* ज्योतिषाचार्य डॉ उमाशंकर मिश्रा 94 1508 7711 रूप चतुर्दशी पर शुभता बढ़ाने के लिए अपनाएं ये 5 उपाय*
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दीपावली के पांच दिवसीय त्योहार का दूसरा दिन है रूप चतुर्दशी जिसे रूप चौदस या नरक चतुर्दशी भी कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन सूर्योदय से पूर्व उठकर उबटन और स्नान से वर्षभर सौंदर्य में वृद्धि होती है। साथ ही इस दिन विधि विधान से पूजा करने वाले व्यक्तियों के सभी पाप धुल जाते हैं और उन्हें मोक्ष की प्राप्त होती है।
ब्रह्म मुहूर्त में या सूर्योदय से पहले उठ जाएं और दिनचर्या से निवृत्त होकर हल्दी, चंदन, बेसन शहद, केसर और दूध का उबटन करें। फिर स्नान करके पूजन करें। इससे सकारात्मकता बढ़ती है और शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
आज के दिन प्रातः काल तेल लगाकर अपामार्ग की पत्तियां जल में डालकर स्नान करने से नरक से मुक्ति मिलती है।
सिर्फ उबटन और स्नान ही ना करें बल्कि इत्र लगाएं और अच्छी तरह से तैयार हो। इस दिन विशेष रूप से सौंदर्य पर ध्यान दें ताकि सालभर आपका सौंदर्य बरकरार रहे।
चतुर्दशी की रात को तेल अथवा तिल के तेल के 14 दीपक अवश्य जलाएं, इससे समस्त पापों से मुक्ति मिलती है।
चतुर्दशी के दिन पीले रंग के वस्त्र पहनकर यम का पूजन करें। इससे अकाल मृत्यु एवं नर्क में जाने का भय नहीं रहता।
नरक चौदस के दिन यमा अष्टक का पाठ बहुत ही महत्वपूर्ण बताया गया है। जो व्यक्ति शाम को दक्षिण दिशा की तरफ मुंह करके यम का दीपक रखकर यमाष्टक का पाठ करता है तो उसके सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। उसके परिवार में कभी भी अकाल मृत्यु नहीं आती। यह बात सत्य है, सत्य है, इसमें कोई संशय नहीं।
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