* कौन सा रुद्राक्ष किस को पहनना चाहिए ? Jyotish Acharya Dr Umashankar Mishra 9415 087 711 शिव महापुराण में कुछ विशेष बातें बताई गई हैं जिन्हें आज हम आपको बताते हैं कि किस व्यक्ति को कौन सा रुद्राक्ष शुभ हो सकता है . आओ जाने -- सूर्य राशि हो तो एक मुखी रुद्राक्ष धारण शुभ है । हालांकि यह दुर्लभ है । सम्मान,धन ,प्रतिष्ठा का कारण बनता है।। दो मुखी रुद्राक्ष दांपत्य जीवन में सामंजस्य बिठाने के लिए दो मुखी रुद्राक्ष पहनना चाहिए। शास्त्रों के अनुसार यह रुद्राक्ष भगवान शिव के अर्द्ध-नारीश्वर रूप का प्रतीक है। वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार दो मुखी रुद्राक्ष का स्वामी ग्रह चंद्र है। जिन जातकों की कुंडली में चंद्र कमजोर है उन्हें दो मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए। विशेषकर गर्भवती महिलाओं द्वारा यदि इस रुद्राक्ष की आराधना की जाए तो उन्हें इससे लाभ मिलता है। यह रुद्राक्ष बायीं आँख से जुड़े रोगों के साथ-साथ फेफड़े, हृदय और दिमाग से संबंधित बीमारियों को मिटाने में भी लाभकारी साबित होता है। तीन मुखी रुद्राक्ष को भगवान ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों देवों का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए पहनना चाहिए। वैदिक ज्योतिष के अनुसार मंगल ग्रह को तीन मुखी रुद्राक्ष का स्वामी माना गया है। तीन मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से कुंडली से मंगल दोष दूर हो जाता है। इस रुद्राक्ष को विद्या प्राप्ति के लिए भी धारण किया जाता है। इसे धारण करने से तन और मन शुद्ध होता है। चार मुखी रुद्राक्ष का संबंध त्रिदेवों में से एक भगवान ब्रह्मा जी से माना जाता है। इस चार मुखी रुद्राक्ष को धारण करने वाले व्यक्ति को भगवान ब्रह्मा की कृपा प्राप्त होती है और व्यक्ति की बौद्धिक क्षमता का विकास होता है। चार मुखी रुद्राक्ष पर बुध ग्रह का आधिपत्य माना जाता है। चार मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से व्यक्ति को खुद में सकारात्मक परिवर्तन देखने को मिलते हैं। यह रुद्राक्ष किडनी और थायराइड से जुड़ी समस्याओं को दूर करने के लिए भी पहना जाता है। पाँच मुखी रुद्राक्ष ज्योतिष शास्त्र के अनुसार देव गुरु बृहस्पति को पांच मुखी रुद्राक्ष का अधिपति माना गया है। पाँच मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से जातक को मानसिक शांति का अनुभव होता है और इससे स्वास्थ्य में भी सकारात्मक बदलाव आते हैं। इस रुद्राक्ष को धारण करने से मनुष्य की आयु में भी वृद्धि होती है। माना जाता है कि जो भी जातक पाँच मुखी रुद्राक्ष धारण करता है उसे भगवान् शिव के पाँच रूपों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस रुद्राक्ष को धारण करके व्यक्ति किसी भी तरह की दुर्घटना से बच जाता है। छह मुखी रुद्राक्ष को भगवान शिव के पुत्र कार्तिकेय का रूप माना जाता है। जो लोग इस रुद्राक्ष को धारण करते हैं उन्हें ब्रह्महत्या के पाप से भी मुक्ति मिलती है। ज्योतिष की मान्यताओं के अनुसार शुक्र ग्रह इस रुद्राक्ष का स्वामी माना गया है। शुक्र प्रेम, सुंदरता, आकर्षण, कलात्मक प्रतिभा का कारक होता है। जो व्यक्ति छह मुखी रुद्राक्ष को धारण करता है उसे आँख, गर्दन और मूत्र से संबंधित रोगों से छुटकारा मिलता है। इसके साथ ही व्यक्ति की इच्छा शक्ति और ज्ञान में भी इजाफा होता है और जीवन में खुशियां आती हैं।