ग्रहो के प्रभाव से होने वाली बीमारियां Jyotish Acharya Dr Umashankar Mishra 9415 087 711 923 5722 996 ✍ आयुर्वेद के अनुसार मनुष्य के जीवन पर ग्रहों का सकारात्मक और नकारात्मक दोनों प्रकार का असर होता है, आज थोड़ी चर्चा ग्रहो के ख़राब होने से होने वाली बिमारियों पर... 1. बृहस्पति : पेट की गैस और फेफड़े की बीमारियाँ। 2. सूर्य : मुँह में बार-बार थूक इकट्ठा होना, झाग निकलना, धड़कन का अनियंत्रित होना, शारीरिक कमजोरी और रक्त चाप। 3. चंद्र : दिल और आँख की कमजोरी। 4. शुक्र : त्वचा, दाद, खुजली का रोग। 5. मंगल : रक्त और पेट संबंधी बीमारी, नासूर, जिगर, पित्त आमाशय, भगंदर और फोड़े होना। 6. बुध : चेचक, नाड़ियों की कमजोरी, जीभ और दाँत का रोग। 7. शनि : नेत्र रोग और खाँसी की बीमारी। 8. राहु : नेत्र रोग, बुखार, दिमागी की खराबियाँ, अचानक चोट, दुर्घटना आदि। 9. केतु : रीढ़, जोड़ों का दर्द, शुगर, कान, स्वप्न दोष, हार्निया, गुप्तांग संबंधी रोग आदि। ग्रहो के दुष्प्रभाव से होने वाले रोगों का निवारण : 1. बृहस्पति : केसर का तिलक रोजाना लगाएँ या कुछ मात्रा में केसर खाएँ। 2. सूर्य : बहते पानी में गुड़ बहाएँ। 3. चंद्र : किसी मंदिर में कुछ दिन कच्चा दूध और चावल रखें या खीर-बर्फी का दान करें। 4. शुक्र : गाय की सेवा करें और घर तथा शरीर को साफ-सुथरा रखें। 5. मंगल : बरगद के वृक्ष की जड़ में मीठा कच्चा दूध 43 दिन लगातार डालें। उस दूध से भिगी मिट्टी का तिलक लगाएँ। 6. बुध : 96 घंटे के लिए नाक छिदवाकर उसमें चाँदी का तार या सफेद धागा डाल कर रखें। ताँबे के पैसे में सूराख करके बहते पानी में बहाएँ। 7. शनि : बहते पानी में रोजाना नारियल बहाएँ। 8. राहु : जौ, सरसों या मूली का दान करें। 9. केतु : मिट्टी के बने तंदूर में मीठी रोटी बनाकर 43 दिन कुत्तों को खिलाएँ।