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हनुमान जयंती की प्रामाणिक व्रत-पूजन विधि
Jyotish Acharya Dr Umashankar Mishra ज्योतिषाचार्य आकांक्षा श्रीवास्तव 94150 877 11 923 5722 996
हनुमान जयंती को पूरे भारत में बड़े ही उल्लासपूर्ण और उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस दिन न सिर्फ हनुमानजी की पूजा होती है बल्कि श्रीराम और सीताजी का भी पूजन-स्मरण किया जाना चाहिए।
* व्रत की पूर्व रात्रि को जमीन पर सोने से पहले भगवान राम और माता सीता के साथ-साथ हनुमानजी का स्मरण करें।
* यदि इस दिन ब्रह्मचर्य का पालन कर सके तो बेहतर होगा।
* प्रात: जल्दी उठकर दोबार राम-सीता एवं हनुमानजी को याद करें।
* जल्दी सवेरे स्नान व ध्यान कर हाथ में गंगाजल लेकर व्रत का संकल्प करें।
* साफ-स्वच्छ वस्त्रों में पूर्व दिशा की ओर भगवान हनुमानजी की प्रतिमा को स्थापित करें।
* विनम्र भाव से बजरंग बली की प्रार्थना करें।
* ध्यान रहे कि मन में कोई कुविचार न आने पाए।
* इसके पश्चात षोडशोपचार की विधि-विधान से श्री हनुमानजी की आराधना करें।
* हनुमानजी की पूजा में हनुमत कवच मंत्र का जाप अवश्य करें। कवच मंत्र का जाप तुरंत फलदायी होता है। इससे उनका आशीर्वाद मिलता है।
इस कवच का मूल मंत्र है-
'ॐ श्री हनुमंते नम:', जिसके 'हं हनुमंते नम:' का पाठ भी अवश्य करें।
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