श्रावण मास एवं श्रावण सोमवार में करें भगवान शिव जी का राशि अनुसार पूजन होंगे अत्यंत प्रसन्न। Jyotish Aacharya Dr Umashankar Mishra 94150 877 11 923 572 29 96
श्रावण महीने एवं श्रावण मास के सोमवार में शिवजी की पूजा का विशेष महत्व माना गया है, इस समय आप अपनी राशि के अनुसार भोलेनाथ जी की पूजा करें तो शिवजी अत्यंत प्रसन्न होते हैं Aaj 25 जुलाई से प्रारंभ हो रहा हैं, इस सावन मास में राशि अनुसार महाकाल जी की पूजा से मनोवांछित सभी कामनाओं की पूर्ति होती है, तो आइए जानते हैं कि किस राशि वालों को भोले शंकर की किस तरह आराधना करनी चाहिए....
१:- मेष राशि :- मेष राशि के जातकों को भगवान शिव जी का अभिषेक गाय के कच्चे दूध में शहद मिलाकर करना चाहिए। तथा चंदन और सफेद पुष्प चढ़ाने चाहिए। इसके बाद श्रद्धानुसार 11, 21, 51 और 108 बार ‘ऊं नमः शिवाय’ मंत्र का जप करना चाहिए।ऐसा करने से भोले बाबा समस्त मनोकामनाएं पूरी करते हैं।
२:- वृष राशि :- वृष राशि के जातकों को शिव शंकर का दही से अभिषेक करना चाहिए। दही से अभिषेक करने से जातक को धन, पशु, भवन तथा वाहन की प्राप्ति होने का योग बनता है। इसके अलावा सफेद फूल तथा बेलपत्र चढ़ाने चाहिए।इससे जीवन की सभी समस्याओं का हल मिलने लगता है.!
३:- मिथुन राशि :- मिथुन राशि के जातकों को भोलेनाथ का गन्ने के रस से अभिषेक करना चाहिए। मान्यता है सावन भर प्रतिदिन गन्ने के रस से अभिषेक करने से भोलेनाथ जल्दी ही सारी मनोकामनाएं पूरी कर देते हैं। इसके अलावा इस राशि के जातकों को शिवजी को धतूरा पुष्प,तथा बेलपत्र अर्पित करना चाहिए। शिव चालीसा का पाठ भी करना चाहिए.!
४:-कर्क राशि :- कर्क राशि के जातकों को भोलेनाथ का दूध में शक्कर मिलाकर अभिषेक करना चाहिए। इससे मन शांत होता है और शुभ कार्यों को करने की प्रेरणा मिलती है। इसके साथ ही मंदार के श्वेत फूल,धतूरा पुष्प और बेलपत्र भी शिवजी को अर्पित करना चाहिए। साथ ही रुद्राष्टक का पाठ करना भी शुभ होगा।
५:- सिंह राशि :- सिंह राशि के जातकों को भोलेनाथ का मधु अथवा गुड़ युक्त जल से अभिषेक करना चाहिए। भगवान शिव को कनेर का पुष्प तथा लाल रंग का चंदन अर्पित करना चाहिए। गुड़ और चावल से बनी खीर चढ़ा सकते हैं। यह अत्यंत शुभ होता है। सूर्योदय के समय शिवजी की पूजा करने से सभी इच्छाओं की पूर्ति जल्दी होती है। महामृत्युंजय मंत्र का जप करना चाहिए। इससे सेहत संबंधी सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं।
६:- कन्या राशि :- कन्या राशि के जातकों को शंभूनाथ का गन्ने के रस से अभिषेक करना चाहिए। इसके अलावा शिवजी को दुर्वा,पान तथा बेलपत्र चढ़ाएं। ‘ऊं नमः शिवाय मंत्र’ का जप करें। शीघ्र ही मनोकामनाएं पूर्ण होगी। शिव चालीसा का पाठ करना भी बेहतर होगा।
७:- तुला राशि :- तुला राशि के जातकों को भगवान शिव का गाय के घी, इत्र या सुगंधित तेल या फिर मिश्री मिले दूध से अभिषेक करना चाहिए। सफेद फूल भी पूजा में शिवजी को चढ़ाने चाहिए। दही, शहद अथवा श्रीखंड का प्रसाद चढ़ाना चाहिए। भगवान शिव के सहस्त्रनाम का जाप करने से जीवन में सुख-समृद्धि तथा लक्ष्मी का आगमन होगा।
८:- वृश्चिक राशि :- वृश्चिक राशि के जातकों को पंचामृत अथवा शहद युक्त जल से भगवान शिव जी का अभिषेक करना चाहिए। लाल फूल, लाल चंदन भी शिवजी को चढ़ाने चाहिए। बेलपत्र अथवा बेल के पौधे की जड़ चढ़ाने से भी कार्यों में सफलता मिलती है। रूद्राष्टक का पाठ करना भी श्रेयस्कर रहेगा।
९:- धनु राशि :- धनु राशि के जातकों को भोलेनाथ का दूध में हल्दी अथवा पीला चंदन मिलाकर अभिषेक करना चाहिए। इसके अलावा पीले रंग के फूलों या फिर गेंदे के फूल चढ़ाने चाहिए। खीर का भोग लगाना भी शुभ रहेगा ॐ नमः शिवाय का जप और शिव चालीसा का पाठ करना चाहिए।
१०:-मकर राशि :- मकर राशि के जातकों को भोलेशंकर का फल के रस से अथवा गंगा जल से अभिषेक करना चाहिए। ऐसा करने से जातक को सभी कामों में सफलता मिलेगी। त्रयंबकेश्वर का ध्यान करते हुए भगवान शिव जी को बेलपत्र, धूतरा पुष्प, शमी के फूल, अष्टगंध अर्पित करने चाहिए। उड़द से बनी मिठाई का भोग लगाने से शनि की पीड़ा समाप्त होती है। नीले कमल का फूल भी भगवान को अवश्य चढ़ाएं।
११:- कुंभ राशि :- कुंभ राशि के जातकों को सावन महीने में शंकर भगवान को प्रतिदिन यक्ष कर्दम के रस से, सरसों के तेल अथवा तिल के तेल से भगवान शिव का अभिषेक करना चाहिए। इसके अलावा शिवाष्टाक का पाठ करना चाहिए। इससे जातकों के बिगड़े काम बनेंगे। साथ ही धन-समृद्धि में वृद्धि होगी। शमी के फूल पूजा में अर्पित करें। शिवजी की कृपा से यह शनि पीड़ा को कम करता है।
१२:- मीन राशि :- मीन राशि के जातकों को सावन भर भोलेनाथ का केसर मिश्रित जल से जलाभिषेक करना चाहिए। इसके अलावा शंकरजी की पूजा में पंचामृत, दही, दूध और पीले पुष्पों का प्रयोग करना चाहिए। साथ ही ‘ॐ नमः शिवाय का जप करना चाहिए। शिव चालीसा का पाठ करना भी शुभ रहेगा। इससे जीवन की सारी समस्या दूर हो जाती है।
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