लाल किताब, गोमेद पहनने के पहले जान लें ये खास 7 बातें ज्योतिषाचार्य डॉ उमाशंकर मिश्रा ज्योतिषाचार्य आकांक्षा श्रीवास्तव 9415087711 8840727096 astroexpertsolution.com अंगूठी पहनना आपके लिए घातक भी हो सकता है। ज्योतिषाचार्य डॉ उमाशंकर मिश्रा ज्योतिषाचार्य आकांक्षा श्रीवास्तव बताते हैं कि लाल किताब में अंगूठी पहनने के बारे में कई तरह के नियम बताए गए हैं। कई लोगों के हाथ में या कुंडली में गुरु अच्‍छा है तब भी पुखराज पहन लेते हैं। जरूरी नहीं कि गुरु उच्च का या नीच का हो तो ही पुखराज पहनें। ज्योतिषाचार्य डॉ उमाशंकर मिश्रा ज्योतिषाचार्य आकांक्षा श्रीवास्तव बताते हैं कि रत्न शुभ फल देने की शक्ति रखता है तो अशुभ फल देने की भी इसमें ताकत है। रत्नों के नाकारात्मक फल का सामना नहीं करना पड़े इसके लिए रत्नों को धारण करने से पहले कुछ सावधानियों का भी ध्यान रखना जरूरी होता है। 1. लाल किताब के अनुसार कुंडली में राहु 12वें, वें11, 5वें, 8वें या 9वें स्थान पर हो तो गोमेद नहीं पहनना चाहिए। इससे नुकसान हो सकता है। 2. ज्योतिष के अनुसार राहु का रत्न गोमेद कनिष्का में पहनना चाहिए क्योंकि मिथुन राशि में उच्च का होने से बुध की अंगुली कनिष्का में पहनना शुभ फलदायी रहता है। 3. मान्यता है कि राजनीति, जासूसी, जुआ-सट्टा, तंत्र-मंत्र से जुडे़ व्यक्ति आदि पहनते हैं। यह राहु के अशुभ प्रभाव को दूर करता है। 4. कहते हैं कि जिनका व्यवसाय राहु वाला हो उन्होंने गोमेद धारण नहीं करना चाहिए। 5. यह भी कहा जाता है कि गोमेद को सोच समझकर कर पहनना चाहिए अन्यथा स्वास्थ और जीवन में परेशानी आ सकती है। इससे आंतों में दिक्कत और अचानक से गैस की समस्या भी हो सकती है। 7. गोमोद के साथ मंगल, चंद्र और सूर्य के रत्न धारण नहीं करना चाहिए। अन्यथा दुर्घटना के योग बन सकता है। गोमेद धारण करने के पहले या धारण कर रखा है तो किसी जानकार ज्योतिष से सलाह जरूर लेंले। ज्योतिषाचार्य डॉ उमाशंकर मिश्रा ज्योतिषाचार्य आकांक्षा श्रीवास्तव 9415087711 8840727096 astroexpertsolution.com