दीपावली पूजन के लिए प्रस्तु‍त है शुभ मंगलकारी मुहूर्त :- ज्योतिषाचार्य डॉ उमाशंकर मिश्र सिद्धिविनायक ज्योतिष एवं वास्तु अनुसंधान केंद्र विभव खंड गोमती नगर लखनऊ 94 150 877 11 इन मुहूर्त में पूजन करने से महालक्ष्मी की असीम कृपा प्राप्त होती है और जीवन ऐश्वर्यशाली होता है । प्रात: - 10.30 से दोपहर 01.30 (लाभ-अमृत) 03.00 से 04.30 (शुभ), रात्रि- 07.30 से 09.00 (लाभ) रात्रि 10.00 से 12.00 तक। देर रात्रि पूजन करने वालों के लिए रात्रि 12.00 से 01.30 तक। लग्न अनुसार- सुबह 06.44 से 09.01 (वृश्चिक-लग्न), गोडाउन गोदाम जहां सामान रखा जाता हो वहां के लिए पूजन का वृश्चिक लग्न सबसे शुभ है 09.01 से 11.06 (धनु-लग्न), धनु लग्न में ऑफिस का जहां अनेक लोग काम करते हैं वहां पूजन का सर्वोत्तम उचित समय है दोपहर 12.54 से 02.26 (कुंभ-लग्न), किराने की दुकान लोहे से संबंधित दुकान टिल्लू शस्त्र आदि के व्यवसाय की स्थलों के पूजन का सर्वोत्तम समय 03.57 से शाम 05.37 (मेष-लग्न), जमीन जायदाद मकान दुकान क्रय विक्रय का स्थान के पूजन का सर्वोत्तम समय 05.37 से 08.36 (वृषभ-लग्न) उन्नति प्रगति से संबंधित व्यवसाय की स्थल पारिवारिक व्यवसाय की स्थल की पूजन का सर्वोत्तम समय सिंह लग्न में पूजन का समय है रात्रि 12.06 से 02.18 तक। जीवन में कुछ महत्वपूर्ण काम हो राजनीति में वर्चस्व व्यापार में वर्चस्व समाज में प्रभुत्व के निमित्त सिंह लग्न में पूजन किया जाए सर्वोत्तम रहेगा दीपावली के शुभ मुहूर्त लाभ का चौघड़िया : 10.47 से 12.10 तक। अमृत का चौघड़िया : 12.10 से 1.10 तक। लाभ का चौघड़िया (सायंकाल) : 7.18 मिनट से 8.57 मिनट तक। इस समय घर में पूजन किया जाए उन्नति का रास्ता खुलेगा लग्न मुहूर्त : कुंभ 1.3 मिनट से 2.26 मिनट वृषभ : 5.48 मिनट से 7.46 मिनट। सिंह लग्न : रात्रि 12.15 मिनट से 2.31 मिनट तक। कार्यालयों और दुकानों के लिए लेखा पूजा/लेजर आदि के पूजन का मुहूर्त 1. 14:30 बजे (स्थिर लग्न मीन) के लिए 13.10 बजे तक 2. 17:28 बजे से 20:10 बजे तक घर के लिए लक्ष्मी पूजन के लिए सबसे शुभ समय : 19:30 बजे से 21:36 (स्थिर लग्न वृषभ, प्रदोष काल और लाभ का चौघडि़या) लक्ष्मी पूजन के लिए शुभ समय : प्रदोष काल: 17:28 बजे से 20:10 बजे तक पूजा के लिए उत्तम समय (वृश्चिक लगन): 19:30 बजे से 17:35 बजे उत्तम में लाभ का चौघडि़या पूजा समय : 20:36 बजे से 19:02 बजे निशीथ काल जो समय ऊपर याद है, इस समय में कर सकते हैं - 20:10 बजे से 22:52 बजे तक निशीथ काल में शुभ लाभ का चौघडि़या : 23:44 बजे से 22:10 बजे महानिशीथ काल : 25:34 बजे से 22:52 बजे अमृत का चौघडि़या महा निशीथ काल समय: 25:18 बजे से 23:44 बजे दीपावली की रात्रि में कनकधारा स्तोत्र श्री सूक्त का अधिकाधिक पाठ किया जाए जीवन का उत्थान का रास्ता खुलेगा प्रगति की रास्ता खुलेगा चौतरफा सफलता मिलेगी दसों दिशाओं में प्रगति के रास्ते बनेंगे