डोल ग्यारस के दिन आजमाएं 5 खास उपाय, बाल रूप कान्हा देंगे खुशियों का आशीर्वाद ज्योतिषाचार्य डॉ उमाशंकर मिश्र ज्योतिषाचार्य आकांक्षा श्रीवास्तव 9415087711 8840727096 Astroexpertsolution.com भाद्रपद में शुक्ल पक्ष की एकादशी को परिवर्तनी एकादशी कहते हैं। इसके अलावा इसे जलझूलनी यानी डोल ग्यारस भी कहते हैं। इसके अलावा इसे वामन और पद्मा एकादशी भी कहते हैं। इस बार यह एकादशी 17 सितंबर 2021 शुक्रवार को रहेगी। डोल ग्यारस के दिन आजमाएं 5 खास उपाय। 1. ऐसी मान्‍यता है, कि डोल ग्‍यारस का व्रत रखे बगैर जन्‍माष्‍टमी का व्रत पूर्ण नहीं होता। इससे श्रीकृष्‍ण प्रसन्न होते हैं। इस दिन भगवान कृष्ण के बाल रूप का जलवा पूजन किया गया था। 2. इस दिन भगवान श्रीकृष्‍ण को माखन मिश्री का भोग लगाएं और ध्यान रहे कि सभी तरह के भोग में तुलसी का पत्ता अवश्‍य रखें। इससे श्रीकृष्‍ण का आशीर्वाद प्राप्त होगा। 3. श्रीकृष्‍ण का अच्छे से श्रृंगार करके उन्हें सुंदर से झुले में बैठाया जाता है और उनकी विधिवत रूप से पूजा करना चाहिए। इस दिन श्रीकृष्‍ण की पूजा करने से जीवन में मान-सम्मान, प्रतिष्ठा, पद, धन-धान्य की प्राप्ति होती है। 4. परिवर्तिनी एकादशी के व्रत से सभी दु:ख दूर होकर मुक्ति मिलती है। इससे जीवन से समस्त संकटों, कष्टों का नाश हो जाता है और व्यक्ति को मृत्यु के उपरांत मोक्ष प्राप्त हो जाता है। वह सीधा भगवान विष्णु के परम लोक बैकुंठ चला जाता है। 5. इस दिन भोजन पूर्व गाय माता को चारा खिलाने से दरिद्राता दूर होती है। इसके अलावा ये भी करें : 1. इस दिन गेंहू, धन, फल, वस्त्र और सिंदूर का दान करने से कर्ज से मुक्ति मिलती है। 2. इस दिन को व्रत करने से वाजपेय यज्ञ का फल मिलता है। इसे पद्मा एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। यह देवी लक्ष्मी का आह्लादकारी व्रत है इसलिए इस दिन लक्ष्मी प्राप्ति हेतु लक्ष्मी पूजन करना श्रेष्ठ माना गया है। 3. इस एकादशी पर व्रत रखने और विष्णु पूजन करने से पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। 4. इस एकादशी का व्रत रखने से भगवान विष्णु, लक्ष्मी और श्रीकृष्ण की कृपा प्राप्त होती है। ज्योतिषाचार्य डॉ उमाशंकर मिश्र ज्योतिषाचार्य आकांक्षा श्रीवास्तव 9415087711 8840727096 Astroexpertsolution.com