ज्योतिषाचार्य डॉ उमाशंकर मिश्र 941 50 877 11
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जागृत शक्ति है श्री भैरवनाथ
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जय श्री काल भैरवाय नमः
भगवान् शंकर के अवतारों मे भैरव जी का अपना ही एक विशिष्ट स्थान है| भ – से विशव का भरण, र – से रमेश, व् – व् से वमन , अर्थात सृष्टि की उत्पत्ति, पालन और सहांर करने वाले शिव ही भैरव हैं| भैरव यंत्र की बहुत विशेषता मानी गई है, भैरव साधना अकाल मौत से बचाती है, तथा भूत प्रेत, काले जादू से भी हमारी रक्षा करता है|
शिव पुराण की शतरूद्र संहिता के अनुसार परमेश्वर सदाशिव ने मार्गशीष के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को भैरव रूप में अवतार लिया था। अतः उन्हें साक्षात् भगवान शंकर ही मानना चाहिए। पुराणों के अनुसार भैरव भगवान शिव का दूसरा रूप हैं, भैरव का अर्थ भयानक तथा पोषक दोनों हैं, इनसे काल भी सहमा रहता है। इसलिए इन्हें 'काल भैरव' कहा जाता है।
क्या समस्या दूर होती है श्री भैरव जी की पूजा दर्शन से
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काल भैरव को उनके तेज एवं गुस्सैल रूप के लिए भी जाना जाता है। उन्हें तंत्र का देवता भी माना जाता है। यदि आप काल भैरव की पूजा करते हैं तो आप पर किसी की ओर से की गई तांत्रिक क्रियाएं सफल नहीं होंगी।
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कोई दुश्मन आप पर किसी भी टोने-टोटके का प्रयोग नही कर सकता एवं कोई गलत प्रयोग का आप पर असर नहीं होगा। इसके अलावा यदि आपके शरीर में किसी प्रेत आत्मा या नकारात्मक ऊर्जा का वास है तो काल भैरव की पूजा से इस समस्या से भी छुटकारा मिलता है।
राहू केतु शनि की दशा मैं कोई परेशानी नही आयेगी
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जब इंसान पर शनि, राहू केतु की नकारात्मक दशा आती है तो ऐसी स्थिति मे बुद्धि भृष्ट हो जाती,साथ ही नुकसान से लेकर बुराई तक घेर लेती हैं, भैरवनाथ भगवान की पूजा से ये समस्त समस्या दूर होती है ।
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यदि आप नियमित तौर पर काल भैरव की पूजा करते हैं या काल भैरव अष्टमी को उनकी आराधना करते हैं तो आपके शत्रु कभी आपको हरा नहीं सकते। उनकी ओर से उत्पन्न की गई बाधाएं अपने आप समाप्त हो जाएंगी। कई बार तो वे आपके मित्र भी बन सकते हैं।
आज दर्शन कर आशीर्वाद लें भैरव नाथ जी महाराज का जन्मदिन है
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भारत वर्ष मैं श्री भैरव जी के कई प्रसिद्ध मंदिर हैं, जिनमे बनारस, उज्जैन आदि मैं जागृत शक्ति है । जंहा दर्शन करने मात्र से हर समस्या से मुक्ति मिलती है।* इस मंदिर मे जाकर काल भैरव की पूजा एवं उनके मंत्र के जप से आपकी कुंडली में मौजूद दोष दूर हो सकते हैं। इसमें मुख्यत: मंगल दोष, राहू-केतु दोष एवं काल सर्प दोष के साथ शनि,राहू केतु जन्य दोष भी शामिल है।
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आज के दिन भगवान का श्रृंगार करने से जिंदगी के सभी दुखों से मुक्ति और समस्याओं का अंत होता हैं
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रक्षा सूत्र का वितरण
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भगवान भैरवनाथ जी का अभिमंत्रित रक्षा सूत्र किसी योग्य विद्वान पंडित जी से पूजन करवाना चाहिए परिवार के प्रत्येक सदस्य को रक्षा सूत्र बाधवाना चाहिए ।इस रक्षा सूत्र को धारण मात्र से आपके जीवन से समस्याओं का अंत हो जाता है ।
आज का उपाय
आज अष्टमी तिथि दोपहर 14. 12 से लग जाएगी जो कल दोपहर 11 बज 58 मिनट तक रहेगी। आज रात्रि में आप श्री काल भैरव भगवान के मंदिर जाकर चार बत्ती का सरसो तेल का दीपक जलाकर भगवान को इमारती दही बड़े, आदि का भोग लगाकर श्वान याने कुत्तो को जरूर कुछ खिलावें।
मन्त्र प्रयोग
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*जिन व्यक्तियों की जन्म कुंडली में शनि, मंगल, राहु आदि पाप ग्रह अशुभ फलदायक हों, नीचगत अथवा शत्रु क्षेत्रीय हों। शनि की साढ़े-साती या ढैय्या से पीडित हों, तो वे व्यक्ति भैरव जयंती अथवा किसी माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी, रविवार, मंगलवार या बुधवार प्रारम्भ कर बटुक भैरव मूल मंत्र की एक माला (108 बार) का जाप प्रतिदिन रूद्राक्ष की माला से 40 दिन तक करें, अवश्य ही शुभ फलों की प्राप्ति होगी
ज्योतिषाचार्य डॉ उमाशंकर मिश्र सिद्धिविनायक ज्योतिष एवं वास्तु अनुसंधान केंद्र विभव खंड 2 गोमती नगर एवं वेदराज कांप्लेक्स पुराना आरटीओ चौराहा लाटूश रोड लखनऊ 941 50 87711 92 357 22996
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