* छह ही निरपराध हत्याओं के बाद देवसत्ता (विधिक व्यवस्था) की 7वीं संतान योगमाया और आठवें श्रीकृष्ण ने मिलकर कंस को मार गिराया था*
- Jyotish Acharya Dr Umashankar Mishra 9415 087 711
1-जीवन में जब भी 'क्या करें-क्या न करें' जैसी उहापोह की स्थिति हो तो महाभारत युद्ध में दिए गए श्रीकृष्ण के उपदेशों को तत्काल अमल में लाना चाहिए।
2-महाभारत के मैदान में एक तरफ धृतराष्ट्र की मजबूत सत्ता और दूसरी तरफ पाण्डवपक्ष के सेनाध्यक्ष अर्जुन का मोह उहापोह कायम किए था।
3-योगेश्वर श्रीकृष्ण ने उहापोह खत्म करने के लिए सबसे पहले 'मोह' पर प्रहार किया।
4-भूल जाओ ताकत, सत्ता और अपनापन । न्याय के लिए कदम बढ़ाओ।
5-'मारे जाओगे तो यश मिलेगा और जीत गए तो उदाहरण बनोगे ।'
6-चतुर्दिक दबाव हो तो 'सर्व धर्मान् परित्यज्य मामेकं शरणं ब्रज' का अनुगमन करना चाहिए।
7-'मामेकं शरणं' का मतलब 'जिस सत्यनिष्ठा की शपथ' ली गई, उसका पालन करना चाहिए।
8- अधिकतम सात बार की परेशानी के बाद आठवें नम्बर पर कृष्ण उहापोह का फाटक और बेड़ियां तोड़ देंगे और कंस मारा जाएगा।
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