सिद्धिविनायक ज्योतिष एवं वास्तु अनुसंधान केंद् विभव खंड 2 गोमती नगर की प्रस्तुति
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ज्योतिषाचार्य डॉ उमाशंकर मिश्र 94150 87711
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इन धातुओं के बर्तनों में भोजन बनाकर आप अपना
बुरा करते है
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दोस्तो,
एक समय हुआ करता था जब घर में सब्जी कढाई जो लोहे की हुआ करती थी उसमे या फिर पीतल के बरतन की कलाई की हुए बरतन में भोजन बना करता था। जिससे भोजन में स्वाद और पौष्टिकता बनी रहती थी। पर आजकल सस्ते के चक्कर में हम एल्युमिनियम,प्लास्टिक आदि बरतन के भोजन का प्रयोग कर स्वय एवम परिवार को जहर दे रहे है।
आइए इस जहर के बारे में गम्भीरता से समझे।
भारतीय संस्कृति, जो कि हमारे शास्त्र और पौराणिक इतिहास पर ही आधारित होकर चलती है, में पूजा के दौरान कुछ विशेष धातुओं के प्रयोग को जरूरी करार दिया गया है। ये कुछ ऐसी धातु हैं जिनका अधिकांशतः प्रयोग रसोईघर में बर्तनों के रूप में किया जाता था।
कहने का अर्थ ये है कि इन्हीं बर्तनों में भोजन या पानी ग्रहण कर व्यक्ति उत्तम जीवन और उत्तम स्वास्थ्य को प्राप्त करते थे।
मॉडर्न होते आज के युग में इन धातुओं के प्रयोग के स्थान पर लोग कांच, प्लास्टिक, मेलामाइन, एल्यूमीनियम, आदि से बने बर्तनों को उपयोग में लाने लगे हैं। निश्चित तौर पर इन वस्तुओं का व्यक्ति के भाग्य और उसके स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव पड़ता है।
सामान्य मनुष्य इस बात को समझ नहीं पाता और ताउम्र ये परेशानी उसे घेरे रहती है कि उसका भाग्य उसका साथ क्यों नहीं दे रहा।
खैर, आपको बता दें रसोईघर में आप जिस एल्यूमीनियम के बर्तन को सजाकर रखते हैं, वही आपके ऊपर सबसे ज्यादा नकारात्मक प्रभाव डालते हैं। इसका कारण ये है कि एल्यूमीनियम धातु पर राहु का ही प्रभाव होता है
चलिए जानते हैं एल्यूमीनियम के बर्तनों का प्रयोग करने से कौन-कौन से ग्रह प्रभावित होते हैं और वे किस तरह हमारे ऊपर नकारात्मक असर डालते हैं।
हिन्दू शास्त्रों में एल्यूमीनियम को सबसे निकृष्ट धातु करार दिया है। ऐसा कहा जाता है इसे घर में रखने से नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश घर में होने लगता है।
एल्यूमीनियम के बर्तनों में कभी दूध नहीं रखना चाहिए। क्योंकि चंद्रमा का ठंडा अमृत तुल्य प्रभाव एल्यूमीनियम के बर्तन की वजह से नष्ट हो जाता है।
एल्यूमीनियम के बर्तनों में सब्जी रखने या पकाने से बुध ग्रह प्रभावित होता है जो व्यक्ति से उसकी बुद्धि और सोचने-समझने की क्षमता छीन लेता है।
एल्यूमीनियम के बर्तन में पके चावल खाने से शुक्र ग्रह कमजोर होता है, उसकी स्थिति खराब होती है। शुक्र ग्रह की बिगड़ती स्थिति दांपत्य जीवन को नकारात्मक रूप से प्रभावित करती है।
इस धातु के बर्तन में दाल या फिर कोई पीली सब्जी पकाने से बृहस्पति की स्थिति कमजोर होती है। ऐसा होने पर व्यक्ति की सामाजिक और आर्थिक हालत बद से बदतर होने लगती है।
एल्युमीनियम के बर्तन भले ही सस्ते पड़ते हों, लेकिन हमारी हेल्थ पर इनका बहुत दुष्प्रभाव पड़ता है। इन बर्तनों में पके हुए खाने के सेवन से एक औसतन मनुष्य की बॉडी में प्रतिदिन 4 से 5 मिलीग्राम एल्युमीनियम चला जाता है। मानव शरीर इतने एल्युमीनियम को शरीर से बाहर करने में समर्थ नहीं होता है। गौर से देखने पर आप पाएंगे कि एल्युमीनियम के बर्तनों में बने भोजन का रंग कुछ बदल जाता है।
एल्युमिनियम वजन में हल्का होता है , तुरंत गर्म हो जाता है और सस्ता होता है। इन्ही गुणों के कारण इसका उपयोग रसोई में बहुतायत से होता है। विशेष कर प्रेशर कुकर दाल और सब्जी जल्दी बनाने के लिए काम में लिया जाता है।
एल्युमिनियम का प्रभाव
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स्वास्थ्य पर इसका बुरा प्रभाव इसलिए पड़ता है क्योंकि एल्युमीनियम खाने के साथ रिएक्शन करता है, विशेष रूप से एसिडिक पदार्थों से जैसे टमाटर आदि। रिएक्शन कर यह एल्युमीनियम हमारे शरीर में पहुँच जाता है। सालों तक यदि हम एल्युमीनियम में पका खाना खाते रहते हैं तो यह एल्युमीनियम हमारी मांसपेशियों, किडनी, लीवर और हड्डियों में जमा हो जाता है जिसके कारण कई गंभीर बीमारियां घर कर जाती हैं। इसलिए हमेशा लोहे अथवा मिट्टी के पात्रों में ही भोजन पकाया जाना चाहिए। यह आपके भोजन के स्वाद और आपकी सेहत दोनों के लिए अच्छा है।
क्या बीमारी देता है
एल्युमिनियम
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इससे होने वाली बीमारियां-
कमज़ोर याददाश्त और डिप्रेशन
मुंह के छाले
दमा
अपेंडिक्स
किडनी का फेल होना
अल्ज़ाइमर
आँखों की समस्याएं
डायरिया या अतिसार
एल्युमिनियम से बचने के
लिए क्या करें
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🧻 जहाँ तक संभव हो एल्युमिनियम के बर्तन में खाना ना पकायें।
🛢️ यदि एल्युमिनियम के बर्तन में खाना बना रहे हों तो धीमी आँच पर ही पकायें।
🔋 एल्युमिनियम के बर्तनों में खटाई युक्त भोजन बिलकुल न पकायें।
🛢️ एल्युमिनियम के बर्तन में अधिक देर तक दाल , सब्जी आदि ना रखे। कुकर में दाल या सब्जी पकाई हो तो इसे दूसरे बर्तन में जल्द खाली कर लें।
🛢️ एल्युमिनियम फॉइल में पैक करके खाना ना पकायें।
🛢️ डब्बा बंद भोजन में एल्युमिनियम तत्व मिले हो सकते हैं अतः नियमित इनका उपयोग ना करें।
🛢️ बाजार में मिलने वाली चीजें जो एल्युमिनियम के कंटेनर में पैक होती हैं उनमें इसकी मात्रा घुली हो सकती है। ऐसी चीजों का उपयोग कम करें।
🔋 कुछ कम्पनियाँ कोल्ड ड्रिंक आदि एल्युमीनियम के केन में बेचती हैं। ऐसे पेय में एल्युमीनियम घुला हो सकता है। इनका उपयोग टालें।
🔋 चाय , कॉफी आदि एल्युमिनियम के बर्तन में नहीं बनायें।
🔋 ताजा निकला हुआ संतरे का जूस , पाइनेपल का जूस , अंगूर का जूस , मौसमी का जूस आदि लें। इससे शरीर से एल्युमिनियम बाहर निकलने में मदद मिलती है।
🔋 एनोडाइज़ किये हुए एल्युमिनियम के बर्तन से नुकसान होने की संभावना कम होती है क्योंकि यह अधिक सख्त होता है और सफाई में भी आसान होता है। ऐसे बर्तन में पकाया भोजन में अपेक्षाकृत एल्युमिनियम कम घुलता है। इन्हे काम में लिया जा सकता है।
🔋 एल्युमिनियम पर टेफ़लोन या नॉन स्टिक कोटिंग करके भोजन में घुलने से बचाया जाता है। हालाँकि इन पर खाना तेज आँच पर नहीं पकाना चाहिए अन्यथा ये भी नुकसान देह हो सकते हैं।
दोस्तो, जिंदगी में हमेशा सस्ता मत देखो, क्योंकि आज जो कुछ हम कमा रहे खुद के एवम परिवार के लिए है। सस्ते के चक्कर में हम कई बार ऐसी वस्तुओं का उपयोग करते जो हम , हमारे व बच्चो के सेहत पर बुरा असर देती है।
एक ख़ास बात कई बार हम रोटी गरम रखने के लिए को एल्युमिनियम की फाइल में लपेट कर रखते उसे भी ज्यादा देर तक मत रखे।
देखिए मैने आपको ज्योतिष कारण एवम स्वास्थ्य दोनों तरह से एल्युमिनियम के उपयोग से नुकसान का बता दिया।
आगे आपकी मर्जी और आगे ईश्वर की कृपा
ज्योतिषाचार्य डॉ उमाशंकर मिश्र 94150 87711 9235 7229 96
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