।। कन्या का विवाह ।।
Jyotish Aacharya Dr Umashankar Mishra 94 15087 711 9235 7229 96
किसी भी कन्या का विवाह समय पर नही हो रहा हो, वर- प्राप्ति मे कठनाइयों का सामना करना पर रहा हो,
किसी अशुभ ग्रहों के कारण, या आर्थिक कठनाई के कारण न हो रहा हो।
तो अगाध श्रद्धा और विश्वास के साथ निम्न उपयो- मंत्रो का जप विधि-विधान के साथ करने से इच्छित वर की प्राप्ति अवश्य होती है।
मंत्र जप ने से पहले माता भगवती पार्वती जी की पूजा अवश्य करनी चाहिए।
मंत्र है:-
हे गौरि शंकरार्धांग्नि ,यथा त्वं शंकरप्रिया ।
तथा मां कुरु कल्याणी, कांतकातां सुदुर्लभाम् ।
कात्यायनि महामये महायोगिन्यधीश्वरि ,
नंदगोपसुतं देवं पतिं में कुरु ते नमः।।
इस मंत्र का पाँच माला जपे।
पार्वती जी की पूजा करके उनके सामने बैठ कर, पांच माला न होतो एक माला भी जप सकते है।माला रुद्राक्ष की होना चाहिए।
उसके बाद
तुलसी के वृक्ष की पूजा करके बारह परिक्रमा लगायें और परिक्रमा पूरी होने पर कन्या अपनी दाहिने हाथ से दूध और बाय हाथ से जल द्वारा श्री सूर्य नारायण को बारह बार इस मंत्र से-
मंत्र है:-
ओम् देंवेंद्राणि नमस्तुभ्यं देंवेंद्राप्रिय भामिनि
विवाहं भाग्यमारोग्यं शीघ्रलाभं देहि मे।
इस मंत्र को बोलते हुये, दूध और जल दे।
दोनो एकसाथ दूध और जल।
इसके बाद तुलसी की माला से एक माला का जप भी उसी मंत्र से करे जो मंत्र से दूध और जल देने वक़्त जपे थे।
विवाह होने तक यह क्रिया करते रहे।
2- अगर किसी कन्या का विवाह अशुभ ग्रहों के कारण या आर्थिक कठनाईयों के कारण न हो रहा है तो:-
भगवान शंकर और पार्वती जी का चित्र सामने रख कर उनका नित्य पूजन करना चाहिए।
केले के पौधा पास में रखे, यानी घर में या घर के अगल बगल में हो।
धूप दीप जलाये और प्रति दिन तीन माला इस मंत्र का जाप करे।
मंत्र है:-
ओम् शं शंकराय सकल जंमार्जित पाप विध्वंसनाय
पुरुषार्थ मचतुष्ट लाभाय च पति में देहि कुरु कुरु स्वाहा।
मंत्र पूरा होने पर केले के पौधे की बारह बार परिक्रमा करे।
यह क्रिया तब तक करे, जब तक विवाह न हो जाय।
जाप रूद्राक्ष की माला से करें
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