10 सितंबर से प्रारंभ हो रहा गणेशोत्सव।जाने गणेश चतुर्थी का शुभ मुहूर्त और पूजा बिधि
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श्री गणेश चतुर्थी या वैनायकी वरद् (विनायक चतुर्थी) भाद्रपद माह के शुक्लपक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाती है,जो की इस बार 10 सितंबर दिन शुक्रवार को पड़ रही है। 09 तारीख की रात्रि 02 : 13 मि. से लेकर 10 तारीख शुक्रवार की रात्रि 12 : 12 मि. तक चतुर्थी तिथि रहेगी।
विशेष योग :- चित्रा नक्षत्र ब्रह्मयोग, का एक अद्भुत समागम गणेश चतुर्थी के दिन बन रहा है। जिसका - विद्या, बुद्धि, व्यापार, पर एक अच्छा असर पड़ेगा।
श्री गणेश चतुर्थी तिथि से लेकर अनंत चतुर्दशी तिथि तक ये गणेश उत्सव कहलाता है। इन दस दिनों में भगवान श्री गणेश का विधिवत पूजन करने से भगवान श्री गणेश जी समस्त विघ्नों का हरण कर सभी मंगल कार्यों को पूर्ण करते हैं।
भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी से अनंतचतुर्दशी तक चलने वाले इन दस दिवसीय महोत्सव में श्री गणेश जी का पूजन,अथर्वशीर्ष का पाठ, सिध्दि विनायक मंत्र जाप तदुपरान्त होम आहुति पूर्णाहुति आदि करके विधिवत तरीके से विसर्जन करना चाहिए।
गणेश चतुर्थी का शुभ मुहूर्त
1:- प्रातः - 05 : 50 - मि. से दिन - 08 : 34 - मि. तक।
2:- दिन - 10 : 50 - मि. से मध्यान्ह - 01 : 07 - मि. तक।
श्री गणेश चतुर्थी पूजा विधि
1 :- गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश जी की पार्थिव (मिट्टी) प्रतिमा लाकर विधिवत प्राण प्रतिष्ठा करना चाहिए।
2 :- सर्व प्रथम पूज्य गणेश जी की प्रतिमा गोबर या मिट्टी की होनी चाहिए।
3 :- निर्मित कि हुई श्री गणेश प्रतिमा पूर्व या उत्तर की और मुख कर के रखनी चाहिए।
4 :- षोडश संस्कार तथा प्राण प्रतिष्ठा करके षोडष उपचार अथवा पंच उपचार से पूजन करके विविध व्यंजनों ,मोदक आदि अर्पित करना चाहिए।
5 :- श्री गणेश जी का 108 या 1008 नामों से धान का लावा,फल,दक्षिणा,मोदक,मेवा आदि से शतार्चन अथवा सहर्त्रार्चन करना चाहिए
6 :- विशेष कामना के लिए श्री गणेश अथर्वशीर्ष का पाठ करके अभिषेक एवं दुर्वार्चन करें।
7 :- रुद्राक्ष की माला या हल्दी की माला से ॐ गं गणपतये नमः मन्त्र का 108 बार जाप करना चाहिए।
8 :- गणेश चालीसा, गणेश स्तुती आदि का पाठ एवं किर्तन भजन करके आरती करें और भगवान श्री गणेश जी से क्षमा प्रार्थना करनी चाहिए।
।। सबका मंगल हो ।।
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