* Jyotish Aacharya Dr Umashankar Mishra 9415 087 711 Aaj 26 मई को चंद्रग्रहण है। 26 मई को लगने वाला ग्रहण दोपहर 3:15 से शुरू होकर शाम 6:23 मिनट पर होगा। यह ग्रहण नागालैं ड, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश, त्रिपुरा, असम, मेघालय, मिजोरम आदि क्षेत्रों में रहेगा। कोलकाता में मात्र 6 मिनट का ग्रहण रहेगा। इन स्थानों के अलावा लगभग पूरा भारत, समस्त राज्य किसी भी शहर में ग्रहण का कुछ भी प्रभाव नहीं है।* यह ग्रहण पूर्वी भारत के कुछ स्थानों को छोड़कर समस्त भारत में दिखाई नहीं देगा इसलिए ग्रहण का *सूतक, दान, स्नान आदि का पालन नहीं किया जाएगा। ग्रहण का सूतक प्रातः 6 :15 से शुरू होगा। विशेष जहाँ जहाँ चन्द्र ग्रहण दृश्य होगा वहाँ वहाँ सूतक का विचार होगा। आपको स्पष्ट कर दें कि यह चंद्र ग्रहण दिन में होगा अर्थात मोक्ष का समय सायं बेला में है।ज्योतिष के भाषा में ऐसे ग्रहण को ग्रस्तोदित ग्रहण के रूप में जाना जाता है।अर्थात इस का सूतक पूर्ण रूप से पूरे भारत में माना जाएगा। ग्रहण का प्रभाव राशियों पर भी पड़ेगा मेष - अतिकष्ट शारीरिक कष्ट वृष - पीड़ा, दर्द भय मिथुन - सुख धन आगमन कर्क - चिंता, आत्म सम्मान कास्ट सिंह - व्यथा, शारीरिक कष्ट पारिवारिक कष्ट कन्या - श्री प्राप्ति धन आगमन तुला -क्षति, कष्ट ,रोग वृश्चिक -*घात ,आकस्मिक रोग , धनु - धन हानि, मानसिक तनाव मकर - लाभ , धन आगमन कुंभ - सुख, ऐश्वर्य प्राप्ति, भूमि वाहन सुख मीन - अपमान, कष्ट, रोग विशेष :- चंद्र ग्रहण का सूतक स्पर्श समय से 9 घंटे पूर्व प्रारंभ हो जाता है स्पर्श के समय स्नान पुनः एवं मोक्ष के समय स्नान करना चाहिए सूतक लग जाने पर मंदिर में प्रवेश करना मूर्ति को स्पर्श करना भोजन करना मिथुन क्रिया सोना यात्रा इत्यादि वर्जित है। बालक वृद्ध रोगी अत्यावश्यक में पथ्याहार ले सकते हैं। भोजन सामग्री पर कुश रख देना चाहिए। गर्भवती महिलाएं ‌पेटपर गाय के गोबर का पतला लेप लगा ले। ग्रहण अवधि के समय श्राद्ध दान जप मंत्र सिद्धि का शास्त्रोक्त विधान है ‌।।