शिव मंदिर की ध्वजा एवं ग्रहों का संबंध
ज्योतिषाचार्य डॉ उमाशंकर मिश्रा ज्योतिषाचार्य आकांक्षा श्रीवास्तव
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शास्त्रों में शिखर दर्शन ध्वजा दर्शन को संपूर्ण दर्शन का फल प्राप्त होने का कहा गया। सम्पूर्ण ऊर्जा का केंद्र जिस प्रकार मनुष्य का सहसत्रधार चक्र होता है। उसी प्रकार मंदिर का सर्वोच्च भाग ध्वजा भी आकाशीय ब्रह्मांड ऊर्जा का एक प्रकार का ऊर्जा का टावर होता है। अपने जन्म नक्षत्र का दिन जो श्रावण में आता है। उस दिन ध्वजा अपने नाम से लगवा पूजन में शामिल हो।
विज्ञान कहता है कि ग्रह भी अलग-अलग पांच तत्वों से बने हैं। जिन पांच तत्वों से शरीर बना। ज्योतिष तो पहले से कहता आया है पर आज विज्ञान भी मानता है कि ग्रहों का प्रभाव पंच तत्वीय शरीर पर पड़ता है। ग्रहों की स्थिति सदा बदलती रहती है। इसीलिए इंसान का जीवन भी एक समान नहीं होता है। इंसान या तो अपने या अपनों की शरीर पीड़ा के विकार से ग्रस्त रहता, किसी रिश्तों के अभाव, विवाद से या किसी अभाव से इन सभी विकारों के लिए ग्रह एक हद तक जिम्मेदार हैं। आइए जानते हैं कि किसी मंदिर की ध्वजा रोहण से हम ग्रहों की मारक शक्ति या अपनी सहन शक्ति कैसे बड़ाएं। अलग-अलग रिश्तों के नाम ध्वजा लगवाना भी एक ग्रह विज्ञान है। जानें कैसे।
1. सूर्य ग्रह- सूर्य ग्रह पिता का हड्डियों का हृदय का कारक है। पिता संबंधी स्वस्थ रिश्तों में सुधार। स्वयं की पत्रिका में सूर्य पीड़ित हो तब पिता के नाम से ध्वजा लगावें।
2. चंद्र ग्रह- माता और मन का कारक है। मां का कारक चंद्र, मन का कारक और चंद्र फेफड़े संबंधी विकारों का चंद्र। पत्रिका में चंद्र ग्रह पीड़ित होने पर अपनी माता जी के नाम से ध्वजा लगवाएं।
3. मंगल ग्रह- भाई का कारक होता है। रक्त, क्रोध का कारक होता है। ज्योतिष में भाईयों के बीच विवाद क्रोध अधिक हो, रक्त संबंधी विकार होने पर अपने भाई के नाम से ध्वजा लगवाएं।
4. बुध ग्रह- बुध ग्रह शरीर में त्वचा और आपके ज्ञान का कारक होता है। आंत संबंधी विकार होने पर अपने मामा के नाम से ध्वजा लगवाएं।
5. गुरु ग्रह- गुरु लिवर का, रिश्तों में पति अगर आप महिला है। बच्चे भी, गुरु या आपका आध्यात्मिक गुरु भी इसमें आता है। इन संबंधी या गुरु पीड़ित होने पर अपने पति बच्चे या आध्यात्मिक गुरु के नाम से ध्वजा लगवाएं।
6 शुक्र ग्रह- शुक्र ग्रह पत्नी महिला तत्व से जाना जाता है। यौन संबंधित विकार होने पर, पत्रिका में शुक्र ग्रह पीड़ित होने पर पत्नी के नाम से या अपनी कुल देवी के नाम से ध्वजा लगवाना हितकर होगा
7. शनि ग्रह- शनि देव अगर पीड़ित हैं या बार-बार नौकर संबंधित समस्याँ कार्य में देरीँ घुटनो में दर्द साढ़े साती के वक्त कानूनी परेशानियां, अपने घर के सबसे पुराने नौकर के नाम से या घर के बुजुर्ग के नाम से ध्वजा लगवाने से आराम मिलता है।
8. राहु ग्रह- राहु ग्रह अटैचमेंट का कारक है। नशा, जुआ, शराब की लत, राहु देव की पीड़ित होने की निशानी है। छुपा हुआ रोग, आपके दादाजी नानाजी का प्रतिनिधित्व करता है। नाना या दादाजी के नाम से ध्वजा लगवाएं
9.केतु ग्रह- व्यवसाय नौकरी में अस्थिरता, क्रोनिक बीमारी, छुपा रोग। नानाजी के नाम से ध्वजा लगवाएं।
मंदिर में आप जाते भी हैं तो मूर्ति के आगे हाथ जोड़ कुछ पल आंखे बंद कर लेते हैं। आध्यात्मिक ईश्वरीय चेतना को अपने में समाहित करने हेतु आंखे स्वतः बंद हो जाती है। अंतः किसी मजबूरी में दर्शन न कर पाएं तो शिखर ध्वजा दर्शन कर ऊर्जा केंद्र का अनुभव करते हैं। हवा में एक और लहराता ध्वज केतु ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है। कोई ग्रह आपके लिए खराब तो बच्चे के लिए अच्छा हो सकता है। किसी ग्रह को दोष ना दें। उपाय ज्योतिष के माध्यम से प्राप्त करें।
ज्योतिषाचार्य डॉ उमाशंकर मिश्रा ज्योतिषाचार्य आकांक्षा श्रीवास्तव
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