सद्विचार:
आइये संकल्प करे (हमारे जीवन के लिए अत्यावश्यक)…… Jyotish Acharya Dr Umashankar… Mishra 941 5087 711 …………………………….
हमारा निश्चय होना चाहिए की हम धर्म को प्रतिदिन जीवन में अपनाएंगे. सत्कर्मों से ही हमारा संपर्क होगा. पाप और स्वार्थ-मार्ग सदा त्यागते रहेंगे. हमारा शरीर उचित, आवश्यक, धर्मसंगत, परहितकारी, तथा विवेकयुक्त कर्म ही करेगा. जीवन में सदा सेवा, शील, प्रेम और परोपकार की भावना रक्खेंगे. हमारा मस्तिष्क शुभ तथा सात्विक भावों से परिपूर्ण रहेगा. हम वासना, हिंसा, स्वार्थ, और बुराइयों को अपने पास फटकने तक न देंगे. सत्कर्म का पुरस्कार और दुष्कर्म का तिरस्कार मिलना,यह अटल नियम हैं. हम दानव नहीं देव बनेंगे. कुविचार, कुसंग, और कुकृत्यों का फल रोग, शोक , व्याधि, तथा मृत्यु ही होता हैं. अतः इनसे बचने का प्रयास करेंगे. सदाचार को अपनाएंगे, तथा दुष्कर्मों से बचेंगे. जो प्राप्त नहीं हैं उसकी कामना, जो प्राप्त हैं उससे ममता नहीं रक्खेंगे, तथा अहंकार का त्याग करेंगे. राग, द्वेष, हर्ष और शोक- इनसे बचने का प्रयास करेंगे. परोस्थितियों से कभी पलायन नहीं करेंगे, तथा उनका डटकर सामना करेंगे.
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