अचानक धन लाभ भी देता है कपूर और भी है फायदे - कपूर के चमत्कारिक टोटके - कपूर के औषधीय लाभ
ज्योतिषाचार्य डॉ उमाशंकर मिश्र 9415 087 711
1. वास्तु एवं ज्योतिष शास्त्र में भी कपूर के महत्व और उपयोग के बारे में बताया गया है। कर्पूर के कई औषधि के रूप में भी कई फायदे हैं, जिन्हें हमने कई बार लिखा है, आने वाले दिनों में फिर लिखेंगे. आज हम पहले भाग में इसके औषधीय प्रयोग बताएँगे. कल भाग-2 में इसके वास्तु और ज्योतिष में उपयोग, व् कुछ टोटके भी बताएँगे.
2. कपूर को संस्कृत में कर्पूर, फारसी में काफ़ूर और अंग्रेजी में कैंफ़र कहते हैं। कपूर एक उत्तम वातहर, दीपक और पूतिहर है। त्वचा और फुफ्फुस के द्वारा उत्सर्जित होने के कारण, यह स्वेदजनक और कफघ्न होता है। न्यूनाधिक मात्रा में इसकी क्रिया भिन्न-भिन्न होती है। साधारण औषधीय मात्रा में, इससे प्रारंभ में सर्वाधिक उत्तेजन, विशेषत: हृदय, श्वसन तथा मस्तिष्क, में होता है। इसके बाद उसके अवसादन, वेदनास्थापन और संकोच-विकास-प्रतिबंधक गुण देखने में आते हैं। अधिक मात्रा में यह दाहजनक और मादक विष हो जाता है।
कपूर दो तरह के होते हैं- प्राकृतिक व कृत्रिम. प्राकृतिक कपूर (भीमसेनी कपूर) को पेड़ से निकाला जाता है, जिसे हम खा भी सकते हैं. जबकि केमिकल्स से बना हुआ कृत्रिम कपूर हीलिंग प्रॉपर्टीज़ से भरपूर होता है और इसी काम में लाया जाता है. कपूर ख़ुशबूदार व ज्वलनशील है, इसलिए पूजा-हवन के दौरान वातावरण की शुद्धता के लिए इसका उपयोग करते हैं. इसके कई चिकित्सीय लाभ भी हैं, इसी कारण आयुर्वेदिक उपचारों में भी इसका इस्तेमाल होता है.
3. औषधीय प्रयोग व् लाभ :
1. i) त्वचा की समस्याओं में कपूर का इस्तेमाल असरकारी होता है। चेहरे पर होने वाले पिंपल्स या फिर त्वचा संबंधी कोई अन्य समस्या होने पर जरा-सा कपूर, नारियल तेल में मिलाकर चेहरे पर मसाज करना असरदार है. चेचक व खसरे के दाने सूख जाने पर नारियल के तेल में कपूर मिलाकर लगाने से ठंडक मिलती है और खुजलाहट भी दूर होती है.
ii) 10 ग्राम कपूर, 10 ग्राम स़फेद कत्था, 5 ग्राम मटिया सिंदूर- तीनों को एक साथ मिलाकर 100 ग्राम घी के साथ कांसे की थाली में हाथ की हथेली से ख़ूब मलकर ठंडे पानी से धोकर रख लें. इसे घाव, गर्मी के छाले, खुजली और सड़े हुए घाव पर लगाने से शीघ्र लाभ होता है.
iii) पैर की फटी एड़ियों की समस्या होने पर गरम पानी में कपूर मिलाकर उसमें कुछ देर पैर डुबोकर रखें.
2. शरीर के किसी भाग पर होने वाली खरोंच, घाव या फिर जल जाने पर कपूर लगाना जलन को कम करता है। कपूर को पानी में घोलकर लगाने से घाव की जलन कम होगी और ठंडक मिलेगी।
ii) खुजली होने पर कपूर को चमेली के तेल में मिलाकर उसमें नींबू के रस की कुछ बूंदें मिलाकर शरीर पर मलने से खुजली तुरंत मिट जाती है.
3. i) तनाव, सिरदर्द, डिप्रेशन आदि में सिर पर कपूर के तेल की मालिश करने से आराम मिलता है, क्योंकि कपूर की ख़ुशबू मस्तिष्क की नसों को आराम पहुंचाती है.
ii) दिमाग को रखे शांत :
नींद न आना आजकल की आम समस्याओं में से एक है। कपूर के तेल की खूशबू दिमाग को शांत रखने और बेहतर नींद लाने में असरदार है। इसके लिए कपूर के तेल की कुछ बूंदों को अपने तकिए पर लगाएं और आराम की नींद सोएं।
4. बालों के झड़ने पर कपूर के तेल को नारियल तेल में मिलाकर लगाने से बालों का झड़ना धी-धीरे कम हो जाता है। सिर में रूसी होने पर भी कपूर का तेल लगाने से फायदा होता है।
5. जोड़ों में दर्द या शारीरिक समस्या होने पर कपूर के तेल की मालिश करने से आराम मिलता है। मांसपेशियों के दर्द से राहत देने में यह बेहतरीन है।
ii) कपूर और अफीम को राई के तेल में मिलाकर मालिश करने से गठिया रोग दूर हो जाता है.
6. i) सर्दी जुकाम और फेफड़े संबंधी रोगों में कपूर सूंघने से फायदा होता है। विक्स, बाम जैसे कई उत्पादों को बनाने में कपूर का प्रयोग किया जाता है। नाक बंद होने की स्थिति में कपूर की पोटली सूंघने से नाक खुल जाएगी.
ii) काली खांसी होने पर कपूर की धूनी सूंघने से लाभ होता है. पुरानी खांसी में कपूर व मुलहठी को मुंह में रखकर चूसने से राहत मिलती है.
iii) न्यूमोनिया हो जाने पर तारपीन के तेल में कपूर मिलाकर मरीज़ की छाती पर मलने से शीघ्र आराम मिलता है.
7. ज्यादा तंबाकू खाने या ग़लती से तंबाकूवाला पान खा लेने पर चक्कर आता है, ऐसी स्थिति में जी मिचलाता हो, तो कपूर की एक छोटी डली खाने से तुरंत आराम मिलता है.
8. 1-1 टी स्पून कपूर और हींग पीसकर गोली बनाकर दमे (अस्थमा) के मरीज़ को दौरे के समय 2-2 घंटे पर देने से दमा का दौरा रुक जाता है और लाभ होता है.
9. बवासीर की समस्या में केले में चने बराबर प्राकृतिक कपूर रखकर खाने से लाभ होता है.
सुपर टिप :
कपूर जलाने से मक्खियां-मच्छर भाग जाते हैं. गद्दों व तकियों में कपूर रख देने से खटमल भाग जाते हैं.
जय हनुमान, जय सिया-राम ! हर-हर महादेव !
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