हिन्दू धर्म से संबंधित तीन पशु पक्षी से जुड़े शकुन-अपशकुन 〰️〰️🌼 jyotishacharya Dr Umashankar Mishra〰️〰️🌼 9415 087 711〰️〰️🌼 9 23 5 722 996〰️〰️🌼 Siddhivinayak Jyotish AVN Vastu Anusandhan Kendra Vibhav khand 2 Gomti Nagar Lucknow〰️〰️🌼〰️〰️ प्राचीन समय के ऋषियों मुनियों ने अपने शोध में बताया था की प्रत्येक जानवर के विचित्र व्यवहार एवं हरकतों का कुछ न कुछ प्रभाव अवश्य होता है. जानवरों के संबंध में अनेको बाते हमारे पुराणों एवं ग्रंथो में भी विस्तार से बतलाई गई है। हमारे सनातन धर्म में माता के रूप में पूजनीय गाय के संबंध में तो बहुत सी बाते आप लोग जानते है होंगे परन्तु आज हम जानवरों के संबंध में पुराणों से ली गई कुछ ऐसी बातो के बारे में बतायेंगे जो आपने पहले कभी भी किसी से नहीं सुनी होगी. जानवरों से जुड़े रहस्यों के संबंध में पुराणों में बहुत ही विचित्र बाते बतलाई गई जो किसी को आश्चर्य में डाल देंगी। कौए का रहस्य :- 〰️〰️〰️〰️〰️ कौए के संबंध में पुराणों बहुत ही विचित्र बाते बतलाई गई है मान्यता है की कौआ अतिथि आगमन का सूचक एवं पितरो का आश्रम स्थल माना जाता है। हमारे धर्म ग्रन्थ की एक कथा के अनुसार इस पक्षी ने देवताओ और राक्षसों के द्वारा समुद्र मंथन से प्राप्त अमृत का रस चख लिया था. यही कारण है की कौआ की कभी भी स्वाभाविक मृत्यु नहीं होती. यह पक्षी कभी किसी बिमारी अथवा अपने वृद्धा अवस्था के कारण मृत्यु को प्राप्त नहीं होता. इसकी मृत्यु आकस्मिक रूप से होती है। यह बहुत ही रोचक है की जिस दिन कौए की मृत्यु होती है उस दिन उसका साथी भोजन ग्रहण नहीं करता. ये आपने कभी ख्याल किया हो तो यह बात गौर देने वाली है की कौआ कभी भी अकेले में भोजन ग्रहण नहीं करता यह पक्षी किसी साथी के साथ मिलकर ही भोजन करता है। कौआ की लम्बाई करीब 20 इंच होता है, तथा यह गहरे काले रंग का पक्षी है. जिनमे नर और मादा दोनों एक समान ही दिखाई देते है. यह बगैर थके मिलो उड़ सकता है. कौए के बारे में पुराण में बतलाया गया है की किसी भविष्य में होने वाली घटनाओं का आभास पूर्व ही हो जाता है। पितरो का आश्रय स्थल :- श्राद्ध पक्ष में कौए का महत्व बहुत ही अधिक माना गया है . इस पक्ष में यदि कोई भी व्यक्ति कौआ को भोजन कराता है तो यह भोजन कौआ के माध्यम से उसके पीतर ग्रहण करते है. शास्त्रों में यह बात स्पष्ट बतलाई गई है की कोई भी क्षमतावान आत्मा कौए के शरीर में विचरण कर सकती है। भादौ महीने के 16 दिन कौआ हर घर की छत का मेहमान बनता है. ये 16 दिन श्राद्ध पक्ष के दिन माने जाते हैं. कौए एवं पीपल को पितृ प्रतीक माना जाता है. इन दिनों कौए को खाना खिलाकर एवं पीपल को पानी पिलाकर पितरों को तृप्त किया जाता है। कौवे से जुड़े शकुन और अपशकुन :- 〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️ 👉 यदि आप शनिदेव को प्रसन्न करना चाहते हो कौआ को भोजन करना चाहिए। 👉 यदि आपके मुंडेर पर कोई कौआ बोले तो मेहमान अवश्य आते है। 👉 यदि कौआ घर की उत्तर दिशा से बोले तो समझे जल्द ही आप पर लक्ष्मी की कृपा होने वाली है। 👉 पश्चिम दिशा से बोले तो घर में मेहमान आते है। 👉 पूर्व में बोले तो शुभ समाचार आता है। 👉 दक्षिण दिशा से बोले तो बुरा समाचार आता है। 👉 कौवे को भोजन कराने से अनिष्ट व शत्रु का नाश होता है। चीटियों का रहस्य :- 〰️〰️〰️〰️〰️ चीटियों को हम एक बहुत तुच्छ एवं छोटा जानवर समझते है, परन्तु चीटियां बहुत ही मेहनती और एकता से रहने वाला जीव है. सामूहिक प्राणी होने के कारण चींटी सभी कार्यों को बांटकर करती है। विश्वभर में लगभग 14000 से अधिक प्रजाति की चीटियां है. चींटी के बारे में वैज्ञानिकों ने कई रहस्य उजागर किए हैं. चींटियां आपस में बातचीत करती हैं, वे नगर बनाती हैं और भंडारण की समुचित व्यवस्था करना जानती हैं. हमारे इंजीनियरों से कहीं ज्यादा बेहतर होती हैं ‍चींटियां. चींटियों का नेटवर्क दुनिया के अन्य नेटवर्क्स से कहीं बेहतर होता है. ये मिलकर एक पहाड़ को काटने की क्षमता रखती है। चींटियां शहर को स्वच्छ रखने में महत्वपूर्ण योगदान देती हैं. चींटियां खुद के वजन से 100 गुना ज्यादा वजन उठा सकती हैं. मानव को चींटियों से बहुत कुछ सीखने की जरूरत है। चीटियों दो प्रकार की होती है लाल चीटियां एवं काली चीटियां. शास्त्रों के अनुसार लाल चीटियां को शुभ तथा काली चीटियों को अशुभ माना गाय है. दोनों ही तरह की चींटियों को आटा डालने की परंपरा प्राचीनकाल से ही विद्यमान है. चींटियों को शकर मिला आटा डालते रहने से व्यक्ति हर तरह के बंधन से मुक्त हो जाता है। हजारों चींटियों को प्रतिदिन भोजन देने से वे चींटियां उक्त व्यक्ति को पहचानकर उसके प्रति अच्छे भाव रखने लगती हैं और उसको वे दुआ देने लगती हैं. चींटियों की दुआ का असर आपको हर संकट से बचा सकता है। 👉 यदि आप कर्ज से परेशान है तो चीटियों को शक़्कर और आता डाले. ऐसा करने पर कर्ज की समाप्ति जल्द हो जाती है। 👉 जो प्रत्येक दिन चीटियों को आता देता है वह वैकुंठ धाम को प्रस्थान करता है। 👉 यदि आप लाल चीटियों को मुंह में अंडे दबाए देखते हो यह भी शुभ माना जाता है तथा परिवार में सुख समृद्धि बढ़ती है। कुत्ते का रहस्य :- 〰️〰️〰️〰️〰️ हमारे पुराणों में यह बतलाया गया है की कुत्ता यमराज दूत है।कुत्ते को भैरव देवता का सेवक भी कहा जाता है। भैरव देवता को प्रसन्न करने के लिए कुत्ते को भोजन करना चाहिए।यदि भैरव देवता अपने भक्त से प्रसन्न रहते है तो किसी भी प्रकार की समस्या एवं रोग उसे छू नहीं सकता। मान्यता है की यदि आप कुत्ते को प्रसन्न रखते है तो वह आपके सामने किसी भी तरह की आत्माओं को फटकने नहीं देता. आत्माएं कुत्ते से दूर भागती है। कुत्ते की क्षमता के बारे में पुराण में बतलाया गया है की दरअसल कुत्ता एक ऐसा प्राणी है जिसे भविष्य में होने वाली घटनाओं का पूर्व आभास होता है तथा वह सूक्ष्म जगत को यानि की आत्माओं को देख सकता है। हिन्दू धर्म में कुत्ते को एक रहस्मयी प्राणी माना गया है, परन्तु इसे भोजन कराने से हर प्रकार के संकट से बचा जा सकता है। कुत्ते से जुड़े शकुन एवं अपशकुन :- 〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️ 👉 कुत्ते की रोने की आवाज को अपशकुन माना जाता है. जब भी कुत्ता कराहता है तो समझ लीजिए की नकरात्मक शक्तियां आस पास है। 👉 शस्त्रों में कुत्ते के संबंध में यह बात कहि गई की यदि किसी परिवार में रोगी हो तो कुत्ता पालने से वह रोगी की बिमारी को अपने उपार ले लेता है। 👉 यदि किसी शुभ कार्य के दौरान कुत्ता आपका मार्ग रोके तो इसे विषमता या अनिश्चय प्रकट होती है। 👉 यदि संतान की प्राप्ति न हो रही हो तो काले कुत्ते को पालना चाहिए। 👉 अन्य शास्त्रीय मतांतर के अनुसार कुत्ते को पालने की जगह बाहर ही किसी काले कुत्ते को प्रतिदिन तेल से चुपड़ी रोटी खिलाने से परिवार की कई समस्याओं का स्वतः ही निदान हो जाता है 〰️〰️🔸〰️〰️🔸〰️〰️🔸〰️〰️🔸〰️〰️