*💐💐स्वास्थ्य संबंधित विशेष ध्यानपूर्वक पढ़े💐💐* ज्योतिषाचार्य डॉ उमाशंकर मिश्रा 94150 87711 *टमाटर करेगा कई रोगों का उपचार, जानिए क्यों ये है हेल्थ के लिए वरदान* 1 टमाटर में भरपूर मात्रा में कैल्शियम, फास्फोरस और विटामिन सी पाया जाता है। एसिडिटी की समस्या होने पर टमाटरों की खुराक बढ़ाने से इस समस्या से निजात मिलता है। 2 टमाटर में काफी मात्रा में विटामिन 'ए' पाया जाता है, जो हमारी आंखों के लिए बहुत फायदेमंद होता है। 3 टमाटर खाने से पाचन शक्ति बढ़ती है और गैस की समसा भी दूर होती है। 4 डॉक्टरो के अनुसार टमाटर के नियमित सेवन से श्वास नली बिल्कुल साफ रहती है और खांसी, बलगम की शिकायत खत्म होती है। 5 बच्चों को सूखा रोग होने पर टमाटर का रस पिलाने से फायदा होता है। साथ ही ये उनके तेजी से विकास में भी मदद करता है। 6 गर्भवती महिलाओं के लिए भी सुबह एक गिलास टमाटर के रस का सेवन फायदेमंद होता है। 7 डाइबिटीज व दिल के मरिजों की सेहत के लिए टमाटर बहुत उपयोगी होता है। 8 अगर पेट में कीड़े होने की शिकायक हो, तो सुबह खाली पेट टमाटर में पिसी हुई काली मिर्च लगाकर खाने से कीड़े मर कर निकल जाते हैं। आप चाहे तो काली मिर्च डले हुए टमाटर का सूप पी सकते हैं। 🍂🍃 🌹 आंतरिक गर्मी 🌹 🌹नीम के पत्तों का 20 से 50 मि.ली. रस 5 से 20 ग्राम मिश्री मिलाकर सात दिन पीने से गर्मी मिटती है। 🌹 सौंफ, जीरा एवं मिश्री रात को भिगोकर सुबह छानकर खाली पेट पीने से शरीर की गर्मी दूर होती है। 🌹 नींबू के रस में मिश्री डालकर शरबत पीने से भी गर्मी में राहत होती है। 🌹 कच्चे आम के छिलके उतारकर उसे पानी में उबाल लें। तत्पश्चात् उसके गूदे को ठंडे पानी में मसल-मसलकर रस बना लें व नमक, जीरा, शक्कर आदि स्वादानुसार मिलाकर पीने से गर्मी में लाभ होता है। 🌹गन्ने को चूसकर नियमित सेवन करने से पेट की गर्मी व हृदय की जलन दूर होती है। 🌹 गर्मियों में सिरदर्द हो, लू लग जाये, आँखें लाल हो जायें तब अनार का शरबत गुणकारी सिद्ध होता है। 🌹खाँसी में तुरंत लाभ हेतु🌹 🌹१) कच्ची हल्दी का रस पियें |(मात्र:बच्चोने के लिए पाँव से आधा तथा बड़ों के लिए १ चम्मच) 🌹२) अदरक का छोटा – सा टुकड़ा चूसें | 🌹३) २ – ३ काली मिर्च चूसें अथवा काली मिर्च चबाकर गुनगुना पानी पियें | 🌹४) अत्यधिक खाँसी में एक-एक चम्मच अदरक व नागरबेल (पान के पत्ते) के गुनगुने रस में थोडा सा पुराना गुड या शहद मिलाकर पीना उत्तम हैं| 1 कोरोना से जुड़ी ज्यादा खबरें ना देखे ना सुने , आपको जितनी जानकारी चाहिए आप पहले से ही जान चुके हैं। 2 कहीं से भी अधिक जानकारी एकत्र करने का प्रयास छोड़ें क्योंकि ये आपकी मानसिक स्तिथि को और ज्यादा कमजोर ही करेगा। 3. दूसरों को वायरस से संबंधित सलाह ना दें क्योंकि सभी व्यक्तियों की मानसिक क्षमता एक सी नहीं होती , कुछ डिप्रेशन अर्थात अवसाद का शिकार हो सकते हैं। 4. जितना संभव हो संगीत सुनें , अध्यात्म , भजन आदि भी सुन सकते है , बच्चों के साथ बोर्ड गेम खेलें , परिवार के साथ बैठकर आने वाले वर्षों के लिए प्रोग्राम बनाएं। 5.अपने हाथों को नियमित अंतराल पर अच्छे से धोएं , सभी वस्तुएं की सफाई भी करें , किसी भी नव आगंतुक को 1 मीटर दूर से मिले । 6 आपकी नकारात्मक सोच-विचार की प्रवृति डिप्रेशन बढ़ाएगी और वायरस से लड़ने की क्षमता कम करेगी दूसरी ओर सकारात्मक सोच आपको शरीर और मानसिक रूप से मजबूत बनाकर किसी भी स्तिथि या बीमारी से लड़ने में सक्षम बनाएगी । 7 अत्यंत आवश्यक ...विश्वास दृढ़ रखें कि ये समय शीघ्र ही निकलने वाला है और आप हमेशा स्वस्थ और सुरक्षित रहेंगे । सकारात्मक रहें -स्वस्थ रहें।🌸🌻ज्योतिषाचार्य डॉ उमाशंकर मिश्र 🌸 94150 87711 🌻🌸🌻🌸 *पैरो के तलवो की जलन दूर करने के घरेलू उपाय*। वैसे तो तलवों में जलन कभी कभार ही होता पर अगर यह हर वक्‍त रहे तो आपको एक्‍सपर्ट की सलाह जरुर लेनी चाहिये। तलवों में जलन तब होती है जब पैरों में खून का प्रवाह धीमा हो जाता है और यह तब होता है जब उम्र के साथ साथ पैरों की नसें क्षतिग्रस्‍त या फिर कमज़ोर हो जाती हैं। गर्मियों के दिनों में तलवों में जलन बढ़ जाती है। इसे चिकित्साशास्त्र के अनुसार हम न्यूरोपैथी या पैरेस्‍थीसिया भी कहते हैं। आप इसे आराम से कुछ घरेलू उपचार की सहायता से ठीक कर सकते हैं। वे लोग जो बूढे हो चुके हैं या फिर जिन्‍हें मधुमेह या फिर लंबे समय तक खड़े रह कर काम करने वालों को यह अधिकतर हो जाया करता है। अगर आपके भी तलवों में जलन रहती है तो आप नीचे दिये गए इन घरेलू उपचारों को आजमा सकते हैं। *मक्खन* मक्खन और मिश्री को बराबर मात्रा में मिलाकर लगाने से हाथ और पैरों की जलन दूर हो जाती है। *सरसों का तेल* हाथ-पैरों या पैरों के तलुवों में जलन होने पर सरसों का तेल लगाने से लाभ होता है। 2 गिलास गर्म पानी में 1 चम्मच सरसों का तेल मिलाकर रोजाना दोनों पैर इस पानी के अंदररखें। 5 मिनट के बाद पैरो को किसी खुरदरी चीज से रगड़कर ठण्डे पानी से धोने से पैर साफ रहते हैं और पैरों की गर्मी दूर होती है। *मेहंदी* मेहंदी और सिरके या नींबू के रस को मिला कर एक पेस्ट तैयार करें। पेस्ट को लगाने से जलन से छुटकारा मिलता है।सर्दी मे ये प्योग अपनी क्षमता अनुसार करे *अदरक* अदरक के रस में थोड़ा सा जैतून तेल या नारियल तेल मिक्‍स कर के गरम कर लें और इससे अपने एडियों तथा तलवों पर 10 मिनट के लिये मालिश करें। आप चाहें तो शरीर में खून के दौरे को बढाने के लिये रोज एक छोटा अदरक का टुकड़ा चबाएं। *विटामिन B3* विटामिन B3 खाने से तलवों के जलन से राहत मिलती है। इसके लिये आप दूध, मटर और बींस का सेवन कर सकती हैं। *धनिया* सूखे धनिये और मिश्री को बराबर मात्रा में लेकर पीस लें। फिर इसको 2 चम्मच की मात्रा में रोजाना 4 बार ठंडे पानी से लेने से हाथ और पैरों की जलन दूर हो जाती है। *नंगे पांव चलें* हरी घांस पर नंगे पांव चलने पर पैरों का ब्‍लड सर्कुलेशन बढ़ता है। *पैरों की मसाज* पैरों की मसाज करने से पैरों में खून का प्रवाह तेज बनता है, जिससे पैर ना ही जलते हैं और ना ही उनमें दर्द होता है। *सही प्रकार के जूते पहने* आपको कभी भी बहुत टाइट जूते नहीं पहनने चाहिये, नहीं तो वह पैरों के खून के प्रवाह को धीमा कर देता है। *लौकी* लौकी को घिस लें और या फिर उसके गूदे को निकाल कर पैरों के तलवों में लगाने से पैरों की गर्मी और जलन दूर होती है। *पैरों की जलन दूर करने में सहायक है सेब का सिरका* - सेब का सिरका शरीर के पीएच स्तर को संतुलित करने में तो मदद करता ही है साथ ही इसका उपयोग पैरों की जलन दूर करने में भी किया जाता है। एक से दो चम्मच, कच्चे और फ़िल्टर नहीं किए गए (unfiltered) सेब का सिरका गर्म पानी से भरे गिलास में मिलाएं। अच्छे परिणाम के लिए इसे रोज़ दिन में एक बार पियें। वैकल्पिक रूप से, गर्म पानी से भरे टब में दो बड़े चम्मच सेब का सिरका, समुद्री नमक या सेंधा नमक मिलायें। इस मिश्रण में पैरों को लगभग 20 मिनट के लिए रोज़ भिगोयें। आप कुछ ही दिनों में अच्छा परिणाम महसूस करेंगे। *पैरों की जलन दूर करे हल्दी के गुण* - हल्दी में करक्यूमिन (Curcumin) नामक यौगिक अच्छी मात्रा में होता है, जिससे आपके शरीर में रक्त संचरण में मदद मिलती है। इसके अलावा, हल्दी में अनुत्तेजक (anti-inflammatory) गुण होते हैं जो पैरों में जलन और दर्द को कम करने में मदद करते हैं। गर्म पानी के एक गिलास में एक से दो चम्मच हल्दी पाउडर मिलाकर पियें। बेहतर परिणामों के लिए यह प्रक्रिया नियमित रूप से दो बार करें। आप दो बड़े चम्मच हल्दी में पानी मिलाकर पेस्ट भी तैयार कर सकते हैं और कुछ दिनों के लिए प्रति दिन एक या दो बार प्रभावित क्षेत्र पर इसे लगा सकते हैं। *सेंधा नमक दिलाये पैरों की जलन से छुटकारा* सेंधा नमक आपके पैरों को जलन से तुरंत राहत दे सकता है। यह मैग्नीशियम सल्फेट से बना होता है जो सूजन और दर्द को कम करने में मदद करता है। इसके अलावा, यह नसों को ठीक से काम करने में मदद करता है। एक टब में आधा कप सेंधा नमक डालें। अब टब में गर्म पानी डालें और अच्छी तरह मिलायें। अपने पैरों को 10 से 15 मिनट के लिए इसमें भिगोयें। कुछ दिनों के लिए प्रतिदिन एक बार इस उपाय का पालन करें। *नोट* यह विधि शुगर, हाई ब्लडप्रेशर या हृदय रोग से पीड़ित लोगों के लिए उपयुक्त नहीं है, इसलिए इस उपाय को करने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श लें। *अदरक पहुंचाये पैरों की जलन में आराम*- अदरक आपके पैरों की जलन के लिए एक प्रभावी उपाय है। अदरक के गुण शरीर में रक्त परिसंचरण को बढ़ाते हैं, जिससे जलन में शीघ्र राहत मिलती है। *गर्म नारियल तेल या जैतून के तेल में एक चम्मच अदरक का रस मिलायें। रोज़ इस मिश्रण से 10 से 15 मिनट पैरों की मालिश करें। वैकल्पिक रूप से, आप रोज़ दो से तीन कप अदरक की गर्म चाय पी सकते हैं। जब तक आपको समस्या से राहत नहीं मिलती इन उपचारों का पालन करें। *करेला करे पैरों की जलन दूर*- आयुर्वेद में, करेला पैरों में होने वाली जलन के उपाय के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। एक मुट्ठी भर करेले की पत्तियां पानी के साथ पीस कर पेस्ट बना लें। इस पेस्ट को प्रभावित क्षेत्र पर लगायें आपको जल्द ही जलन से राहत मिलेगी। आवश्यकतानुसार इस प्रक्रिया को दोहरा सकते हैं। *पैरों की जलन दूर करने के लिए उपयोग करें ठंडा पानी* - ठंडा पानी पैरों की जलन दूर करने के सबसे अच्छे घरेलू उपचारों में से एक है। ठंडा पानी पैरों की सूजन, जलन और झनझनाहट से तुरंत राहत प्रदान करता है। एक टब में ठंडा पानी भरें। अपने पैरों को कुछ मिनट के लिए इसमें डुबोयें। थोड़ी देर के लिए बाहर निकाल लें और फिर दोबारा डुबोयें। यह प्रक्रिया दिन में कई बार दोहरायें। ठंडे पानी में ज्यादा देर तक या बर्फ में पैरों को नहीं रखें क्योंकि इससे और अधिक समस्या हो सकती है। 🌷🌹ज्योतिषाचार्य डॉ उमाशंकर मिश्र 🌷🌹94150 877 11 🌷🌹🌷 अरंडी के स्‍वास्‍थ्‍य लाभ बाल उगाए अगर आपके सिर पर बाल कम हैं या भौहों पतली हैं तो हर रोज अरंडी के तेल का प्रयोग करें। सोते समय भौहों पर या जहां बाल कम हैं हल्‍का अरंडी का तेल लगाएं। कुछ दिन तक नियमित प्रयोग करने से फर्क आपको दिखायी देने लगेगा। जोड़ों के दर्द से राहत दिलाए जोड़ों के दर्द के उपचार के लिए भी कैस्टर ऑयल फायदेमंद रहता है। इसमें मौजूद एंटी इंफलेमेटरी तत्व जोड़ों के दर्द को ठीक करता है। हर रोज कैस्टर ऑयल से जोड़ों पर मालिश करने से जोड़ों का दर्द अपनेआप ठीक हो जाएगा। जल जाएं तो अरंडी के तेल में थोड़ा सा चूना मिलाकर जले हुए स्थान पर लगाएं। इससे जले हुए घाव जल्दी ठीक हो जाते हैं। इसके अलावा अरंडी के पत्तों के रस में सरसों का तेल मिलाकर लगाने से भी लाभ होता है। सूजन करें दूर अरंडी के पत्तों पर सरसों का गर्म तेल लगाकर सूजन वाली जगह पर बांधे या चाहें तो अरंडी के तेल से सूजन वाली जगह पर मालिश करें इससे दर्द और सूजन में आराम मिलेगा। नाखूनों को चमकदार बनाए अरंडी के तेल को हल्का सा गर्म करें और इसमें अपनें हाथ के नाखूनों को कुछ देर के लिए डुबोएं और फिर मालिश करें। आप चाहें तो नाखूनों को डूबोने की जगह कॉटन की मदद से नाखूनों पर तेल लगाकर मालिश कर सकते हैं। इससे नाखून चमकने लगेगें। कब्ज की समस्या शोधों के मुताबिक अरंडी के तेल के प्रयोग से कब्ज की समस्या को दूर किया जा सकता है। सुबह एक चम्मच अरंडी का तेल लेने से कब्ज की समस्या में छुटकारा मिलता है। आप चाहें तो इसे संतरे के जूस, करौंदे का जूस या अदरक के जूस के साथ मिलाकर भी ले सकते हैं। ध्यान रहे तीन दिन से ज्यादा अरंडी का तेल ना लें। दाद दाद की समस्या से परेशान हैं तो अरंडी के तेल का प्रयोग करें। इसमें मौजूद अनडाइसीक्लीनिक एसिड फंगल इंफेक्शन को खत्म करने में मदद करता है। अंरडी के तेल को प्रभावित क्षेत्र पर पूरी रात लगे रहने दें। हर रात को सोने से पहले उस स्थान पर अरंडी का तेल लगाएं। त्वचा की समस्या त्वचा में किसी प्रकार का संक्रमण या सनबर्न, एक्ने या रूखी त्वचा होने पर अरंडी के तेल का प्रयोग कर सकते हैं। हर रोज सुबह और रात को अरंडी के तेल में कॉटन को डुबोएं और त्वचा पर लगाएं। नियमित रुप से इसके इस्तेमाल से त्वचा की सभी समस्याएं दूर हो जाएंगी। स्टाई की समस्या स्टाई आंखो से जुड़ी समस्या है जिसमें आंखों की पलकों काफी सुख जाती हैं जिससे उनमें से रूसी निकलने लगती है। अरंडी के तेल में मौजूद एंटीबैक्टेरियल तत्व पलकों में होने वाली इस समस्या को दूर करता है। दिन में दो या तीन बार तेल की थोड़ी सी मात्रा आंख के प्रभावित हिस्से पर लगाएं। झुर्रियों का इलाज अरंडी के तेल में मौजूद तत्व कोलेजन के निर्माण में साहयता करते हैं जिससे त्वचा मुलायम व नमीदार रहती है। यह झुर्रियों की समस्या को दूर करने का सबसे अच्छा प्राकृतिक उपाय है। यह त्वचा में जवां बनाए रखने में मदद करता है। 9415 087 711 घमौरियों को 5 मिनट में दूर करेंगी ये 5 औषधियां नीम की पत्तियां 9235 7 22996 नीम में एंटीबायोटिक गुण पाए जाते हैं, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही फायदेमंद होते हैं, इसलिए घमौरियां होने पर नीम की कुछ पत्तियों को उबाल कर, उस पानी से स्नान करें। ऐसा करने से आप को घमौरियों से राहत मिलती है। नीम और तुलसी की पत्तियों को लेकर एक पेस्ट तैयार करें फिर उसे घमौरियों वाले स्थान पर लगायें। ऐसा करने से आप को ठंडक के साथ-साथ राहत का एहसास होगा। फलों के रस का सेवन गर्मी के कारण शरीर में पानी की कमी और त्‍वचा के छिद्र बंद होने से घमौरियां होने लगती है। इससे बचने के लिए हमें अधिक मात्रा में तरल पदार्थ का सेवन करना चाहिए और रोगी को अधिक मात्रा में फलों के रस का सेवन करना चाहिए। ऐसे में घमौरियां ठीक होने लगती है। मुल्तानी मिट्टी का लेप मुल्तानी मिट्टी में पानी मिलाकर एक पेस्ट तैयार करें। उस पेस्ट को अपने शरीर पर अच्छे से लगाये और सूखने के बाद स्नान करें। इससे आप को गर्मी से होने वाली जलन से छुटकारा मिलेगा। एलोवेरा एलोवेरा से त्वचा की परेशानी को आसानी से दूर किया जा सकता है और यह घमौरियों को ठीक करने के लिए भी एक अच्छा विकल्प है। इसका गुदा निकाल कर लगाने से घमौरियां ठीक हो जाती है। चंदन का लेप चंदन से हमें ठंडक का एहसास होता है इसलिए घमौरियां होने पर चंदन का लेप लगाएं। आराम मिलेगा। स्वास्थ्य लाभ एंटीऑक्‍सीडेंट 94150 8 7711 अजमोद में लूटेओलिन एंटीऑक्‍सीडेंट होता है। जो फ्री-रेडिकल्‍स को शरीर से बाहर निकालने में मदद करता है। अजमोद में विटामिन ए और सी होता है, जो आपकी आंखों और त्वचा के लिए काफी फायदेमंद होता है। आप इसे खाने में स्‍वाद बढ़ाने के मसाले के तौर पर इस्‍तेमाल कर सकते हैं। सलाद पर डाल सकते हैं या फिर जूस में मिलाकर भी पी सकते हैं। ब्रेस्‍ट कैंसर में उपयोगी अजमोद में एपिजेनिन नामक तत्‍व पाया जाता है। यह तत्‍व ब्रेस्‍ट कैंसर के खतरे का कम करता है। अजमोद के सेवन से ब्रेस्‍ट कैंसर के ट्यूमर की संख्या को कम करने और उनके विकास को धीमा करने में मदद मिलती है। किडनी रोग में लाभकारी अजमोद किडनी की सफाई के लिए जाना जाता है। किडनी में मौजूद व्यर्थ पदार्थों को बाहर निकाल कर यह आपको स्वस्थ रखता है। अजमोद पेट की समस्याओं को दूर रखने में मदद करता है। यह देर तक भूख का एहसास नहीं होने देता है जिससे यह वजन को काबू में रखने में मदद करता है। कमजोरी दूर करे अगर आप कमजोरी महसूस करते हैं तो आपके लिए अजमोद का सेवन फायदेमंद हो सकता हैं। कमजोरी को दूर करने के लिए कॉफी में अजमोद की जड़ के बारीक चूर्ण को डालकर सेवन करने से लाभ मिलता है। लेकिन इसका सेवन करते समय इस बात का ध्यान रखें कि इसका प्रयोग मिर्गी के रोगी और गर्भवती महिलाओं के लिए हानिकारक होता है। श्वास रोगों में लाभकारी मांसपेश‍ियों की शिथिलता के कारण उत्पन्न श्वसन नली की सूजन और श्वास रोगों में अजमोद लाभकारी होता हैं। श्वास रोगों को दूर करने के लिए इसकी 3-6 ग्राम की मात्रा में दिन में तीन बार प्रयोग करें। दर्द और सूजन दूर करें अजमोद से बदन दर्द कुछ ही देर में छूमंतर हो जाता है। दर्द होने पर अजमोद को सरसों के तेल में उबालकर मालिश करनी चाहिए। या फिर अजमोद की जड़ का 3-5 ग्राम चूर्ण दिन में दो-तीन बार सेवन करना किसी भी तरह के दर्द और सूजन में लाभकारी होता है। हिचकी में आराम अगर आपको भोजन के बाद हिचकियां आती है तो अजमोद के 10-15 दाने मुंह में रखने से हिचकी बंद हो जाती है। या आप अजमोद को मुंह में रखकर उसका रस चूस लें इससे भी हिचकी से आराम मिलता है। उल्टी में लाभकारी उल्टियां होने पर अजमोद का सेवन काफी लाभकारी होता है। अजमोद के चूर्ण का सेवन उल्टी रोकने में काफी मदद करता है। अजमोद में लौंग और शहद मिलाकर चाटने से भी उल्टी आना बंद हो जाता है। गठिया की सूजन दूर करें अजमोद में मौजूद एंटी इंफ्लेमेटरी तत्‍व, लूटेओलिन और विटामिन सी के कारण यह एंटी इंफ्लेमेटरी एजेंट की तरह काम करता है। इसलिए अगर आप इसका उपयोग नियमित रूप से करते हैं तो आप ऑस्टियोआर्थराइटिस और गठिया की सूजन से अपने आप को दूर रख सकते हैं। इम्‍यून सिस्‍टम में मजबूती विटामिन ए और सी से परिपूर्ण अजमोद इम्‍यून सिस्‍टम को मजबूत बनाता है। इम्‍यून सिस्‍टम की मजबूती आपको विभिन्न संक्रमण और रोगों के खिलाफ लड़ने में मदद करती है। 94150 87711: फोड़े फुंसियों की समस्‍या फोड़े-फुंसियों जैसी त्‍वचा की समस्‍याओं का प्रमुख कारण रक्त का दूषित होना है। जब शरीर का रक्त द‍ूषित हो जाता है तो कुछ समय के बाद उसका प्रभाव बाहर त्वचा पर फोड़े- फुंसियां के रूप में नजर आने लगता है। कुछ घरेलू उपायों द्धारा बिना किसी साइड इफेक्‍ट के इसे दूर किया जा सकता है। 1-तुलसी तुलसी अपने एंटीसेप्टिक गुणों के कारण त्‍वचा की किसी भी समस्‍या को दूर करने में फायदेमंद होती है। फोड़े-फुंसियां होने पर सुबह खाली पेट चार-पांच तुलसी की पत्तो को चूसने से स्थाई लाभ मिलता है 2-मूली फोड़े-फुंसी की समस्‍या होने पर मूली के बीज बहुत फायदेमंद होते है। इसके लिए फोड़े-फुंसी, दाद या खुजली वाले स्थान पर मूली के बीज पानी में पीस कर गर्म करके लगाने से तत्काल लाभ होता है 3-नीम नीम की पत्तियों को पीस कर फोड़े-फुंसी वाले स्थान पर लगाने और पानी के साथ पीने से बहुत शीघ्र लाभ होता है। इसके अलावा नीम की पत्ते, छाल और निंबौली को बराबर मात्रा में पीसकर बने लेप को दिन में तीन बार लगाने से फोड़े फुंसियां और घाव जल्‍दी ठीक हो जाते हैं। 4-हल्‍दी हल्‍दी में एंटी-इंफ्लेमेंटरी गुण होते है। हल्‍दी रक्त को साफ करती है। फोड़े और फुसियों के होने पर हल्‍दी और अदरक का पेस्‍ट बना कर लगाने से फायदा होता है। इसके अलावा गर्म दूध के साथ हल्दी मिलाकर पीने से भी समस्‍या दूर हो जाती है। 923 5722 996: चावल के पानी में मौजूद प्रोटीन, विटामिन और एंटी-ऑक्सीडेंट की पर्याप्त मात्रा के कारण यह त्वचा में नमी बरकरार रहती है। इसके इस्तेमाल से त्वचा की रंगत निखरती है। चेहरे के दाग-धब्बों और झुर्रियों दूर होते है। इसके अलावा माड़ से त्वचा में कसावट आती है और पोर्स टाइट होते हैं। इन खूबियों के चलते यह पानी एक अच्छा क्लींजर भी है। इस्‍तेमाल का तरीका----- ------------------------- एक कप चावल को अच्‍छी तरह से साफ करके पानी में भिगो दें। आधे घंटे के बाद जब चावल में मौजूद पोषक तत्‍व पानी में घुल जाये तो बर्तन को गैस में रख दें और चावल को पकने दें। चावल पकने के बाद उसका माड़ निकाल लें और इसे ठंडा होने के लिए छोड़ दें। फिर इस पानी से अपने चेहरे पर हल्के हाथों से मसाज करें। मसाज करने के 10 मिनट बाद चावल के पानी से ही अपना चेहरा धोकर सूखे कपड़े से चेहरा पोंछ लें। आपको तुरंत अपनी त्वचा में बदलाव नजर आने लगेगा। बालों के लिए फायदेमंद----- ----------------------------- त्‍वचा के साथ-साथ बालों के लिए भी चावल का पानी बहुत फायदेमंद होता है। अगर आप पतले और बेजान बालों की समस्‍या से परेशान है तो चावलों के पानी से बालों को धोये। चावल के पानी से बालों को धोने से बाल घने होने के साथ-साथ बालों में चमक भी बनी रहती है। चावल के पानी को अपने बालों में लगाकर 20 मिनट के लिए छोड़ दें। फिर शैम्‍पू और कंडीशनर से धो लें। आप महंगे ट्रीटमेंट के बिना पा सकते हैं, सुंदर और चमकीले बाल। (लेकिन इस उपाय को अपनाने से पहले चिकित्‍सक से सलाह जरूर लें।) [: फेफड़ों की कमजोरी दूर करेंगे यह रामबाण घरेलु उपचार | औषधिय उपचार १] पालक : खांसी, गले की जलन व फेफड़ों(fefdo) में सूजन होने पर पालक के रस से कुल्ला करना चाहिए। २] दूध : दूध में 5 पीपल व चीनी मिलाकर गर्म करके प्रतिदिन सुबह-शाम पीने से खांसी तथा फेफड़ों(fefdo) की कमजोरी दूर होती है। ३] तुलसी : तुलसी के सूखे पत्ते, कत्था, कपूर और इलायची समान मात्रा में लेकर 9 गुना चीनी मिलाकर बारीक पीस लेते हैं और यह चुटकी भर की मात्रा में लेकर प्रतिदिन सुबह-शाम सेवन करें। इससे फेफड़ों में जमा कफ नष्ट होकर निकल जाता है। नोट :- तुलसी के पत्तों की जगह “तुलसी अर्क “का प्रयोग भी किया जा सकता है | ४] मुनक्का : मुनक्का के ताजे और साफ 15 दाने को रात में 150 मिलीलीटर पानी में भिगों दे। सुबह इसके बीज निकालकर फेंक दें और गूदा एक-एक करके खूब चबा-चबाकर खाएं। बचे हुए पानी में थोड़ी सी चीनी मिलाकर या बिना चीनी मिलाएं ही पी लें। 1 महीनें तक मुनक्का का सेवन करने से फेफड़ों (fefdo)की कमजोरी और विषैले मवाद नष्ट हो जाते हैं। इसके फलस्वरूप दमा के दौरे भी बन्द होते हैं। इससे पुरानी खांसी, नजला और पेट की खराबियां दूर होती है। कब्ज, बवासीर, नकसीर तथा मुंह के छालों के लिए भी यह बहुत लाभकारी है। इसके सेवन से मूत्र खुलकर आता है तथा खून में लाल कणों की मात्रा बढ़ जाती है। खून शुद्ध होता है और खून, वीर्य व बल बढ़ता है। ५] शहद : शुद्ध “अच्युताय हरिओम संजीवनी शहद ” एक चम्मच की मात्रा में प्रतिदिन सेवन करने से व्यक्ति के फेफड़े (fefdo)मजबूत होते हैं। इसका 1-2 महीने उपयोग करना चाहिए। ध्यान रहें कि रोग के नष्ट होने के बाद केवल स्वाद के लिए बिना किसी आवश्यकता के शहद का सेवन न करें। ६] अंगूर : फेफड़ों के सभी प्रकार के रोग जैसे यक्ष्मा, खांसी, जुकाम और दमा आदि के लिए अंगूर का सेवन करना बहुत लाभकारी होता है। ७] अंजीर : फेफड़ों के रोगों में 5 अंजीर को एक गिलास पानी में उबालकर पीना चाहिए। इसका सेवन प्रतिदिन सुबह-शाम करने से फेफड़ों का रोग नहीं होता। ८] लहसुन : लहसुन के प्रयोग से कफ नष्ट होता है। इसलिए खाना खाने के बाद लहसुन का सेवन करना चाहिए। ९] मुलहठी : मुलहठी फेफड़ों की सूजन, गले में खराश, सूजन, सूखी कफ वाली खांसी में लाभ करती हैं। मुलहठी फेफड़ों को बल देती है अत: फेफड़ों सम्बंधी रोगों में लाभकारी हैं। इसको पान में डालकर खाने से लाभ होता हैं। टी.बी. (क्षय) रोग में भी इसका काढ़ा बनाकर उपयोग किया जाता है। १०] गुलाब : 1 कप गुलाब जल को चौथाई कप पानी के साथ दिन में 2-3 बार पीने से सीने में जलन तथा जी मिचलाना आदि रोग दूर हो जाते हैं। ११] शहतूत के पत्ते : शहतूत के पत्तों से लीवर, फेफड़ों (fefade)के रोग, फेफड़ों की जलन जिससे ज्वर, सिरदर्द, कण्ठ दर्द, खांसी दूर होती है। आंखों में दर्द, ललाई, पानी आता हैं और खून की उल्टी आदि में लाभ होता है। विशेष :, ★ गहरे श्वास की प्रक्रिया के फलस्वरूप फेफड़ों द्वारा रक्तकोष तथा मस्तिष्क का अधिकाधिक ऑक्सीजन मिलती है तथा अवांछित जलीय और गैसीय तत्वों को निष्कासन होता है। इससे सम्पूर्ण शरीर शुद्ध और तरोताजा हो आकर्षक हो जाता है। ★ वर्तमान समय में आज लम्बी दौड़ के स्थान पर टहलने और खतरों भरे भारी व्यायाम की जगह हल्के व्यायाम का चलन बढ़ रहा है। ★भारतीय ऋषियों ने स्वास्थ्य को बनाये रखने के लिए सूर्योदय से पहले ब्रहममुहूर्त में उठने और सुबह के समय टहलने पर बहुत जोर दिया है। ★ आजकल पैदल चलना छोड़कर अधिकाधिक वाहन निर्भरता ही हृदय रोग, मधुमेह, उच्च रक्तचाप जैसे रोगों को प्रमुख कारण बन गया है। ★ प्रतिदिन 3-4 किलोमीटर पैदल चलने वाले व्यक्तियों को दिल की बीमारी और डायबिटीज नहीं होती है। टहलने के बाद गहरी सांस की प्रक्रिया ★टहलने के बाद गहरी सांस की प्रक्रिया से फेफड़े(fefade) रोग नहीं होते हैं बल्कि सदाबहार यौवन से युक्त रहते हैं। ★ इसके लिए सुबह टहलते समय आपको केवल इस क्रिया का अहसास करना है कि जब श्वास भीतर लें तब श्वास सरलता पूर्वक नाक के अन्दर खींचे और जब श्वास छोड़े तब मुंह से लंबी फूंक मारते हुए बलपूर्वक आधिकाधिक श्वास बाहर निकाले। ★ मुंह से बलपूर्वक अधिक लंबा सांस छोड़ने के बाद जब आप मुंह बन्दकर नाक श्वास से आसानीपूर्वक लेंगे तो श्वास स्वत: ही गहरी हो जाएगी 9415 087 711 चाय पीने के बाद क्या सावधानियां बरतनी चाहिए? 1. भूलकर भी हमें खाली पेट चाय पीने के बाद भीगे हुए चने नहीं खाने चाहिए वरना इससे हमें शरीर पर सफेद दागों की बीमारी हो जाती है। 2. चाय पीने के बाद हमें कभी भी तुरंत पानी नहीं पीना चाहिए वरना इससे हमारे बाल बहुत जल्दी टूट जाएंगे और साथ ही साथ हमारे चेहरे पर भी झुर्रियां पड़ने लग जाती हैं। 3. हमें कभी भी दूध वाली चाय पीने के बाद नींबू नहीं खाना चाहिए वरना यह हमारे पेट में जाकर जहर बना देता हैं। 4. चाय पीने के बाद कभी भी हमें हल्दी और बेसन भी नहीं खाना चाहिए क्योंकि इससे हमारे बाल बहुत जल्दी सफेद होने लग जाते हैं। चाय बनने के कम-से-कम तीन मिनट बाद ही चाय का सेवन करें। ऐसा करने से वह नुकसानदायक नहीं होगी। चाय पीने के तुरंत बाद पानी नहीं पीना चाहिए. चाय पीने के तुरंत बाद खाना भी नहीं खाना चाहिए. दूध पीकर कुल्ला करना चाहिए और चाय पीकर नहीं। इसके अलावा गर्म चाय पीने के तुरंत बाद ठंडी चीज़ें नहीं खानी चाहिए।ये हमारे दांतों को तो ख़राब करता ही है इसके अलावा पेट में एसिडिटी होने का डर रहता है। चाय के साथ आप नमकीन खाएं,मेवे खाएं, या कुकीज़, बिस्किट्स खाएं। चाय पीने के बाद आप फल न खाएं। कोल्डड्रिंक या जूस न लें। हां एक घंटे बाद आप जो चाहें ले सकते हैं चाय पीने के कुछ देर बाद लगेगी प्यास... (10 मिनट से 30 मिनट के अंदर) ये कुछ लोगों के साथ तुरंत होता है और कुछ लोगों के लिए थोड़ी देर बाद, लेकिन चाय पीने के बाद प्यास लगती है. वैसे तो चाय बहुत हाइड्रेटिंग ड्रिंक है क्योंकि इसमें शक्कर, एसिड आदि सब होता है, लेकिन फिर भी शरीर के साथ कुछ ऐसा रिएक्शन होता है कि प्यास लगे इसलिए चाय पीने के बाद प्यास लगती है. दिन भर में ज्यादा चाय पीने के नुकसान... सोशल मीडिया पर इस बारे में बहुत बहस चलती देखी कि चाय को नैशनल ड्रिंक घोषित कर देना चाहिए. ज्यादा चाय पीने वाले लोगों में किस तरह के सेहत में बदलाव दिखते हैं वो भी सोचने वाली बात है. 2012 की ग्लासगो यूनिवर्सिटी की एक स्टडी के अनुसार जो पुरुष ज्यादा चाय पीते हैं उन्हें 50% प्रोस्टेट (पौरुष ग्रंथी) का कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है. बहुत ज्यादा गर्म चाय पीने के नुकसान... जो लोग बहुत गर्म चाय पीते हैं उन्हें फूड पाइप की छोटी-मोटी समस्या से लेकर भोजन नली के कैंसर तक बहुत कुछ हो सकता है. ईस्ट केंट हॉस्पिटल यूनिवर्सिटी NHS फाउंडेशन के एक नाक, कान, गला विषेशज्ञ (ENT) सर्जन हेन्री शार्प का कहना है कि अगर बहुत गर्म चाय पी जाए तो ब्लडवेसल यानी रक्त कोशिकाओं को नुकसान पहुंचता है. इसके कारण नाक से खून बहना या शरीर में अन्य समस्याएं हो सकती हैं. अगर किसी की नाक से खून निकल रहा हो तो उसे वैसे भी अगले 24 घंटे तक कुछ भी गर्म पीने से बचना चाहिए... अगर किसी को बहुत गर्म चाय पीने की आदत है तो उसे चाय थोड़ी ठंडी कर पीनी चाहिए. नसों की बीमारी हो तो चाय न पिएं .. सिर दर्द आदि के समय चाय पीना असल में सेहत के लिए सही नहीं है... अगर नसों की बीमारी जैसे न्यूरेस्थीनिया हो तो पेशंट को चाय या कॉफी से दूर रहना चाहिए क्योंकि इससे नींद पर असर पड़ता है. अगर पीनी भी है तो सुबह के वक्त पिए.. दोपहर और शाम को नहीं. बहुत स्ट्रॉन्ग चाय असल में सही नहीं... चाय में मौजूद अधिकतर मिनरल पानी में घुलने वाले होते हैं. अगर चाय बनाते समय बहुत ज्यादा पत्ती डाली जाए तो एक कप चाय में कैफीन की मात्रा बहुत बढ़ जाएगी. इसी के साथ टैनिक एसिड भी होगा. इसके कारण चाय काली और कड़वी होती जाती है. ये कैमिकल भी शरीर को नुकसान पहुंचाते हैं. चाय पीने के बाद हमें नहाना नहीं चाहिए 3 कप से ज्यादा चाय पीने पर प्रोस्टेट कैंसर होने की आशंका बढ़ जाती है। ग्लासगो विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने 4 दशक तक 6 हजार से ज्यादा लोगों पर नजर रखी और पाया कि जो लोग दिन भर में 3 कप या इससे ज्यादा चाय पीने वालों में प्रोस्टेट कैंसर होने की आशंका 50 प्रतिशत ज्यादा थी। 1-चाय पीते तो ग्रीन टी पीये। 2-बिना दूध और शक्कर के पीये। 3-खाने के 45मिनट बाद पीये। 4-उसके आधे घण्टे बाद तक कुछ नहीं ले। चाय में कैफीन और टैनिन होते हैं जो कि शरीर में ऊर्जा भर देते हैं। लेकिन लोग खाली पेट बहुत अधिक दूध वाली चाय पीने से थकान का एहसास होता है। चाय में दूध मिलाने से एंटीऑक्‍सीडेंट का असर खतम हो जाता है। चाय में एल्युमिनियम जैसे कई टॉक्सिंस पाये जाते हैं जिसके कारण लोगों को स्किन प्रॉब्लम भी होते हैं । जैसे चेहरे पर पिंपल्स या रैशेज पड़ जाना। चाय में फ्लोराइड की मात्रा सबसे अधिक होती है। चाय को गर्म-गर्म पिया जाता है, इससे आँतों पर इसका बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है। गर्म-गर्म चाय पेट और आँतों में काफी समय तक पड़ी रहती है और हमारी पाचन शक्ति को बिगाड़ देती है। आपके हाथ पैरों में अगर बहुत दर्द होता है तो उसकी वजह चाय ही है. चाय का असर हमारी हड्डियों पर पड़ता है। वह गलने लगती हैं। कम उम्र में ही दर्द होना, सोते वक़्त दर्द होना। यह सब चाय की वजह से ही होता है। ठंडे इलाकों में रहने वाले लोगों का ब्लडप्रेशर लो रहता है। लेकिन हमारे यहाँ ऐसा कुछ ही दिन होता है जब अधिक सर्दी होती है। बाकी समय में चाय पीने से हमारा ब्लडप्रेशर तुरंत हाई हो जाता है। अब आपका ब्लडप्रेशर लो है तो आप चाय पि लीजिये लेकिन बाकी लोगों के लिए चाय जहर होती है। चाय पीने से शरीर में केलोस्ट्रोल की मात्रा बढ़ जाती है। अर्थात खून में कचरा बढ़ता है और दिल तक खून पहुंचना मुश्किल होने लगता है. बाद में हार्ट प्रोब्लम्स हो जाती हैं। चाय को हमेशा स्टील के बर्तन में कांच के गिलास में पीने की कोशिश करें इसे प्लास्टिक या तो कागज ग्लास का उपयोग कम से कम ही करें या तो ना ही यूज़ करें तो ज्यादा अच्छा रहेगा इसमें जो भी प्लास्टिक होता है चाय गर्म होने की वजह से वह प्लास्टिक चाय में घुल जाता है और उसके द्वारा हमारे बॉडी में पहुंच जाता है| चाय पीने के फायदे ☕☕सर्दी में कमी करने के लिए, वजन कम करने के लिए और हैंगओवर रोकथाम के लिए इत्याेदि. अब आधुनिक वैज्ञानिक अनुसंधान ने चाय को स्वास्थ्य के लिए लाभकारी भी बता दिया है. चाय में होती हैं ये प्रोपर्टीज यह सच है कि चाय चाहे काली चाय हो या ग्रीन चाय या किसी और फ्लेवर की, सभी चाय में एंटीऑक्सीोडेंट्स, एंटी कैटेचिन्स और पोलीफेनॉल्स होते है जो हमारे शरीर को सकारात्मक रूप से प्रभावित करते हैं. अलग-अलग तरह की चाय आइये जानें किस प्रकार अलग-अलग तरह की चाय रंग के अनुसार हमारी सेहत को प्रभवित करती है ग्रीन टी हरी चाय मूत्राशय, स्तन, फेफड़े, पेट, अग्नाशय के लिए एंटीऑक्सीडेंट का काम करती है और कोलोरेक्टल कैंसर के विकास की रोकथाम में फायदा करती है. . धमनियों के क्लोग्गिंग रोकने, वसा कम करने में, मस्तिष्क परऑक्सीडेटिव तनाव प्रतिक्रिया को कम करने, अल्जाइमर और पार्किंसंस रोग जैसी मस्तिष्क संबंधी बीमारियों के खतरे को कम करने, स्ट्रोक का खतरा कम करने और कोलेस्ट्रॉल के स्तर में सुधार में मदद करती है ब्लैकक टी काली चाय में सबसे ज्यादा कैफीन सामग्री है. अध्ययनों से पता चला है काली चाय सिगरेट के धुएं के संपर्क की वजह से फेफड़ों को नुकसान से रक्षा करती है. यह स्ट्रोक का खतरा भी कम करती है. प्रदूषण के प्रभाव को करती है कम प्रदूषण के प्रभाव को करती है कम चाय में एंटीऑक्सीडेंट शामिल होता है. चाय उम्र बढ़ने और प्रदूषण के प्रभाव के प्रकोपों से आपके शरीर की रक्षा करती है.चाय में कॉफी के मुकाबले कम कैफीन होती है. स्ट्रोक और हार्ट अटैक का खतरा कम चाय दिल का दौरा और स्ट्रोक के जोखिम को कम कर सकती है. चाय पीने की वजह से धमनियां चिकनी और कोलेस्ट्रॉल से मुक्त हो जाती हैं. अध्ययन में पाया गया कि चाय पीने वालों की हड्डियां,अधिक उम्र, अधिक वजन, व्यायाम, धूम्रपान और अन्य रिस्क फैक्टरों के बावजूद भी मजबूत इम्यूदन सिस्टहम होता है चाय पीने से आपके शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को संक्रमण से लड़ने में बहुत मदद मिलती है. सर्दी-जुखाम जैसी आम बीमारियां चाय पीने से एक दम गायब हो जाती हैं. कैंसर से बचाव चाय कैंसर के विरुद्ध सुरक्षा करती है क्योंकि इसमें पॉलीफिनॉल और एंटीऑक्सीडेंट मिला होता है. इन दोनों के प्रभाव कैंसर से लड़ने के लिए बहुत मदद करते हैं. *बवासीर के घरेलु उपचार* *1. 15 ग्राम काले तिल पिसकर, 10-15 ग्राम मख्खन के साथ मिलाकर सुबह सुबह खा लो । कैसा भी बवासीर हो मिट जाता है* *2. नारियल की जटा लीजिए। उसे माचिस से जला दीजिए। जलकर भस्म बन जाएगी। इस भस्म को शीशी में भर कर ऱख लीजिए। कप डेढ़ कप छाछ या दही के साथ नारियल की जटा से बनी भस्म तीन ग्राम खाली पेट दिन में तीन बार सिर्फ एक ही दिन लेनी है। ध्यान रहे दही या छाछ ताजी हो खट्टी न हो। कैसी और कितनी ही पुरानी पाइल्स की बीमारी क्यों न हो, एक दिन में ही ठीक हो जाती है।* *3. बड़ी इलायची को पचास ग्राम की मात्रा में तवे पर भून लें। और जब यह ठंडी हो जाए तब इसे कूट कर इसका चूर्ण बना लें। रोज सुबह पानी के साथ इस चूर्ण का सेवन करें। इस घरेलू उपचार से आपको बवासीर से राहत मिलेगी।* *4. करीब दो लीटर ताजी छाछ लेकर उसमें 50 ग्राम जीरा पीसकर एवं थोड़ा-सा नमक मिला दें। जब भी पानी पीने की प्यास लगे तब पानी की जगह पर यह छाछ पी लें। पूरे दिन पानी के बदले में यह छाछ ही पियें। चार दिन तक यह प्रयोग करें। मस्से ठीक हो जायेंगे। चार दिन के बदले सात दिन प्रयोग जारी रखें तो अच्छा है।* *5. छाछ में सोंठ का चूर्ण, सेंधा नमक, पिसा जीरा व जरा-सी हींग डालकर सेवन करने से बवासीर में लाभ होता है।* *6. नीम का तेल मस्सों पर लगाने से एवं 4-5 बूँद रोज पीने से लाभ होता है।* *👉🏻बवासीर में क्या खाये :* 94150 87711 1.करेले का रस, लस्सी, पानी। 2. दलिया, दही चावल, मूंग दाल की खिचड़ी, देशी घी। 3.खाना खाने के बाद अमरुद खाना भी फायदेमंद है। 4. फलों में केला, कच्चा नारियल, आंवला, अंजीर, अनार, पपीता खाये। 5. सब्जियों में पालक, गाजर, चुकंदर, टमाटर, तुरई, जिमीकंद, मूली खाये। *👉🏻बवासीर में परहेज क्या करे:* 923 5722 996 1. तेज मिर्च मसालेदार चटपटे खाने से परहेज करे। 2. मांस मछली, उडद की दाल, बासी खाना, खटाई ना खाएं। 3. डिब्बा बंद भोजन, आलू, बैंगन, शराब, तम्बाकू, जादा चाय और कॉफ़ी के सेवन से भी बचे आयुर्वेदिक उपचार 🎋🍃🍂🌴🌱🌿 गले की खराश👇🏻 चाय की पत्तियों को उबालकर पीने से गले की खराश दूर हो जाती है। इस पानी को आप गरारा करने के लिए भी इस्तेमाल कर सकते हैं। बच्चों में बुखार, खांसी और उल्टी जैसी सामान्य समस्याओं में तुलसी बहुत फायदेमंद है। : आयुर्वेदिक उपचार 🎋🍃🌿🌱🌴🍂 श्वास संबंधी समस्याओं का उपचार करने में तुलसी खासी उपयोगी साबित होती है। शहद, अदरक और तुलसी को मिलाकर बनाया गया काढ़ा पीने से ब्रोंकाइटिस, दमा, कफ और सर्दी में राहत मिलती है। नमक, लौंग और तुलसी के पत्तों से बनाया गया काढ़ा इंफ्लुएंजा (एक तरह का बुखार) में फौरन राहत देता है। आयुर्वेदिक उपचार 🎋🌾🍀☘️🍂🌿 ग्वारपाठे के रस में हरिद्रा के चूर्ण को मिलाकर इससे स्तनों पर लेप करें। इससे स्तनों पर होने वाली सूजन और जलन दोनो दूर हो जाती है। 🙏🏻 : आयुर्वेदिक उपचार 9415 087 711 🎋🌿🍀🌾🌴🌱 रोजाना एक गिलास एलोवेरा जूस पीने से वजन घटने लगता है। इसके सेवन से बार-बार भूख नहीं लगती है। साथ ही, डायजेस्टिव सिस्टम ठीक रहता है। एलोवेरा जूस में कई पोषक तत्व होते हैं। [ 9235 722 996 🌺औरतों को प्रभावित करने वाली सबसे आम समस्याओं में से एक है सेल्युलाईट। एक अनुमान के अनुसार 90% से ज़्यादा महिलायें इससे पीड़ित होती हैं। इस लेख में सेल्युलाईट का मुकाबले करने के लिए हम आपको 6 शानदार हर्बल ड्रिंक के बारे में बताने जा रहे हैं। 🌻इससे हमारे शरीर का कनेक्टिव टिशू प्रभावित होता है। हमारे शरीर में मौजूद तरल पदार्थ और चर्बी उसी में जमा होते हैं। हमारी त्वचा पर दिखाई देने वाले छोटे-छोटे डिंपल्स के लिए वे ही ज़िम्मेदार होते हैं। 🌾आमतौर पर सेल्युलाईट कूल्हों, पेट और टांगों पर ही दिखाई देता है। लेकिन कभी-कभी यह हमारे शरीर के ऊपरी हिस्से, ख़ासकर हमारी बाज़ुओं पर भी हो सकता है। 🌸हालांकि सेल्युलाईट किसी गंभीर बीमारी का लक्षण तो नहीं होता, उसके पीछे हॉर्मोन असंतुलन, फ्लूइड रिटेंशन या फ़िर लिम्फेटिक प्रणाली की किसी समस्या का हाथ हो सकता है। 🌸खुशकिस्मती से, हमारी खूबसूरती पर ग्रहण लगाने वाली इस परेशानी को कम करने के कई तरीके और इलाज मौजूद हैं। उनसे न सिर्फ़ आपकी त्वचा बेहतर दिखने लगती है, बल्कि आपके आत्मविश्वास और आत्मसम्मान भी बढ़ता है। 🌼इस पोस्ट में हम आपको सेल्युलाईट का मुकाबला करने वाली 6 ऐसी रोचक हर्बल ड्रिंक के बारे में बताना चाहेंगे। ये इस समस्या का असर घटाने वाली बाकी अच्छी आदतों को और भी कारगर बना देती हैं। 🥀इन्हें आज़माकर देखना न भूलें! 🌾1. सिंहपर्णी की चाय (Dandelion tea) 🌺सिंहपर्णी या कुकरौंधा की चाय का सेवन शरीर में सेल्युलाईट की मात्रा कम करने वाली प्रक्रिया में तेज़ी लाने के सबसे कारगर घरेलू उपायों में से एक है 🍃इसकी मूत्रवर्धक और सूजनरोधी खूबियाँ हमारे शरीर के टिशूज़ से तरल पदार्थों की अतिरिक्त मात्रा को निकाल बाहर करती हैं। इस समस्या से निपटने में उसकी ये खूबियाँ निर्णायक भूमिका निभाती हैं। 🌺सामग्री 🍃एक चम्मच डंडेलियन (10 ग्राम) 🍃एक कप पानी (250 मिलीलीटर) 🍂बनाने व सेवन की विधि 🌾एक चम्मच डंडेलियन को एक कप उबलते पानी में डालकर उसे 15-20 मिनट के लिए छोड़ दें। बेहतरीन नतीजों के लिए उसे दिन में 2-3 बार पिएं। इसे भी पढ़ें : सेल्युलाईट से पाएं छुटकारा, जानें कैसे बनता है एल्कोहल और रोजमेरी ट्रीटमेंट 🌷2. हॉर्सटेल चाय (Horsetail tea) अश्वा पुच्छा या हॉर्सटेल से बनी इस औषधीय ड्रिंक में सफ़ाई करने वाली और मूत्रवर्धक खूबियाँ हैं। इससे शरीर से टॉक्सिन और जमे हुए तरल पदार्थ को बाहर निकालने में मददगार मिलती है। उसमें मौजूद कंपाउंड रक्तसंचार में सुधार लाकर चर्बी और मल आदि के जमाव को कम करने में शरीर की मदद करते हैं। 🌻सामग्री 🌾एक चम्मच हॉर्सटेल (10 ग्राम) 🌸एक कप पानी (250 मिलीलीटर) 🌷बनाने व सेवन की विधि 🍃एक कप पानी को गर्म करें। उसके गर्म हो जाने पर उसमें एक चम्मच हॉर्सटेल डाल दें। फिर उस मिश्रण को दस मिनट के लिए काढ़ा होने दें। दस मिनट के बाद उसे छानकर खाली पेट पी लें। रोज़ सुबह या हफ्ते में कम से कम तीन बार उसे उतनी ही मात्रा में पिएं। 🌷3. ग्रीन टी (Green tea) अपने कमाल के मूत्रवर्धक और डीटॉक्सिफाईंग गुणों के चलते सेल्युलाईट और चर्बी के जमाव से निपटने के लिए ग्रीन टी सबसे कारगर हर्बल ड्रिंक्स में से एक है। 🍂उसके सक्रिय औषधीय कंपाउंड्स आपकी मेटाबोलिक गतिविधियों में सुधार लाते हैं और सूजन व लिम्फेटिक रोगों की चपेट में आ जाने की आपकी शारीरिक प्रवृत्ति को कम कर देते हैं। 🍂सामग्री एक चम्मच ग्रीन टी (10 ग्राम) एक कप पानी (250 मिलीलीटर) बनाने व सेवन की विधि एक चम्मच ग्रीन टी को एक कप पानी में डालकर उसे 3-5 मिनट तक उबलने दें। तैयार हो जाने पर उसे छांटकर पी लें। रोज़ाना दो कप पिएं। इसे भी आजमायें : रोज़ाना ग्रीन टी पीने का हमारे शरीर पर क्या असर होता है? 🌼4. हॉर्स चेस्टनट टी (Horse chestnut tea) न सिर्फ़ सेल्युलाईट का मुकाबला करने में, बल्कि अपने शरीर के निचले हिस्से में रक्तसंचार को भी बेहतर बनाने में हॉर्स चेस्टनट टी मददगार होती है। 🌼इस ड्रिंक के सूजनरोधी और खून के थक्के बनने से रोकने वाले गुण सेल्युलाईट का मुकाबला करते हैं, टांगों को आराम पहुंचाते हैं व दिनभर के आपके दर्द और चिंता को कम कर देते हैं। 🥀सामग्री एक चम्मच हॉर्स चेस्टनट (5 ग्राम) एक कप पानी (250 मिलीलीटर) बनाने व सेवन की विधि 🌹एक कप पानी को गर्म कर लें। जब वह उबलने लगे तो उसमें एक चम्मच हॉर्स चेस्टनट डाल दें। 🥀चाय को दस मिनट तक उबलने रख दें। फिर उसे छानकर पी लें। 🌻दिन में दो कप, हफ्ते में कम से कम 3 बार पिएं। इसे भी पढ़ें : रोज़मेरी के असाधारण उपयोग और फ़ायदे आपको हैरान कर देंगे 🥀5. पार्सले की चाय (Parsley tea) 💐पार्सले के मूत्रवर्धक प्रभाव तरल और टॉक्सिन के जमाव की वजह से फूले हुए टिशूज़ की हवा निकाल देने में मददगार होते हैं। 🌺पार्सले के एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव के साथ-साथ उसकी ये खूबियाँ सेल्युलाईट से लड़ने वाली सबसे बेहतरीन हर्बल ड्रिंक्स और पार्सले के इलाज के सबसे कारगर पूरकों में से उसे एक बना देती हैं। 🌸सामग्री एक चम्मच ताज़ा अजमोद (10 ग्राम) एक कप पानी (250 मिलीलीटर) बनाने व सेवन की विधि 🥀ताजी पार्सले को उबलते पानी के कप में डालकर उसे ढक दें। उस मिश्रण को करीब 15 मिनट तक बैठ जाने दें। इसके बाद उस चाय को छानकर उसका सेवन करें। रोज़ाना तीन कप तक पिएं। 💐6. ब्राम्ही बूटी चाय ( ब्राह्मी बूटी या मण्डूकपर्णी (Centella asiatica) नाम के पौधे की सूजनरोधी, मूत्रवर्धक और डीटॉक्सिफाईंग खूबियाँ सेल्युलाईट की संतरे के छिलके जैसी दिखावट को कारगर ढंग से कम करने में आपकी मदद करती हैं। उसकी प्राकृतिक विशेषतायें आपके शारीरिक तापमान को बढ़ाती हैं, रक्तसंचार को पुनः सक्रिय कर देती हैं व चर्बी को गलाने के लिए आपके शरीर में मेटाबोलिक गतिविधियों में तेज़ी ले आती हैं। 💐ये रही सेल्युलाईट से लड़ने के लिए सबसे बेहतरीन ड्रिंक में से एक की रेसिपी: 🌺सामग्री एक चम्मच सेंटेला (10 ग्राम) एक कप पानी (250 मिलीलीटर) बनाने व सेवन की विधि 💐एक चम्मच सेंटेला को पानी के कप में डालकर उस मिश्रण को पांच मिनट तक उबलने दें। तैयार हो जाने पर उसे बैठ जाने दें व फिर उसे छान लें। खाने के बाद दिन में दो बार उसका सेवन करें। 🌻जैसाकि आप देख सकते हैं, आपकी सुंदरता को प्रभावित करने वाली इस समस्या से निपटने में कुछ औषधियों के गुण आपके लिए बहुत काम के हो सकते हैं। इनमें से सबसे ज़्यादा ध्यान खींचने वाली ड्रिंक को आज़माकर देखें व बेहतरीन नतीजों के लिए उसके साथ-साथ अन्य स्वस्थ आदतों को भी अपनाएं। ज्योतिषाचार्य AVN aura expert डॉ उमाशंकर मिश्र सिद्धिविनायक ज्योतिष एवं वास्तु अनुसंधान केंद्र विभव खंड 2 गोमती नगर एवं वेद राज कंपलेक्स पुराना आरटीओ चौराहा लाटूश रोड लखनऊ 94 150 87711 9235 7 22996