Vaishakh Amawasya आज दिन बुधवार 22 अप्रैल 2020: को है वैशाख अमावस्या, जानिए महत्व और पूजा विधि ज्योतिषाचार्य डॉ उमाशंकर मिश्र ज्योतिषाचार्य आकांक्षा श्रीवास्तव 94 15 0877 11 astroexpertsolution.com वैशाख माह की अमावस्या आज दिन बुधवार, 22 अप्रैल को है। पंचांग के अनुसार हर महीने शुक्ल और कृष्ण पक्ष में अमावस्या और पूर्णिमा आती है। जब शुक्ल पक्ष होता है तो उस दौरान चंद्रमा बढ़ता जबकि कृष्ण पक्ष में चंद्रमा का आकार धीरे-धीरे घटने लगता है। पूर्णिमा पर चांद पूरी तरह से चमकदार और बड़ा दिखाई देता है जबकि अमावस्या पर चांद पूरी तरह से आकाश से गायब हो जाता है। 15 दिनों के अंतराल में चांद की सोलह कलाएं घटती और बढ़ती रहती हैं। आइए जानते हैं अमावस्या से जुड़ी खास बातें... अमावस्या का महत्व अमावस्या के दिन पितरों का तर्पण, श्राद्ध कर्म , दान पुण्य और पवित्र नदियों में स्नान किया जाता है। ज्योतिष के अनुसार जब सूर्य और चंद्रमा एक ही राशि में आ जाते है तो उस तिथि को अमावस्या पड़ती है। सूर्य इस समय मेष राशि में है और चंद्रमा 22 अप्रैल को मीन राशि को छोड़कर मेष राशि में गोचर करेगा। चंद्रमा करीब ढाई दिन में एक राशि से दूसरे राशि में आता है जबकि सूर्य करीब एक महीने तक एक राशि में रहता है। वैशाख अमावस्या मुहूर्त- 22 अप्रैल 2020 05 बजकर 12 मिनट प्रातः से अमावस्या आरम्भ एवं 23 अप्रैल दिन गुरुवार को अर्थात कल 07 बजकर 11 मिनट प्रातः अमावस्या समाप्त अमावस्या की पूजा विधि अमावस्या के दिन सुबह जल्दी उठें। इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में किसी पवित्र नदी में स्नान करें। सूर्योदय के समय भगवान सूर्यदेव को जल का अर्घ्य दें। इस दिन कर्मकांड के साथ अपने पितरों का तर्पण करें। पितरों की आत्मा की शांति के लिए व्रत रखें। अगर आपकी कुंडली में पितृदोष है कुटुंब दोष है शापित दोष है तो उपचार करें कराएं जरूरतमंदों को सहयोग करें गरीब कमजोर को मदद करें किसी बीमार को दवा कराएं एवं ब्राह्मणों को दान-दक्षिणा दें। ब्राह्मणों को भोजन कराएं। ज्योतिषाचार्य डॉ उमाशंकर मिश्र ज्योतिषाचार्य आकांक्षा श्रीवास्तव 94 15 0877 11