लाल किताब में गुड़ खाने का क्यों बोला जाता है? ज्योतिषाचार्य डॉ उमाशंकर मिश्रा ज्योतिषाचार्य आकांक्षा श्रीवास्तव 9415087711 8840727096 Astroexpertsolution.com भारतीय परंपरा में गन्ना और गुड़ का बहुत प्रचलन है। यह सेहत के साथ ही ज्योतिष उपाय में भी उपयोग किया जाता है। गुड़ और घी को मिलाकर उपले पर उसकी धूप देने से गृहकलाह और ग्रहदोष समाप्त हो जाते हैं।लाल किताब विषेयग ज्योतिषाचार्य डॉ उमाशंकर मिश्रा ज्योतिषाचार्य आकांक्षा श्रीवास्तव से जानते हैं कि लाल किताब में गुड़ खाने का क्यों बोला जाता है। 1. लाल किताब के अनुसार गुड़ और गेहूं सूर्य ग्रह की कारक वस्तु है। 2. पत्रिका में यदि सूर्य कमजोर है तो गुड़ खाकर जल पीकर ही कोई कार्य प्रारंभ करें। 3. बहते पानी में गुड़ बहाने से भी सूर्य के दोष दूर होते हैं। 4. 800 ग्राम गेंहू व 800 ग्राम गुड़ रविवार से 8 दिन तक मंदिर में भेंट करें। 5. सूर्य द्वादश भाव में हो तो बंदरों को गुड़ खिलाएं। 6. देशी गुड़ घर में रखें और समय समय पर उसे थोड़ा थोड़ा खाते रहेंगे तो सूर्य बलवान होगा। 7. किसी भी प्रकार का भय हो तो तांबे के बर्तन में गुड़ रखकर हनुमानजी के मंदिर में दान दें और वहीं बैठकर धूप-दीप जलाकर हनुमान चालीसा का पाठ करें। ऐसा कुछ मंगलवार और शनिवार को करें। 8. हनुमानजी को गुड़ और चने का प्रसाद चढ़ाने से उनकी कृपा बनी रहती है। 9. भोजन में गुड़ का प्रयोग करने से सेहत लाभ मिलता है और थोड़ा थोड़ा गुड़ खाते रहने से धन की आवक भी बढ़ती है। 10. मंगलवार को सवा किलो गुड़ जमीन में दबाने से भाई बहन में समझौता हो जाता है। ज्योतिषाचार्य डॉ उमाशंकर मिश्रा ज्योतिषाचार्य आकांक्षा श्रीवास्तव 94150 77 11 8840727096 astroexpertsolution.com