लहसुनिया किसे पहनना चाहिए और किसे नहीं, जानिए प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य डॉ उमाशंकर मिश्रा ज्योतिषाचार्य आकांक्षा श्रीवास्तव के माध्यम से
astroexpertsolution.com
9415087711
8840727096
ज्योतिषाचार्य डॉ उमाशंकर मिश्रा ज्योतिषाचार्य आकांक्षा श्रीवास्तव बताते हैं कि केतु के लिए लहसुनिया पहनने की सलाह दी जाती है। इसे संस्कृत में वैदुर्य कहते हैं। व्यापार और कार्य में लहसुनिया पहनने से फायदा मिलता है। यह किसी की नजर नहीं लगने देता है। यह ऊंचाइयां प्रदान करता है व शत्रुहन्ता होता है। परंतु इसके संबंब में जान लीजिये कुछ खास बातें ज्योतिषाचार्य डॉ उमाशंकर मिश्रा ज्योतिषाचार्य आकांक्षा श्रीवास्तव के माध्यम से
1. लहसुनिया रत्न तर्जनी में पहनना चाहिए क्योंकि गुरु की राशि धनु में उच्च का होता है।
2. लहसुनिया सोना या तांबा की अंगुठी में पहनना चाहिए।
3. कुंडली के किसी भी भाव में अगर मंगल, बृहस्पति और शुक्र के साथ में केतु हो तो लहसुनिया पहनना चाहिए।
4. कुंडली में दूसरे, तीसरे, चौथे, पांचवें, नवें और दसवें भाव में यदि केतु उपस्थित हो तो लहसुनिया पहनना लाभकारी सिद्ध होता है। हालांकि लाल किताब के अनुसार तीसरे में वर्जित है। केतु त्रिकोण में हो तो अर्थात केतु 1, 2, 4, 5, 7, 9, 10 भाव में हो लहसुनिया पहनने से फायदा होता है।
5. केतु सूर्य के साथ हो या सूर्य से दृष्ट हो तो भी लहसुनिया धारण करना चाहिए।
6. केतु की महादशा और अंतरदशा में भी लहसुनिया धारण करना अत्यंत फलदायक होता है।
वर्जित:
1. लाल किताब के अनुसार तीसरे और छठे भाव में केतु है तो लहसुनिया नहीं पहनना चाहिए वर्ना नुकसान होगा।
2. इस रत्न को हीरे के साथ कभी भी नहीं पहनना चाहिए, क्योंकि इससे बार-बार दुर्घटना के योग बनता रहेगा।
3. लहसुनिया के साथ- माणिक्य, मूंगा, पुखराज, मोती वर्जित है।
4. ज्योतिष के अनुसार दोषयुक्त लहसुनिया वैसा ही नुकसान पहुंचाता है, जैसा कि गोमेद।
5. यदि लहसुनिया में चमक ना हो तो उसे धारण नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे धन की हानि होती है।
6. दोषयुक्ति या धारियां, धब्बे, छींटे या छेद युक्त लहसुनिया धारण नहीं करना चाहिए। यह नुकसानदायक होता है।
ज्योतिषाचार्य डॉ उमाशंकर मिश्रा ज्योतिषाचार्य आकांक्षा श्रीवास्तव
9415087711
8840727096
astroexpertsolution.com
|
|