यह व्यंजन (केमिकल कम्पोजिशन) बच्चों को नियमित रूप से दें। Jyotish Aacharya Dr Umashankar Mishra 9415 0877 1192 3572 2996 गुड़ + नारियल = बुद्धीवर्धक (तो गणपती बप्पा का प्रसाद) गुड़ + मूंगफली = शक्तिवर्धक(इसलिए श्री हनुमान का प्रसाद) तिल + गुड़ = कैल्शियम, मैग्नीशियम, आयरन + जिंक + सेलेनियम। तिल (ह्रदयरोग) के लिए फायदेमंद और ठंड के मौसम में शरीर को गर्म रखने के लिए उपयोगी। सेलेनियम - कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने से रोकने में मदद करता है गोंद के लड्डू या राजगिरा के लड्डू गुडदेसी घी रोटी, मूंगफली की चिक्की या भीगे हुए चने,चना,लाह्या (पापकाँन) यदि हम ऐसे कई पदार्थों के मिश्रण केमीकल कंम्पोजिशन को देखे तो,वे शरीर के लिए फायदेमंद होंगे .! हमें केवल त्यौहारों को मनाने के लिए सिखाया जाता है, इसके पीछे का विज्ञान, उस वातावरण में उसी वातावरण का ही भोजन क्यों खाते हैं ? यह सिखाया नहीं जा रहा है, अगर यह सिखाया,तो bornvita , काम्प्लेन कौन पीएगा? हमारे पूर्वज, योद्धा, यदि bornvita, काम्प्लेन तो नहीं पीते थे , है ना ? तो क्या वह कमजोर, शक्तिहीन थे ? अरे, हमारा एक मराठा - मावला अकेले ही लड़ता था 50-50 दुश्मनों से ...कौन से व्हे-प्रोटीन,क्रिएटिन थे क्या जब ? इसके अलावा, हमारे पूर्वज इतने बुद्धिमान थे कि उन्होंने अपार खोज की। क्या उन्होंने कोई विटामिन टॉनिक पी थी ? हमारे पूर्वज सभी स्वदेशी खाद्य पदार्थों का नियमित रूप से सेवन करते होंगे, इसीलिए हमारी वर्तमान पीढ़ी की तुलना में वो अधिक सशक्त थे स्वस्थ और अधिक बुद्धिमान थे,इसलिए 18-19 वर्ष की आयु में वाग्भट्टजीने पूरा आयुर्वेद, आर्यभट्ट का पूरा भमिती बीजगणितीय ज्ञान, ज्ञानेश्वरी ने लिखी,उस समय के लोग...वह क्या कौन-सा टॉनिक पी रहे थे क्या ? एक सवाल अपने आप से पूछें…। और इसके अलावा, कोई हानिकारक केमिकल का अन्न नहीं था, गाय का दूध भी शुद्ध ...हम हजारों वर्षों से विज्ञान में आगे थे। हमें इस सब की जरूरत नहीं है ... स्वदेशी खाओ, ताकत बढ़ाओ, ॐ सर्वे भवन्तु सुखिनः। सर्वे सन्तु निरामयाः। सर्वे भद्राणि पश्यन्तु। मा कश्चित् दुःख भाग्भवेत्॥ ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः॥ 🌸〰〰🌸〰〰🌸〰〰🌸〰〰🌸