।।नक्षत्रों के वृक्ष।।
🌲 Jyotish Acharya Dr Umashankar Mishra 🌿🌲🌿 9415 087 711 🌲
1-अश्वनि-केला, आक, धतूरा ।
2-भरणी- केला ,आंवला ।
3-कृतिका-गूलर।
4रोहिणी-जामुन।
5-मृगशिरा-खैर।
6-आर्द्रा-आम, बेल।
7-पुनर्वसु- बांस।
8-पुष्य- पीपल।
9-आश्लेषा-नागकेशर,या चंदन।
10मघा- बरगद।
11-पू.फा.ढाक,(पलास)
12-उ.फा.-बड़, पाकड़।
13-हस्त-रीठा।
14-चित्रा-बेल।
15-स्वाती- अर्जुन।
16विशाखा-नीम/विकंक।
17-अनुराधा-मौलसिरी।
18-ज्येष्ठा-रीठा।
19-मूल-राल वृक्ष।
20-पू.षा.-मौलसिरी, जामुन।
21-उ.षा.-कटहल।
22-श्रवण-आक।
23-धनिष्ठा-शमी/सेमर।
24-शतभिषा-कदम्ब।
25-पू.भा.-आम।
26-उ.भा.-पीपल/सोनपाठा।
27-रेवती-महुआ।
अपने जन्म नक्षत्र के अनुकूल वृक्ष लगाने , उस वृक्ष की पूजा
करने अथवा उनमें पानी देने उनकी परिक्रमा करने ,
इनके नीचे खाद्य पदार्थ रखने या इनके नीचे चीटियों
को पंजीरी खिलाने या इनका प्रतिदिन दर्शन करने
से नक्षत्र जनित दोष दूर होते हैं एवं भाग्य में वृद्धि
होती है।
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