- पितृदोष के खास उपाय और कालसर्प योग की शांति Jyotish Aacharya Dr Umashankar Mishra 9415 087 711 923 57 22996 - पितृदोष के कारण व्यक्ति को बहुत से कष्ट, उठाने पड़ सकते हैं, जिनमें विवाह ना हो पाने की समस्या, विवाहित जीवन में कलह रहना, परीक्षा में बार बार असफलता होना, नशे आदि का शिकार हो जाना, नौकरी का ना लगना, या छूट जाना, गर्भपात या गर्भधारण की समस्या, बच्चे की अकाल मृत्यु हो जाना, या फिर मंदबुद्धि बच्चे का जन्म होना, निर्णय न ले पाना, अत्याधिक क्रोधित होना। - ज्योतिष विद्या में सुर्या को पिता का और मंगल को रक्त का कारक माना गया है । जब किसी व्यक्ति की कुंडली में ये दो महत्वपूर्ण ग्रह पाप भाव होते हैं । तो व्यक्ति का जीवन पित्र दोष के चक्कर में फस जाता है । - हालांकि पुत्र के ना होने की हालत में आजकल पुत्री के हाथ से अंतिम संस्कार किया जाने लगा है । लेकिन यहां शास्त्रों के अनुकूल नहीं कहा जा सकता है । इसीलिए जिन लोगों का अंतिम संस्कार अपने पुत्र के हाथ से नहीं होता उसकी आत्मा भटकती रहती है । और आगामी पीढ़ी के लोगों को भी पुत्र प्राप्ति में बाधा उत्पन्न करती रहती है । - पित्र दोष के बहुत से ज्योतिषीय कारण भी है । जैसे - जातक के लग्न और पंचम भाव में सूर्य, मंगल एवं शनि का होना, और अष्टम भाव में बृहस्पति और राहु स्थित हो तो पितृदोष के कारण संतान होने में बाधा आती है । - अष्टमेश या द्वादशेश का संबंध सूर्य- बृहस्पति से हो तो व्यक्ति पितृ दोष से पीड़ित होता है । इसके अलावा और सूर्य- चंद्र और लग्नेश का राहु से संबंध होना भी पितृ दोष होता है । - अगर व्यक्ति की कुंडली में राहु और केतु का संबंध पंचमेश के भाव या भावेश से हो तो पितृदोष की वजह से संतान नहीं हो पाता है । और जीवन में अनेक प्रकार की बाधाएं आती है । - पितृदोष के खास उपाय - - पितृदोष को शांत करने के उपाय तो है, लेकिन आस्था और आध्यात्मिक झुकाव की कमी के कारण लोग अपने साथ चल रही समस्याओं की जड़ तक ही नहीं पहुंच पाते हैं । - पितृ दोष को शांत करने के लिए और अगर कोई व्यक्ति पित्र दोष से पीड़ित हैं । और उसे अप्रत्याशित बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है । तो उसे अपने पूर्वजों का श्राद्ध कर्म संपन्न करना चाहिए । - जीवन में कितना भी व्यस्त था क्यों ना हो लेकिन उसे अश्विन कृष्ण पक्ष अमावस्या को श्राद्ध अवश्य करनी चाहिए, यह खास उपाय करें । -विशेष रूप से पित्रदोष की शांति के लिए त्रिपिंडी श्राद्ध अवश्य करें - और भी अनेक प्रकार के उपाय है । हमारे ज्योतिष शास्त्र में जिसे आप कर के जीवन में होने वाले पितृदोष से मुक्ति पा सकते हैं ।