सूर्य नमस्कार को सर्वश्रेष्ठ योगासन कहा जाता है यह एक साथ 12 आसनों का लाभ देता है। Jyotish Aacharya Dr Umashankar Mishra 9415 087 711 83 1825 5487 ऊर्जा का सबसे बड़ा स्रोत है सूर्य । इसी कारण प्राचीन ऋषि-मुनि सूर्य की पूजा-अर्चना करते थे। 'सूर्य नमस्कार' का मतलब है सूर्य को नमन करना यानि सन सेल्यूटेशन (Sun Salutation)। अगर आप योग की शुरुआत कर रहे हैं तो इसके लिए 'सूर्य नमस्कार' का अभ्यास सबसे बेहतर है। सूर्य नमस्कार के 12 चरण का हर रोज अभ्यास करने से दिमाग सक्रिय और एकाग्र बनता है। आमतौर पर इसका अभ्यास सुबह खाली पेट किया जाता है। सुबह के समय खुली जगह पर इसे करें, जहां आपको ताजा हवा मिले सूर्य नमस्कार के लाभ : 1.) पाचन और भूख में सुधार करता है। 2.) शरीर को लचीला बनाता है। 3.) कब्ज की समस्या को ठीक करने में कारगर है। 4.) शारीरिक और मानसिक मजबूती बढ़ाता है। 5.) बॉडी पोस्चर को बेहतर करता है और बैलेंस बनाने में मदद करता है। 6.) मसल्स को टोन करता है। 3 और हड्डियों को मजबूत करता है। 7.) बाजू, कंधों, कमर, पैर, क्वैड्स, काफ़्स और हिप्स की मांसपेशियों को टोन करता है। 8.) वजन कम करने में मदद करता है। सूर्य नमस्कार के 12 चरण 1.) प्रणामासन Pranamasana - The Prayer Pose सूरज की तरफ चेहरा करके सीधे खड़े हों और दोनों को पैरों को मिलाएं, कमर सीधी रखें। अब हाथों को सीने के पास लाएं और दोनों हथेलियों को मिलाकर प्रणाम की अवस्था बनाएं। 2.) हस्तउत्तानासन Hasta Uttanasana - Raised Arms Pose पहली अवस्था में ही खड़े होकर अपने हाथों को सिर के ऊपर उठाकर सीधा रखें। अब हाथों को प्रणाम की अवस्था में ही पीछे की ओर ले जाएं और कमर को पीछे की तरफ झुकाएं। 3.) पादहस्तासन Padahastasana - Standing Forward Bend अब धीरे-धीरे सांस छोड़ें और आगे की ओर झुकते हुए हाथों से पैरों की उंगलियों को छुएं। इस समय आपका सिर घुटनों से मिला होना चाहिए। 4.) अश्व संचालनासन Ashwa Sanchalanasana - Equestrian Pose धीरे-धीरे सांस लें और सीधा पैर पीछे की ओर फैलाएं। सीधे पैर का घुटना जमीन से मिलना चाहिए। अब दूसरे पैर को घुटने से मोड़ें और हथेलियों को जमीन पर सीधा रखें। सिर को आसमान की ओर रखें। 5.) दंडासन Dandasana - Staff Pose अब सांस छोड़ते हुए दोनों हाथों और पैरों को सीधी लाइन में रखें और पुश-अप की पोजीशन में आ जाएं। 6.) अष्टांग नमस्कार Ashtanga Namaskara - Eight Limbed pose or Caterpillar pose अब सांस लेते हुए अपनी हथेलियों, सीने, घुटनों और पैरों को जमीन से मिलाएं। इस अवस्था में रहें और सांस को रोकें। 7.) भुजंगासन Bhujangasana - Cobra Pose अब हथेलियों को जमीन पर रखकर पेट को जमीन से मिलाते हुए सिर को पीछे आसमान की ओर जितना हो सके झुकाएं। 8.) अधोमुख शवासन Adho Mukha Svanasana - Downward-facing Dog Pose इसे पर्वतासन भी कहा जाता है। इसके अभ्यास के लिए अपने पैरों को जमीन पर सीधा रखें और कूल्हे को ऊपर की ओर उठाएं। सांस छोड़ते हुए कंधों को सीधा रखें और सिर को अंदर की तरफ रखें। 9.) अश्व संचालनासन Ashwa Sanchalanasana - Equestrian Pose धीरे-धीरे सांस लें और सीधा पैर पीछे की ओर फैलाएं। सीधे पैर का घुटना जमीन से मिलना चाहिए। अब दूसरे पैर को घुटने से मोड़े और हथेलियों को जमीन पर सीधा रखें। सिर को आसमान की ओर रखें। 10.) पादहस्तासन Padahastasana - Hand Under Foot Pose अब धीरे-धीरे सांस छोड़ें और आगे की ओर झुकते हुए हाथों से पैरों की उंगलियों को छुएं। इस समय आपका सिर घुटनों से मिला होना चाहिए। 11.) हस्तउत्तनासन Hasta Uttanasana - Raised Arms Pose पहली अवस्था में ही खड़े होकर अपने हाथों को सिर के ऊपर उठाकर सीधा रखें। अब हाथों को प्रणाम की अवस्था में ही पीछे की ओर ले जाएं और कमर को पीछे की तरफ झुकाएं। इस दौरान आप आधे चांद का आकार बनाएंगी। इस आसन को अर्धचंद्रासन भी कहा जाता है। 12.) प्रणामासन Pranamasana - The Prayer Pose सूरज की तरफ चेहरा करके सीधे खड़े हों और दोनों को पैरों को मिलाएं, कमर सीधी रखें। अब हाथों को सीने के पास लाएं और दोनों हथेलियों को मिलाकर प्रणाम की अवस्था बनाएं। सूर्य नमस्कार करते समय की सावधानियां 🔸सूर्य नमस्कार को सुबह ताज़ी हवा में खाली पेट करें। 🔸शुरुआत में इसे धीरे-धीरे करें।