के पंखों का विशेष महत्व बताया गया है। आइये जानते हैं मोर पंख आपके जीवन को किस तरह सुख- समृद्धि से भर देता है- * मोर का शत्रु सर्प है. अत: ज्योतिष में जिन लोगों को राहू की स्थिति शुभ नहीं हो उन्हें मोर पंख सदैव अपने साथ रखना चाहिए। * आयुर्वेद में मोर पंख से तपेदिक, दमा, लकवा, नजला और बांझपन जैसे दुसाध्य रोगों में सफलता पूर्वक चिकित्सा बताई गई है। * जीवन में मोर पंख से कई तरह के संकट दूर किये जा सकते हैं. अचानक कष्ट या विपत्ति आने पर घर अथवा शयनकक्ष के अग्नि कोण में मोर पंख लगाना चाहिए. थोड़े ही समय में सकारात्मक असर होगा। * धन-वैभव में वृद्धि की कामना से निवेदन पूर्वक नित्य पूजित मन्दिर में श्रीराधा-कृष्ण के मुकुट में मोर पंख की स्थापना करके/करवाकर 40वें दिन उस मोर पंख को लाकर अपनी तिजोरी या लॉकर में रख दें. धन-संपत्ति में वृद्धि होना प्रारम्भ हो जायेगी। सभी प्रकार के रुके हुए कार्य भी इस प्रयोग से बन जाते हैं। * जिन लोगों की कुण्डली में राहू-केतु कालसर्प योग का निर्माण कर रहे हों उन्हें अपने तकिये के खोल में 7 मोर पंख सोमवार की रात्रि में डालकर उस तकिये का उपयोग करना चाहिए साथ ही शयनकक्ष की पश्चिम दिशा की दीवार पर मोर पंखों का पंखा जिसमें कम से कम 11 मोर पंख लगे हों लगा देना चाहिए। इससे कुण्डली में अच्छे ग्रह अपनी शुभ प्रभाव देने लगेंगे और राहू-केतु का अशुभत्व कम हो जायेगा। * अगर बच्चा जिद्दी होता जा रहा हो तो उसे नित्य मोर पंखों से बने पंखे से हवा करनी चाहिए या अपने सीलिंग फैन पर ही मोर पंख पंखुड़ियों पर चिपका देना चाहिए। * नवजात शिशु के सिरहाने चांदी के तावीज में एक मोर पंख भरकर रखने शिशु को डर नहीं लगेगा नजर इत्यादि का डर भी नहीं रहेगा। * कोई शत्रु ज्यादा तंग कर रहा हो मोर के पंख पर हनुमान जी के मस्तक के सिंदूर से मंगलवार या शनिवार रात्रि में उस शत्रु का नाम लिखकर के अपने घर के मन्दिर में रात भर रखें। प्रात:काल उठकर बिना नहाये-धोये बहते पानी में बहा देने से शत्रु-शत्रुता छोड़कर मित्रवत् व्यवहार करने लगता है. इस तरह मोर पंख से हम अपने जीवन के अमंगलों को हटाकर मंगलमय स्थिति को ला सकते हैं।श्री राधे।।।गुरु कृपा केवलं।।