नाग पंचमी के दिन क्या करें
*ज्योतिषाचार्य डॉ उमाशंकर मिश्रा
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घर के आंगन में गोबर के नागपूजन का विधान है। चंदन, लकड़ी, चांदी आदि के सर्प भी पूजे जा सकते हैं। संयम से रहें, व्रत करें। ब्राह्मण को भोजन करवाएं, घर में किसी की सर्प के काटने से मृत्यु हुई हो तो कहा जाता है कि उसकी सद्गति नहीं होती। सर्प पूजन करने से उसे मुक्ति मिल जाती है।
नाग पंचमी से हर महीने की शुक्ल पक्ष की पंचमी को एक-एक नाग का विधान पूर्ण होता है। उनके अनुसार मंत्र ( Mantra ) बताए गए हैं आइए जानते हैं...
- श्रावण माह- ॐ अनंतर्पिणी नम:।
- भाद्रपद माह- ॐ वासुकी नम:।
- क्वार माह- ॐ शेषाय नम:।
- कार्तिक माह- ॐ पद्माय नम:।
- अगहन माह- ॐ कम्बलाय नम:।
- पौष माह- ॐ अश्वतराय नम:।
- माघ माह- ॐ कर्कोटकाय नम:।
- फाल्गुन माह- ॐ घृतराष्ट्राय नम:।
- चैत्र माह- ॐ शंखपालाय नम:।
- वैशाख माह- ॐ तक्षकाय नम:।
- ज्येष्ठ माह- ॐ पिंगलाय नम:।
- आषाढ़ माह- ॐ कालिदाय नम:।
इन मंत्रों के साथ नाग गायत्री का जप भी करें-
मंत्र- ॐ नवकुलाय विद्महे विषदंताय धीमहि तन्नो सर्प: प्रचोदयात्।
*ज्योतिषाचार्य डॉ उमाशंकर मिश्रा
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