जामुन: के फायदे 〰️〰️🌼〰️〰️ जामुन को कभी भी दूध के साथ न लें,जबकि भोजन के बाद नमक लगा कर लेना अत्यंत गुणकारीहै। रासायनिक गुण-जामुन का फल- शीतल, मधुर, ऱुचिकारक कसैला,रूक्ष,पौष्टिक कफ पित्त व अफारा नाशक तथा शरीर में रक्त की वृद्धि करता है।गुठली-फल तो फल जामुन की गु्ठली की गिरी में जम्बोलिन ग्लूकोसाइड पाया जाता है।जिसका प्रमुख लक्षण यह है कि यह तत्व स्टार्च को शर्करा में परिवर्तित होने से रोकता है।अतः मधुमेह या सुगर के रोगियों के लिए इसकी गुठलियोँ का चूर्ण अच्छा फायदा करता है।इसके अतिरिक्त क्लोरोफिल, एल्ब्यूमिन,गेलिक एसिड,रेजिन व चर्बी आदि अनेक बहुमूल्य पदार्थ पाए जाते हैं।इसमे लोह तत्व भी पर्याप्त मात्रा में पायाजाता है।यह लोह तत्व इतना सोम्य व गुणकारक होता है किइससे किसी प्रकार का नुकसान नही हो सकता अपितु यह लोहशरीर में लोह की कमी को पूरा करने के साथ शरीर यकृत (जिगर) और प्लीहा (तिल्ली) आदि शरीर के महत्वपूर्ण अंगों पर लाभकारी परिणाम डालता है अतः शरीर में रक्त की प्रचुर मात्रा में बृद्धि होती है।बृक्ष की छाल- स्वाद में मधुर, कसैली, पाचक, रुक्ष, शरीर के मलों (दोषों) को उनके निकलने वाले मार्गों से ही निकालने वाली है यह रुचिकर पित्त दाह में तत्काल शान्तिकारक औषध है।सिरका- जामुन का सिरका पेट सम्बंधी रोगों के लिए लाभकारक है। रोग और जामुन- 〰️〰️〰️〰️〰️ 1 मधुमेह👉 (अ)जामुन की गुठली का चूर्ण 5ग्रा.दिन में दो बार शहद से या जल के साथ लेते रहने से मूत्र में शक्कर की मात्रा कम हो जाती है। (ब)जामुन की गुठली को सुुखाकर उसका पाउडर बनाकर रख लें। नियमित रूप से आधा चम्मच की मात्रा में सुबह शामपानी के साथ इसका सेवन करें। जामुन की छाल को सुखाकर उसे जलाएं और राख बनाकर छान लें। फिर इसे बोतल में भरकर रख लें। इसके सेवन से सुबह शाम 60-65 मिली ग्रामकी मात्रा में खाली पेट पानी के साथ इसके सेवन करने से डायबिटीज नियंत्रित रहता है।परहेज- चावल आलू शक्कर व मीठे पदार्थों का सेवन बन्द कर दें।जौ चने की रोटी,गाय का फीका दूध,मक्खन फल शाक,फूलशाक आदि का सेवन करें। 2 मोतीझरा👉 जामुन के कोमल पत्ते,गुलदाउदी के फूल,काली मिर्च समान भाग लेकर जल के साथ पीस लें। मोतीझरा के रोगी को पिलाएं तुरन्त शान्ति मिलेगी। रोग भी दूर होगा। 3 रक्त प्रदर👉 महिलाओं की व्याधि रक्तप्रदर में जामुन की गिरी का चूर्ण शक्कर में मिलाकर दिन में तीनवार सेवन करने से रक्त प्रदर में लाभ मिलता है। 4 बार बार पेशाव जाना(बहुमूत्र) 👉 जामुन की गिरी का बारीक चूर्ण इसी चूर्ण के बराबर कालेतिल साफ करके मिला लें। 10-10 ग्रा.सुबह शाम दूध से लें बहुमूत्र दूर हो जाता है। 5 आवाज बैठना👉 यदि आपकी आवाज बैठ गई है या मोटी या भारीपन लिए हुए है और आप इससे छुटकारा पाना चाहते हैंतो आपको शहर में जामुन की गुठली का पाउडर मिलाकर लेनाचाहिए। इससे आवाज का भारीपन दूर होता है साथ ही आवाज भी साफ हो जाएगी। 6 जामुन और आम की गुठलियों का 2-2 ग्राम पाउडर छाछ केसाथ दिन में तीन बार लेने से पेट दर्द दूर होता है। 7 फोड़े फुंसी👉 जामुन की गुठली को पानी के साथ घिसकर चेहरे पर लेप करने से मुंहासे और फुंसियां दूर होती हैं और चेहरे का सौंदर्य निखरता है। 8 आग से जले के घाव में👉 आग से जलने पर घाव बन गया हो तो जामुन की छाल की राख नारियल तेल के साथ मिलाकर घाव लगाने से लाभ होता है। 9 मंजन👉 जामुन की छाल को छाया में सुखाकर बारीक पीसकर कपडे से छान लें। इसका प्रयोग मंजन के रूप में करें। इससे दांत मजबूत होते हैं, साथ ही पायरिया और दांत दर्द से भी छुटकारा मिलता है। 10 उल्टियों में👉 जामुन की छाल को छाया में सुखाकर उसकी भस्म शहद में मिला कर चाटने से उल्टियों में लाभहोता है। 〰️〰️🌼〰️〰️🌼〰️〰️🌼〰️〰️🌼〰️〰️🌼〰️〰️