❤🍫❤🍫❤🍫❤ Jyotish Acharya Dr Umashankar Mishra 9415 087 711
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बल्ड शुगर लो होने पर रखे इन बातो ध्यान
भोजन छोड़ने से बढ़ता है गुस्सा और घटती है ब्लड शुगर
शुगर का स्रोत चीनी के अलावा भी ढेर सारे पदार्थ हैं, जिन्हें रोज खाते हैं। बेकरी प्रॉडक्ट, ड्रिंक्स, प्रॉसेस्ड फूड्स में शुगर छिपा होता है।
एक दिन में इतना शुगर खाना चाहिए
स्वस्थ पुरुष को एक दिन में 37.5 ग्राम या 9 चम्मच से ज्यादा शुगर नहीं खाना चाहिए।
स्वस्थ महिला को एक दिन में 25 ग्राम या 6 चम्मच से ज्यादा शुगर नहीं खाना चाहिए।
शुगर लो होने पर आंखों के सामने अंधेरा छाने लगता है। इससे बचने के लिए जरूरी है ज्यादा देर तक भूखे न रहें।
अब खाली पेट रहेंगे तो आपका दिमाग कैसे काम करेगा। आखिर उसे भी काम करते रहने के लिए ऊर्जा और ईंधन की जरूरत होती है। और तो और अगर दिमाग को पूरी खुराक न मिले, तो इसका असर आपके मूड पर पड़ सकता है और खराब मूड आपके रिश्तों को भी बिगाड़ सकता है।
ब्लड शुगर लेवल कम हो तो क्या करे -
अगर आपका या आपके आस-पास किसी व्यक्ति का ब्लड शुगर का स्तर कम हो गया है, तो आप निम्नलिखित तरीके से प्राथमिक उपचार कर सकते हैं -
सबसे पहले बैठ जाएं और अगर आपके आस-पास किसी व्यक्ति को लो शुगर के लक्षण अनुभव हो रहे हैं, तो उसे बिठा दें। ऐसा न करने पर व्यक्ति चक्कर आने के कारण गिर सकता है और उसे चोट लग सकती है।
इसके बाद कुछ ऐसा खाएं या पिएं जिसमें शुगर की मात्रा अधिक हो। इसके लिए आप टॉफी खा सकते हैं। अगर आपको बार-बार लो शुगर की समस्या होती है, तो अपने
शुगर लो होने पर जूस पीने से आपको तुरंत राहत मिल सकती है। इसके लिए आप सेब का जूस, संतरे का जूस या ऐसा कोई भी जूस ले सकते हैं जो आपके आस-पास मौजूद हो।
आप चाहें तो ब्लड शुगर लो होने पर एक गिलास पानी में थोड़ी चीनी घोलकर भी पी सकते हैं या पानी में शहद डालकर भी ले सकते हैं।
रक्त में शुगर कम होने पर कोल्ड ड्रिंक पीना भी फायदेमंद होता है। हालांकि, इस बात का ध्यान रखें कि ये कोल्ड ड्रिंक डाइट में लेने वाली न हो।
एक बार कुछ मीठा खाने के बाद 10 से 15 मिनट तक इंतजार करें और देखें कि आपके लक्षण बेहतर हो रहे हैं या नहीं।
अगर आपको लक्षण में सुधार महसूस हो, तो थोड़ा और मीठा खाएं, जैसे बिस्कुट या ब्रेड। आप ब्रेड जैम भी खा सकते हैं। याद रहे कि बहुत ज्यादा मीठा न खाएं क्योंकि इससे आपकी शुगर सामान्य से अधिक बढ़ सकती है।
अगर मीठा खाने के 15 मिनट बाद तक आपको बेहतर महसूस नहीं होता या लक्षण बिगड़ने लगते हैं, तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं।
शोध में यह बात सामने आयी है कि जब आप लंच नहीं करते, तो आपको एक अजीब तरह की फीलिंग होती है। जानकारों ने इसे अंग्रेजी के हंगर यानी भूख और एंगर यानी क्रोध को मिलाकर नया नाम हैंगर दिया है। जानकारों का मानना है कि यह बर्ताव आपकी लव लाइफ को भी खतरे में डाल सकता है। 107 शादीशुदा जोड़ों पर शोध करने के बाद यह बात सामने आयी है। जिस व्यक्ति का ब्लड शुगर कम होता है वह उसकी प्रतिक्रिया अपने साथी पर निकालता है। और इस शोध में यह बात भी सामने आयी कि इस तरह का व्यवहार महिला और पुरुष दोनों करते हैा। यानी व्यक्ति के जेंडर का इससे कोई फर्क नहीं पड़ता।
skip meal
सुधारें
जब कभी आपको 'हैंगर' होने का आभास हो, तो साबुत अनाज जैसे उच्च फाइबर युक्त आहार का सेवन करें। आपके आहार में कम से कम पांच ग्राम फाइबर होना चाहिये। इससे आपको लंबे समय तक भूख नहीं लगेगी। आपको उच्च शर्करा युक्त आहार का सेवन नहीं करना चाहिये। क्योंकि ऐसे आहार बहुत जल्दी आपके रक्त ग्लूकोज का हिस्सा बन जाएंगे। यानी आपकी 'हैंगर' प्रक्रिया दोबारा शुरू हो जाएगी।
कुछ न कुछ खाते रहें
अगर आपने बीते चार घंटों से कुछ नहीं खाया है, तो इससे आपके रक्त में शर्करा का स्तर तेजी से कम हो जाता है। मस्तिष्क की कोशिकाओं के पास बैकअप ग्लूकोज नहीं बचता। तो दिमाग को सबसे पहले पता चलता है कि आप अब खाली पेट काम कर रहे हैं।
संकेतों को पहचानें
आपके दिमाग के सोचने समझने की शक्ति पर विपरीत असर पड़ता है। एंड्रनालाइन सक्रिय हो जाता है। इससे आपके दिल की धड़कन बढ़ने लगती है। यह शरीर का एक संकेत है कि अब आपको भोजन करना चाहिये। यह आपको बताता है कि आपके शरीर में ईंधन की कमी हो रही है।
low blood sugar
क्या करता है मस्तिष्क
अब क्योंकि आपने काफी देर से कुछ नहीं खाया है और आपके मस्तिष्क के पास ईंधन भी खत्म हो गया है। तो बिना ईंधन का मस्तिष्क ऊर्जा को स्व-नियंत्रण की प्रक्रिया से हटाने लगता है। वह इस ऊर्जा को अन्य जरूरी समझे जाने वाले कामों में लगाने लगता है।
क्या होता है इसका असर
गुस्सा, आक्रामकता और मूड में परिवर्तन होने लगता है। अब क्योंकि मसि्तष्क ने ऊर्जा को स्व-नियंत्रण से हटा दिया है, इसलिए ये भावनायें भी बेलगाम हो जाती हैं। तो यानी अगर आप गुस्से, चिंता, तनाव और अन्य चीजों से बचे रहना चाहते हैं, तो भोजन की अहमियत को समझें।
इसका असर
यह प्रक्रिया तनाव हॉर्मोन को बढ़ा देती है। इससे चिंता, सिरदर्द और चक्कर आने जैसी तकलीफें होने लगती हैं।
कैसे बचें
हर चार घंट में कुछ न कुछ खाते रहें। कई बार ऐसा होता है कि आप काफी समय तक कुछ नहीं खा पाते। काम के दबाव या किसी अन्य कारण से आपको भोजन करने का समय नहीं मिल पाता। तो ऐसे में ' हैंगर' से बचने के लिए अपने पास कोई न कोई स्नैक्स जरूर रखें।
डायबिटीज कंट्रोल करने के लिए सबसे जरूरी तो ये है कि आप अपने खानपान पर विशेष ध्यान दें और परहेज करें. इसके अलावा कई ऐसे घरेलू उपाय हैं जिनसे आप डायबिटीज को कंट्रोल करके एक सामान्य जीवन जी सकते हैं.
तुलसी की पत्तियों के इस्तेमाल से कंट्रोल करें डायबिटीज
तुलसी की पत्तियों में एंटी-ऑक्सीडेंट पाए जाते हैं. इसके अलावा इसमें कई ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो पैंक्रियाटिक बीटा सेल्स को इंसुलिन के प्रति सक्रिय बनाती हैं. ये सेल्स इंसुलिन के स्त्राव को बढ़ाती हैं. सुबह उठकर खाली पेट दो से तीन तुलसी की पत्ती चबाएं. आप चाहें तो तुलसी का रस भी पी सकते हैं. इससे ब्लड शुगर लेवल कम होता है.
दालचीनी का पाउडर लेना भी है बहुत फायदेमंद
दालचीनी भारतीय व्यंजनों में इस्तेमाल होने वाला एक प्रमुख मसाला है. दालचीनी के प्रयोग से इंसुलिन की संवेदनशीलता बढ़ती है. ये ब्लड में शुगर के लेवल को कम करने और नियंत्रित करने में मददगार है. इसके नियमित सेवन से मोटापा भी कम किया जा सकता है. दालचीनी को महीन पीसकर पाउडर बना लें और उसे गुनगुने पानी के साथ लें. मात्रा का विशेष ध्यान दें. बहुत अधिक मात्रा में ये पाउडर लेना खतरनाक हो सकता है.
ग्रीन टी पीना भी है फायदेमंद
ग्रीन टी में उच्च मात्रा में पॉलीफिनॉल पाया जाता है. ये एक सक्रिय एंटी-ऑक्सीडेंट है. जो ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मददगार है. प्रतिदिन सुबह और शाम ग्रीन टी पीने से फायदा होगा.
सहजन की पत्तियों का रस भी है फायदेमंद
सहजन की पत्तियों का रस भी डायबिटीज कंट्रोल करने में बहुत कारगर है. ड्रमस्टिक की पत्तियों को पीसकर उसे निचोड़ ले और सुबह खाली पेट इसका सेवन करें. इससे शुगर लेवल बढ़ेगा नहीं.
जामुन के बीजों के सेवन से
जामुन के बीज भी डायबिटीज कंट्रोल करने में फायदेमंद हैं. जामुन के बीजों को अच्छी तरह सुखा लें. सूखने के बाद इन्हें पीसकर एक चूर्ण बना लें. सुबह खाली पेट जामुन के बीजों को गुनगुने पानी के साथ लें. इससे डायबिटीज कंट्रोल करने में मदद मिलेगी.
हाइपोग्लाइसेमिक अटैक का इलाज
जब भी आपका ब्लड शुगर लेवल कम हो उसका तुरंत इलाज करवाना चाहिए. ऐसा करने से आप जल्दी रिकवर होते हैं और ब्लड शुगर लेवल को और नीचे गिरने से रोकने में मदद मिलती है. तुरंत इलाज कराने से हाइपोग्लाइसीमिया के बढ़ने का ख़तरा कम हो जाता है.
ऐसा होने पर आपको क्या करना चाहिए? अगर ‘लो ब्लड शुगर’ का माइल्ड केस हो तो तुरंत कोई भी मीठी चीज़ खाना चाहिए.
अगर आपका ब्लड शुगर लेवल 70 मिग्रा/डेली से कम है और आप होश में हैं, तो 15-20 ग्राम ग्लूकोज़ का सेवन करना सही इलाज है. आप किसी भी रूप में कार्बोहाइड्रेट का सेवन कर सकते हैं, बस उसमें ग्लूकोज़ (जैसे कि कैंडी, मिठाई या फलों का जूस) होना चाहिए. इनमें से कुछ चीज़ों को हमेशा अपने बैग में साथ रखें.
15 मिनट बाद दोबारा अपना ब्लड शुगर लेवल चेक करें. अगर अभी भी ब्लड शुगर लेवल कम हो रहा हो तो फिर से कुछ मीठी चीज़ खाएं.
जब आपका शुगर लेवल सामान्य हो जाए, तो हाइपोग्लाइसीमिया को दोबारा होने से रोकने के लिए आपको नाश्ता या भरपूर भोजन करना चाहिए.
ब्लड शुगर लेवल बहुत कम हो जाने पर दौरे पड़ने या बेहोश होने जैसी समस्याएं हो सकती हैं. ऐसे हालात में आप ख़ुद से शुगर भी नहीं खा सकते. ऐसे में रिकवरी के लिए किसी दूसरे की ज़रूरत पड़ सकती है. गंभीर हाइपोग्लाइसीमिया (54 मिग्रा/डेली से भी कम) होने पर परिवार के किसी सदस्य या किसी जान-पहचान वाले की मदद से ग्लूकागॉन के इंजेक्शन लगवाएं.
हालात में कोई सुधार ना होने पर मरीज़ को तुरंत अस्पताल में एडमिट करवाना पड़ सकता है. ऐसे में डॉक्टर आपकी जांच करके यह पता लगाते हैं कि आपको हाइपोग्लाइसीमिया के अटैक बार-बार आते हैं या फिर उससे जुड़ी जानकारी के अभाव में ऐसा हुआ है.
हाइपोग्लाइसीमिया के अटैक से बचाव
किन वजहों से ब्लड शुगर लेवल कम हो रहा है, अगर ये पता चल जाए तो हाइपोग्लाइसीमिया से बचाव हो सकता है. व्रत रखना, देर से खाना खाना, शारीरिक रूप से बहुत ज़्यादा मेहनत करना जैसी चीज़ें लो ब्लड शुगर के ख़तरे को बढ़ाते हैं. यहां हम आपको हाइपोग्लाइसीमिया के अटैक से बचाव के कुछ टिप्स बता रहे हैं.
अपनी दवाओं के मुताबिक अपना खानपान तय करें. खाने में देरी या खाना ना खाना जैसी ग़लतियां न करें.
लो ब्लड शुगर के संकेतों पर ध्यान दें. लक्षणों को जल्दी पहचानें और उसी मुताबिक इलाज करवाएं. नियमित रूप से अपने ब्लड शुगर लेवल की जांच करवाते रहें.
अपने साथ हमेशा ग्लूकोज टैबलेट या कैंडी ज़रूर रखें.
रोज़ाना सोने से पहले ब्लड ग्लूकोज़ की जांच करने से नॉकटर्नल हाइपोग्लाइसीमिया के ख़तरे को काफ़ी हद तक कम किया जा सकता है. सोने के समय नाश्ता और इंसुलिन की सही ख़ुराक से भी हाइपोग्लाइसीमिया को रोका जा सकता है.
ब्लड शुगर की लगातार जांच करके आप एक्सरसाइज़ करने के दौरान या बाद होने वाले हाइपोग्लाइसीमिया से बच सकते हैं. इसके अलावा सेशन के पहले इंसुलिन की सही ख़ुराक और सप्लीमेंट खाने से हाइपोग्लाइसीमिया के ख़तरे से बचाव होता है. दवाइयों की सही ख़ुराक के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें. डायबिटीज़ प्रभावित लोगों को एक्सरसाइज़ करने के दौरान इन बातों का ध्यान रखना चाहिए.
अपने परिवार के लोगों या केयरटेकर को ग्लूकागॉन किट का इस्तेमाल करना अच्छी तरह सिखाएं. उन्हें यह पता होना चाहिए कि किट कहां रखी हैं और उसका इस्तेमाल कब और कैसे करना है.
अगर आपको ‘हाइपोग्लाइसीमिया अनअवेयरनेस है, तो शुगर लेवल नियंत्रण में रखें. कई हफ़्तों तक ब्लड शुगर लेवल कम रखने के बाद आपकी हाइपोग्लाइसीमिया अवेयरनेस की स्थिति सुधर सकती
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