हाथा जोडी पूजा विधि विधान (1)धन प्राप्ति मंत्र प्रयोग-: Jyotish Acharya Dr Umashankar Mishra 941 5087 711 एक सादा कागज लें | उस पर 9 घर का एक यंत्र बनायें | उसके प्रत्येक घर में श्रीं बीज अंकित करें | जिसे केसर या चन्दन से लिखें | अब सिद्ध हत्था जोड़ी उस कागज पर जिस पर यंत्र लिखा है रख दें अगर आपके पास कोई भी श्री यंत्र हो तो उसके साथ भी रख सकते हैं और उसकी पंचौपचार से पूजा करें | फिर निम्न मन्त्र की 9 माला जाप करें | जाप मुंगे या कमल गट्टे की माला से कर सकते हैं | 9 माला के बाद उसे छुए नहीं बस ऐसे ही पड़ा रहने दें | अब सुबह उठकर एक माला फिर मन्त्र जपें और उस यंत्र में ही लपेट कर मोली बांध दें मगर मोली में गांठ ना लगायें, वैसे ही लपेट दें ताकि यंत्र उसके साथ रहे | अब उसे उठा कर किसी भी डिब्बी में रख लें | फिर नित्य एक माला हत्था जोड़ी के सामने इसी मन्त्र का जप करें दिपक करें अगरबत्ती,गुगल का धूप दे और अपनी इच्छा बोल दें और एक बात खास है | अगर आपने इस पर धन प्राप्ति का प्रयोग किया है तो भूल कर भी बाहर के कोई दुसरे आदमी को मत दिखाएँ, नहीं तो सारी शक्ति,उर्जा चली जायेगी सिद्ध हत्था जोड़ी को यंत्र पर रख धूप दीप से पूजा कर निम्न मन्त्र का 9 माला और फिर सुबह एक माला जपना है | फिर उसे किसी डिब्बी में रख लेना है जहाँ भी किसी  शुभ कार्य के लिए जा रहे हों, उसका दर्शन कर के जाएँ, आप का काम सिद्ध हो जायेगा क्योंकि इसमें स्वयं मा चामुंडा का वास होता हैं, | हर पूणिॅमा, अमावस,मंगलवार, रविवार,शुक्रवार पर इसकी पूजा जरुर करें जितनी पूजा करेंगे उतना उनका प्रभाव,उर्जा बढ़ेगा |यह मन्त्र रविवार रात्रि करना है | आसन लाल लें और वस्त्र कोई भी पहन लें काला रंग छोड़ कर | दिशा उतर ठीक है | शाबर मन्त्र || ॐ हलीम हलीम चलीम चलीम महालक्ष्मी श्रीं श्रीं सूली सूली हिली हिली ॐ ||कैसे करें हत्‍था जोड़ी सिद्ध (2)पूजा विधि विधान-: अब मां लक्ष्‍मी के चित्र,श्री यंत्र के आगे तांबे के लोटे में जल भरकर रखें और सर्वप्रथम भगवान गणेश,महालक्ष्मी और गुरु की पूजा करें। इसके बाद हत्‍था जोड़ी को इत्र, चावल, लाल फूल से पूजन करें और केसर की एक जोड़ी लौंग के साथ अर्पित करें। अब हत्‍था जोड़ी को धूप-दीप और नैवेद्य दें। लाल रंग की मिठाई का भोग लगाएं। इसके बाद हत्था जोड़ी को सिंदूर लगाकर उसके सामने 108 बार  ‘ऐं क्‍लीं क्‍लीं स्वाहा’  ये मंत्र बोलें और एक लाल कपड़े,या कोई चांदी की डिब्बी में रखकर  हत्था जोड़ी को अपने तिजोरी या पूजा स्थान पर रखें।ऐसे आपको 21 दिन पूजा करनी है! पूजा की गई हत्‍था जोड़ी को अपनी दुकान या ऑफिस के कैश कांउटर में रखें। इसके शुभ प्रभाव से आपका धन दोगुना हो जाएगा और आपके व्‍यापार में भी वृद्धि होगी। आप इन मंत्रों में से कोई भी मंत्र से इसकी पूजा कर सकतें हैं! *(1) ॐ नमःश चंडीकायै नमः (2) ॐ ऐं ह्रीं कल्रीं चामुण्डायै विच्चै नमः (3) ॐ नमः कामाक्षायै ह्रीं क्रीं श्रीं फट स्वाहा ॥(4)ॐ नमः विष्णु-प्रियाय,  ॐ नमः कामाक्षाय ।  ह्रीं ह्रीं ह्रीं, क्रीं क्रीं क्री,  श्रीं श्रीं श्रीं फट् स्वाहा ॥ (5)ॐ विष्णुप्रिया लक्ष्मी, शिवप्रिया सती से प्रकट हुई कामाक्षा भगवती आदि शक्ति युगल मूर्ति महिमा अपार, दोनों की प्रीति अमर जाने संसार, दुहाई कामाक्षा की, आय बढ़ा व्यय घटा, दया कर माई। ॐ नमः विष्णुप्रियाय, ॐ नमः शिवप्रियाय, ॐ नमः कामाक्षाय ह्रीं ह्रीं श्रीं श्रीं फट् स्वाहा। (6) ।।ॐ माते धन लक्ष्मी सर्व सुखं देही ना करे रक्षा तो नारायन की आन।। (7) ॐ क्रीं श्रीं चामुंडा सिंहवाहिनी कोई हस्ती भगवती रत्नमंडित सोनन की माल, उत्तर पथ में आप बैठी हाथ सिद्ध वाचा, सिद्धि धन धान्य कुरु-कुरु स्वाहा। (8) श्री शुक्ले महाशुक्ले, महाशुक्ले कमलदल निवासे श्री महालक्ष्मी नमो नमः। लक्ष्मी माई सबकी सवाई, आओ चेतो करो भलाई, ना करो तो सात समुद्रों की दुहाई, ऋद्धि,सिद्धि नौ नाथ चौरासी सिद्धों की दुहाई। बिल्ली की जेर की पूजा विधि) बिल्ली की जेर की पूजा के लिए सबसे शुभ दिन गुरुवार का होता है, तो गुरुवार के दिन बिल्ली की जेर को किसी लाल कपडे पर रखें,और फिर घी के ५ दिए जलाकर मंदिर के सामने बैठ जाए और बिल्ली की जेर के ऊपर विधिवत माता लक्ष्मी का ध्यान करते हुए नीचे दिए गए मंत्रो का जाप १०८ बार करें ‘ओम श्रीम् उलूक मम कराया कुरु कुरु नमः ‘ अब बिल्ली के जेर के ऊपर कुमकुम, अक्षत, तिलक और अगरबत्ती दिखाकर इसको एक लकड़ी के डिब्बे में सिन्दूर भरकर डिब्बी को बंद कर दे और इसे लाल चुन्नी में लपेट कर मंदिर या तिजोरी में स्थापित कर दे | उपर दिए गए किसी भी मंत्र से आप हाथा जोडी,शियारसिंगी,बिल्ली की जैर की पूजा कर सकते हैं जितने ज्यादा मंत्रों से पूजा करेंगे उतना उनका प्रभाव बढेंगा! . हत्था जोडी पूजा विधि विधान* (1)धन प्राप्ति मंत्र प्रयोग-: एक सादा कागज लें | उस पर 9 घर का एक यंत्र बनायें | उसके प्रत्येक घर में श्रीं बीज अंकित करें | जिसे केसर या चन्दन से लिखें | अब सिद्ध हत्था जोड़ी उस कागज पर जिस पर यंत्र लिखा है रख दें अगर आपके पास कोई भी श्री यंत्र हो तो उसके साथ भी रख सकते हैं और उसकी पंचौपचार से पूजा करें | फिर निम्न मन्त्र की 9 माला जाप करें | जाप मुंगे या कमल गट्टे की माला से कर सकते हैं | 9 माला के बाद उसे छुए नहीं बस ऐसे ही पड़ा रहने दें | अब सुबह उठकर एक माला फिर मन्त्र जपें और उस यंत्र में ही लपेट कर मोली बांध दें मगर मोली में गांठ ना लगायें, वैसे ही लपेट दें ताकि यंत्र उसके साथ रहे | अब उसे उठा कर किसी भी डिब्बी में रख लें | फिर नित्य एक माला हत्था जोड़ी के सामने इसी मन्त्र का जप करें दिपक करें अगरबत्ती,गुगल का धूप दे और अपनी इच्छा बोल दें और एक बात खास है | अगर आपने इस पर धन प्राप्ति का प्रयोग किया है तो भूल कर भी बाहर के कोई दुसरे आदमी को मत दिखाएँ, नहीं तो सारी शक्ति,उर्जा चली जायेगी सिद्ध हत्था जोड़ी को यंत्र पर रख धूप दीप से पूजा कर निम्न मन्त्र का 9 माला और फिर सुबह एक माला जपना है | फिर उसे किसी डिब्बी में रख लेना है जहाँ भी किसी  शुभ कार्य के लिए जा रहे हों, उसका दर्शन कर के जाएँ, आप का काम सिद्ध हो जायेगा क्योंकि इसमें स्वयं मा चामुंडा का वास होता हैं, | हर पूणिॅमा, अमावस,मंगलवार, रविवार,शुक्रवार पर इसकी पूजा जरुर करें जितनी पूजा करेंगे उतना उनका प्रभाव,उर्जा बढ़ेगा |यह मन्त्र रविवार रात्रि करना है | आसन लाल लें और वस्त्र कोई भी पहन लें काला रंग छोड़ कर | दिशा उतर ठीक है | शाबर मन्त्र || ॐ हलीम हलीम चलीम चलीम महालक्ष्मी श्रीं श्रीं सूली सूली हिली हिली ॐ ||कैसे करें हत्‍था जोड़ी सिद्ध (2)पूजा विधि विधान-: अब मां लक्ष्‍मी के चित्र,श्री यंत्र के आगे तांबे के लोटे में जल भरकर रखें और सर्वप्रथम भगवान गणेश,महालक्ष्मी और गुरु की पूजा करें। इसके बाद हत्‍था जोड़ी को इत्र, चावल, लाल फूल से पूजन करें और केसर की एक जोड़ी लौंग के साथ अर्पित करें। अब हत्‍था जोड़ी को धूप-दीप और नैवेद्य दें। लाल रंग की मिठाई का भोग लगाएं। इसके बाद हत्था जोड़ी को सिंदूर लगाकर उसके सामने 108 बार  ‘ऐं क्‍लीं क्‍लीं स्वाहा’  ये मंत्र बोलें और एक लाल कपड़े,या कोई चांदी की डिब्बी में रखकर  हत्था जोड़ी को अपने तिजोरी या पूजा स्थान पर रखें।ऐसे आपको 21 दिन पूजा करनी है! पूजा की गई हत्‍था जोड़ी को अपनी दुकान या ऑफिस के कैश कांउटर में रखें। इसके शुभ प्रभाव से आपका धन दोगुना हो जाएगा और आपके व्‍यापार में भी वृद्धि होगी। आप इन मंत्रों में से कोई भी मंत्र से इसकी पूजा कर सकतें हैं! *(1) ॐ नमःश चंडीकायै नमः (2) ॐ ऐं ह्रीं कल्रीं चामुण्डायै विच्चै नमः (3) ॐ नमः कामाक्षायै ह्रीं क्रीं श्रीं फट स्वाहा ॥(4)ॐ नमः विष्णु-प्रियाय,  ॐ नमः कामाक्षाय ।  ह्रीं ह्रीं ह्रीं, क्रीं क्रीं क्री,  श्रीं श्रीं श्रीं फट् स्वाहा ॥ (5)ॐ विष्णुप्रिया लक्ष्मी, शिवप्रिया सती से प्रकट हुई कामाक्षा भगवती आदि शक्ति युगल मूर्ति महिमा अपार, दोनों की प्रीति अमर जाने संसार, दुहाई कामाक्षा की, आय बढ़ा व्यय घटा, दया कर माई। ॐ नमः विष्णुप्रियाय, ॐ नमः शिवप्रियाय, ॐ नमः कामाक्षाय ह्रीं ह्रीं श्रीं श्रीं फट् स्वाहा। (6) ।।ॐ माते धन लक्ष्मी सर्व सुखं देही ना करे रक्षा तो नारायन की आन।। (7) ॐ क्रीं श्रीं चामुंडा सिंहवाहिनी कोई हस्ती भगवती रत्नमंडित सोनन की माल, उत्तर पथ में आप बैठी हाथ सिद्ध वाचा, सिद्धि धन धान्य कुरु-कुरु स्वाहा। (8) श्री शुक्ले महाशुक्ले, महाशुक्ले कमलदल निवासे श्री महालक्ष्मी नमो नमः। लक्ष्मी माई सबकी सवाई, आओ चेतो करो भलाई, ना करो तो सात समुद्रों की दुहाई, ऋद्धि,सिद्धि नौ नाथ चौरासी सिद्धों की दुहाई। बिल्ली की जेर की पूजा विधि) बिल्ली की जेर की पूजा के लिए सबसे शुभ दिन गुरुवार का होता है, तो गुरुवार के दिन बिल्ली की जेर को किसी लाल कपडे पर रखें,और फिर घी के ५ दिए जलाकर मंदिर के सामने बैठ जाए और बिल्ली की जेर के ऊपर विधिवत माता लक्ष्मी का ध्यान करते हुए नीचे दिए गए मंत्रो का जाप १०८ बार करें ‘ओम श्रीम् उलूक मम कराया कुरु कुरु नमः ‘ अब बिल्ली के जेर के ऊपर कुमकुम, अक्षत, तिलक और अगरबत्ती दिखाकर इसको एक लकड़ी के डिब्बे में सिन्दूर भरकर डिब्बी को बंद कर दे और इसे लाल चुन्नी में लपेट कर मंदिर या तिजोरी में स्थापित कर दे | उपर दिए गए किसी भी मंत्र से आप हाथा जोडी,शियारसिंगी,बिल्ली की जैर की पूजा कर सकते हैं जितने ज्यादा मंत्रों से पूजा करेंगे उतना उनका प्रभाव बढेंगा!