वास्तु दोष दूर करते हैं श्री गणेश, पर पहले जान लें ये 11 खास बातें... *ज्योतिषाचार्य डॉ उमाशंकर मिश्रा ज्योतिषाचार्य आकांक्षा श्रीवास्तव* 9415087711 8840727096 astroexpertsolution.com वक्रतुंड महाकाय कोटिसूर्यसमप्रभ। नि‍र्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा।। वास्तु पुरुष की प्रार्थना पर ब्रह्माजी ने वास्तुशास्त्र के नियमों की रचना की थी। यह मानव कल्याण के लिए बनाया गया था इसलिए इनकी अनदेखी करने पर घर के सदस्यों को शारीरिक, मानसिक, आर्थिक हानि भी उठानी पड़ती है अत: वास्तु देवता की संतुष्टि के लिए भगवान गणेश को पूजना बेहतर है। कई वास्तुदोषों का निवारण श्री गणेश की पूजा से ही हो जाता है। श्री गणेश की आराधना के बिना वास्तु देवता को संतुष्ट नहीं किया जा सकता। बिना तोड़-फोड़ अगर वास्तु दोष को दूर करना चाहते हैं तो इन्हें आजमाइए। पहले जान लें ये 11 खास बातें... 1. सुख, शांति, समृद्धि की चाह रखने वालों के लिए सफेद रंग के विनायक की मूर्ति, चित्र लगाना चाहिए। 2. सर्व मंगल की कामना करने वालों के लिए सिंदूरी रंग के गणपति की आराधना अनुकूल रहती है। 3. यदि घर के मुख्य द्वार पर श्री गणेश की प्रतिमा या चित्र लगाया गया हो तो, हो सके तो दूसरी तरफ ठीक उसी जगह पर गणेशजी की प्रतिमा इस प्रकार लगाएं कि दोनों गणेश जी की पीठ मिलती रहे। इस प्रकार से दूसरी प्रतिमा का चित्र लगाने से वास्तु दोषों का शमन होता है। 4. भवन के जिस भाग में वास्तु दोष हो, उस स्‍थान पर घी मिश्रित सिन्दूर से स्वस्तिक दीवार पर बनाने से वास्तु दोष का प्रभाव कम होता है। 5. घर या कार्यस्थल के किसी भी भाग में वक्रतुंड की प्रतिमा अथवा चित्र लगाए जा सकते हैं, किंतु प्रतिमा लगाते समय यह ध्यान अवश्य रखना चाहिए कि किसी भी स्थिति में इनका मुंह दक्षिण दिशा या नैऋत्य कोण में नहीं हो। इसका विपरीत प्रभाव होता है। 6. भगवान मंगलमूर्ति को मोदक एवं मूषक अतिप्रिय है अत: घर में चित्र लगाते समय ध्यान रखें कि चित्र में मोदक या लड्डू और चूहा अवश्य होना चाहिए। 7. घर में बैठे हुए गणेशजी तथा कार्यस्थल पर खड़े गणेश जी का चित्र लगाना चाहिए। अगर लगा रहे हो तो इस बात का ध्यान रखें कि खड़े गणेश जी के दोनों पैर जमीन का स्पर्श करते हुए हों, इससे कार्य में स्थिरता आने की संभावना रहती है। 8. भवन के ब्रह्म स्थान अर्थात केंद्र में, ईशान कोण एवं पूर्व दिशा में सुखकर्ता की मूर्ति अथवा चि‍त्र लगाना शुभ रहता है। 9. गणेश जी का चित्र उस स्थान पर नहीं लगाना चाहिए, जहां लोगों को थूकने आदि से रोकना हो। 10. विघ्नहर्ता की मूर्ति अथवा चित्र में उनके बाएं हाथ की ओर सूंड घुमी हुई हो, इस बात का ध्यान रखना चाहिए। 11. दाएं हाथ की ओर घुमी हुई सूंड वाले गणेशजी हठी होते हैं तथा उनकी साधना-आराधना कठिन होती है। इस तरह आप श्री गणेश पूजन द्वारा वास्तुदोष को दूर कर सकते हैं। घर में बिना तोड़-फोड़ के ही आप वास्तु दोष से मुक्ति पा सकते हैं। *ज्योतिषाचार्य डॉ उमाशंकर मिश्रा ज्योतिषाचार्य आकांक्षा श्रीवास्तव* 9415087711 8840727096 astroexpertsolution.com