धर्म करने से रोग का शमन होता है अर्थात जब धर्म की कमी हो जाय तो सर्व प्रथम उस घर -परिवार मे "रोग" उत्पन्न होता है , Jyotish Acharya Dr Umashankar Mishra 9415 087 711 ● धर्म की हानि होने पर ग्रह भी अरिष्ट फल देने लगते है , ● धर्म के कमी होने से शत्रु का बल बढ जाता है, ● जहाँ धर्म है,वही निरोगिता, आधि-व्याधि और शत्रु का नाश होता है , ● जहाँ धर्म है वही निरोगिता, विजय , और शत्रु का हार होता है , ●धर्मेण न हन्यते व्याधि, धर्मेन हन्यते ग्रहा। धर्मेण हन्यते शत्रु ,यतो धर्म: ततो जय: ।। सन्दर्भ :- सीता बनवास के बाद राजा जनक राम से मिलने गये तब राम जनक से मिलते ही विह्वल और भावुक हो गये , सीता कैसी होगी ? वन मे वन पशु, कन्टक पहाड पत्थर, मौसम से पीड़ित होगी सीता ●विश्व के दो सम्पन्न राष्ट की पुत्री और गृह लक्ष्मी का दशा क्या होगा ? राम रो पडे हाय सीते ● राजा जनक ने कहा :- राम मेरी सीता की रक्षा धर्म करेगा, यदि वह पतिव्रता धर्म , पुत्री धर्म , मातृत्व धर्म ,राज धर्म ,कुल धर्म आदि का पालन करती है तो सीता सदैव सुरक्षित है , यतो धर्म: ततौ जय: ।।