chaitra navratri 2020: देवताओं ने भी रखा था नवरात्रि के दिनों में उपवास, जानें व्रत रखने का महत्व और फायदे ज्योतिषाचार्य डॉ उमाशंकर मिश्र ज्योतिषाचार्य आकांक्षा श्रीवास्तव 94 1508 7711 92 357 22996 नवरात्रि में उपवास रखने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। नवरात्रि में मां की विधि विधान से पूजा अर्चना करने का विधान है । मान्यता के अनुसार इन दिनों में रखें गए व्रत का कई गुना फल मिलता है। वैसे तो नवरात्रि में 9 दिनों तक व्रत रखने की परंपरा है, परंतु कुछ लोग सिर्फ पहली, अष्ठमी और नवमी का ही उपवास रखते हैं। इन दिनों व्रत रखने का विशेष महत्व  है। नवरात्रि में देवी पूजा के साथ व्रत रखने से मनवांछित फलों की प्राप्ति होती है। आप भी इस नवरात्रि मां के पवित्र व्रत रख रहें है तो इनका महत्व भी जान लें।व्रत का कई गुना फल मिलता है नवरात्रि में देवी पूजा की जाती है। व्रत-उपवास भी पूजा के अंतर्गत ही आते है। व्रत करने से शारीरिक, मानसिक और धार्मिक फायदा होता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार नवरात्रि में व्रत रखने से मन, तन और आत्मा शुद्ध होती है। नवरात्रि के दिनों में 9 दिनों तक व्रत रखकर हम अपने मन, तन और आत्मा का शुद्धिकरण कर सकते है। इन दिनों में व्रत करने से विशेष फल मिलता है। धार्मिक ग्रंथो के अनुसार इन दिनों व्रत रखने से मां प्रसन्न होती है और सभी मनोकामनाएं पूरी करती है। नवरात्रि में देवी पूजन और व्रत का विशेष महत्व है नवरात्रि में देवी पूजन और व्रत का विशेष महत्व है। इन दिनों व्रत रखकर हम खुद को शुद्ध, पवित्र, साहसी, मानवीय और आध्यात्मिक तौर पर मजबूत कर सकते है। इन दिनों में व्रत करके मां के गुणों को अपनाने का प्रण लेना चाहिए। दरअसल नवरात्रि ऋतु परिवर्तन के समय पर आती है और इस समय में बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। नवरात्रि के इन दिनों में व्रत रखने से खानपान पर संतुलन बना रहता है और शरीर स्वस्थ रहता है। व्रत रखने से मां की कृपा बरसती है और मनवांछित फल भी मिलता है। नवरात्रि के इन पावन दिनों में व्रत रखने से आध्यात्मिक शक्ति और ज्ञान बढ़ने के साथ विचारों में भी पवित्रता आती है। देवताओं ने भी रखा था नवरात्रि के दिनों में उपवास  धार्मिक पुराणों के अनुसार मां का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए देवताओं ने भी नवरात्रि के 9 दिनों का उपवास रखा था। देवराज इंद्र ने राक्षस वृत्रासुर का वध करने के लिए मां दुर्गा की पूजा अर्चना और नवरात्रि व्रत रखें। यही नहीं भगवान शिव ने त्रिपासुर दैत्य का वध करने के लिए मां भगवती की पूजा अर्चना की। जगत के पालनहार भगवान विष्णु ने मधु नामक असुर का वध करने के लिए मां दुर्गा की पूजा अर्चना की। भगवान श्री राम ने भी रावण का वध करने के लिए मां दुर्गा की पूजा अर्चना की और नवरात्रि के व्रत किए। देवी मां के आशीर्वाद से ही भगवान राम को अमोघ  वाण प्राप्त हुआ जिससे वो रावण का वध कर पाएं। पांडवो ने भी विजय के लिए देवी मां की उपासना करी थी।  विशेष फलदायक है यह व्रत  नवरात्रि के व्रत विशेष नवरात्रि के व्रत विशेष फलदायिनी होते है। देवी भागवत पुराण के अनुसार राजा सुरथ को अपना खोया हुआ राज्य और वैभव मां के पावन व्रत रखने से ही मिला था।  ज्योतिषाचार्य डॉ उमाशंकर मिश्रा सिद्धिविनायक ज्योतिष एवं वास्तु अनुसंधान केंद्र विभव खंड 2 गोमती नगर लखनऊ 94 150 877 119 2357 22996