संकट मोचन हनुमान जी बाबा नीमकरोरी जी महाराज की जय हो ज्योतिषाचार्य डॉ उमाशंकर मिश्र 94150 87711 92 357 22996 हनुमान जी का कवच , समय  असमय  हम विभिन्न कारणों से शत्रुओं से या अनचाहे रूप से परेशान करने वालों से अथवा कत्यों में व्यवधान पैदा करने वालों से दुखी रहते हैं। इनसे सुरक्षित रहते हुए अपने कार्यों को सुचारु करने और जो जबरन परेशा करते हैं उन्हें पीड़ित करने हेतु ये हनुमान जी के  विचित्रविर रूप का मंत्र अति उपयोगी है।  इसके प्रतिदिन मात्र ११ बार पथ करने से मनुष्य शटरों से मुक्त रहता है और जो लोग परेशान करना चाहते हैं उन्हें हनुमान जी के कोप का भाजन बना पड़ता है।प्रसाद मे गुड चना भी रखना चाहिये : ॐ नमो भगवते विचित्रवीरहनुमते प्रलयकालानलप्रभाज्वलत्प्रतापवज्रदेहाय अञ्जनीगर्भसम्भूताय प्रकटविक्रमवीरदैत्य- दानवयक्षराक्षसग्रहबन्धनाय भूतग्रह- प्रेतग्रहपिशाचग्रहशाकिनीग्रहडाकिनीग्रह- काकिनीग्रहकामिनीग्रहब्रह्मग्रहब्रह्मराक्षसग्रह- चोरग्रहबन्धनाय एहि एहि आगच्छागच्छ- आवेशयावेशय मम हृदयं प्रवेशय प्रवेशय स्फुर स्फुर प्रस्फुर प्रस्फुर सत्यं कथय कथय व्याघ्रमुखं बन्धय बन्धय सर्पमुखं बन्धय बन्धय राजमुखं बन्धय बन्धय सभामुखं बन्धय बन्धय शत्रुमुखं बन्धय बन्धय सर्वमुखं बन्धय बन्धय लङ्काप्रासादभञ्जन सर्वजनं मे वशमानय वशमानय श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं सर्वानाकर्षय आकर्षय शत्रून् मर्दय मर्दय मारय मारय चूर्णय चूर्णय खे खे खे श्रीरामचन्द्राज्ञया प्रज्ञया मम कार्यसिद्धि कुरु कुरु मम शत्रून् भस्मी कुरु कुरु स्वाहा ॥ 🌺ॐ ह्रां ह्रीं ह्रूं ह्रैं ह्रौं ह्रः फट् श्रीविचित्रवीरहनुमते मम सर्वशत्रून् भस्मी कुरु कुरु हन हन हुं फट् स्वाहा ॥ 🌺एकादशशतवारं जपित्वा सर्वशत्रून् वशमानयति नान्यथा इति ॥ 🙏🏻इति श्रीविचित्रवीरहनुमन्मालामन्त्रः सम्पूर्णम। अग्रेजी मे Shree Ganeshay Namaha II Om namo bhagavate vichitraveerhanumate Pralayakaalaanalaprabhaajvalanaaya I Prataapavajradehaaya I Anjanigarbhasambhootaaya I PrakataVikramaveerDaityaDaanavaYaksharakshoGanaGrahaBandhanaaya I bhootaGrahaBandhaNaaya I PretagrahaBandhanaaya I pishaachaGrahaBandhanaaya I ShaakiniDaakiniGrahaBandhanaay I kaakinikaaminiGrahaBandhanaaya I BrahmaGrahaBandhanaaya I BrahmaRaakshasaBandhanaaya I ChoraGrahaBandhanaaya I MaarichaGrahaBandhanaaya I aihee aihee I Aagachchha Aagachcha I Aaveshaya Aaveshaya I mama Hrudaye Praveshaya Praveshaya I Sfura Sfura I Prasfura Prasfura I Satyam Kathaya I VyaaghramukhaBandhana SarpamukhaBandhana RaajamukhaBandhana NaarimukhaBandhana SabhaamukhaBandhana ShatrumukhaBandhana SarvamukhaBandhana LankaapraasaadaBhanjan I Amukam me vashamaanaya I klim klim klim hrum hrim shrim shrim Raajaanam vashamaanaya I Shrim hrim klim striya aakarshaya aakarshaya Shrun mardaya mardaya maaraya maaraya Choornaya Choornaya khe khe Shriraamachandraadnyayaa mama kaaryasidhim kuru kuru Om hraam hrim hrum hraim hroum hraha fat swaahaa vichitraveer Hanumat mama SarvaShatrun Bhasmikuru kuru I hana hana hum fat swaaha II EkadashaShatavaaram japityvaa SarvShatrun Vashamaanayati Naanyathaa iti II