Navratri 2020: नवरात्रि के नौ दिन अलग-अलग रंगों के परिधान का क्या है महत्व Jyotish Acharya Dr Umashankar Mishra Jyotish Aacharya Aakansha Srivastava 9415 087 711 धर्मग्रंथ एवं पुराणों के अनुसार नवरात्रि माता भगवती की आराधना का श्रेष्ठ समय होता है। नवरात्र के इन पावन दिनों में हर दिन माँ के अलग-अलग रूपों की पूजा होती है,जो जातक को ख़ुशी,शक्ति और ज्ञान प्रदान करती हैं। नवरात्रि का हर दिन देवी के विशिष्ठ रूप को समर्पित होता है और हर देवी स्वरुप की कृपा से अलग-अलग तरह के मनोरथ पूर्ण होते हैं। कलश स्थापना,मां दुर्गा के श्रृंगार के अलावा इन नौ दिनों में अलग-अलग रंग के कपड़े पहनकर पूजा करने का एक खास महत्व और कुछ नियम  होते हैं। जिनका पालन करने पर मां अपने भक्तों पर प्रसन्न होकर उनकी सभी मनोकामनाओं को पूरा होने का आशीर्वाद देती हैं। मां शैलपुत्री नवरात्रि का पहला दिन प्रतिपदा का होता है। इस दिन कलश पूजन के साथ मां दुर्गा के प्रथम स्वरूप शैलपुत्री का पूजन किया जाता है। इस दिन मां की पूजा करते समय आराधक को लाल, गुलाबी, नारंगी एवं रानी रंग के कपड़े पहनकर पूजा करने से लाभ मिलता है।ब्रह्मचारिणी देवी ब्रह्मचारिणी का स्वरुप अत्यंत दिव्य और भव्य है।नवरात्रि के दूसरे दिन माता ब्रह्मचारिणी की उपासना करते समय सफ़ेद, क्रीम या पीले रंग के कपड़े पहनना शुभ माना गया है, इससे साधक की मेधा शक्ति विकसित होती है। चंद्रघंटा बाघ पर सवार माँ चंद्रघंटा के शरीर का रंग स्वर्ण के समान चमकीला है। नवरात्रि के तीसरे दिन मां दुर्गा के तीसरे रूप चंद्रघंटा का पूजन किया जाता है। इस दिन मां चंद्रघंटा को पीला, लाल,दूधियां या केसरिया रंग के कपड़े पहनकर पूजा करने से आपके बिगड़े हुए काम बनने लगते हैं।कूष्मांडा शेर पर सवार मां कूष्माण्डा देवी ने ही ब्रह्मांड की रचना की थी। इस दिन दुर्गा मां के चौथे रूप कूष्मांडा की आराधना की जाती है। देवी कूष्मांडा प्रकृति की भी देवी हैं इसलिए इनकी पूजा में क्रीम, पीला, हरा और भूरे रंग के वस्त्र पहनने से पूजा के फल में वृद्धि होगी। स्कंदमाता भगवान कार्तिकेय(स्कन्द)की माता होने के कारण देवी के इस पांचवें स्वरुप को स्कंदमाता के नाम से जाना जाता है। नवरात्रि के पांचवें दिन मां स्कंदमाता की पूजा-अर्चना सफेद, दूधियां,लाल या हरे रंग के कपड़े पहनकर करने पर मनुष्य की सभी इच्छाएं पूरी होती है। कात्यायनी  दुर्गा मां का छठा रूप माता कात्यायनी है। देवी कात्यायनी को महिषासुर मर्दिनी भी कहा जाता है,माँ कात्यायनी अमोघ फलदायिनी हैं। भक्तों को इस दिन लाल,मेहरून, नारंगी,गुलाबी, गेरुआ एवं मूंगा रंग के कपड़े पहनकर माता रानी की पूजा अर्चना करनी चाहिए।कालरात्रि दुर्गा पूजा के सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा का विधान है। नवरात्रि की पूजा में तंत्र साधना करने वाले लोग इस दिन काले रंग का वस्त्र धारण करते हैं। अन्य आराधकों को बैंगनी,स्लेटी,नीला एवं आसमानी रंग के वस्त्र धारण करना शुभ माना गया है। महागौरी मां का आठवां स्वरूप यानी देवी महागौरी सर्वसौभाग्यदायिनी मानी जाती हैं एवं इनका रंग गौर वर्ण का है।ये धन,वैभव और सुख-शांति की अधिष्ठात्री देवी हैं। इनकी पूजा के दौरान साधकों को केसरिया,संतरी या लाल रंग के वस्त्र धारण करना विशेष फलदाई है। सिद्धिदात्री नवीं शक्ति सभी सिद्दियों को देने वाली हैं ।इस दिन विधि-विधान और पूर्ण निष्ठां के साथ साधना करने वाले साधकों को सभी सिद्धियों की प्राप्ति हो जाती है। इनकी उपासना के समय लाल,गुलाबी,क्रीम,नारंगी रंग के वस्त्र पहनने से उपासकों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। ज्योतिषाचार्य डॉ उमाशंकर मिश्र ज्योतिष एवं वास्तु अनुसंधान केंद्र विभव खंड 2 गोमती नगर एवं वेदराज कांप्लेक्स पुराना आरटीओ चौराहा latouche Road Lucknow 94150 877 11 923 57 22996