क्यों बढ़ रही है अविवाहितों की संख्या? * Jyotish Acharya Dr Umashankar Mishra* 9415 087 7 11 92 357 22996************* जल्दी शादी के लिए क्या करें उपाय ========================== आज देश में हर समाज व समुदाय बड़ी संख्या में विवाह योग्य युवक-युवतियों का विवाह न हो पाने की समस्या से जूझ रहा है। कुछ दशक पहले तक यह समस्या इतनी बड़ी नहीं थी लेकिन अब यह समस्या दिन ब दिन गहराती जा रही है। इस समस्या के सामाजिक पहलू पर चर्चा करना समाज विज्ञानियों का काम हो सकता है लेकिन इसके ज्योतिषीय पहलू पर चर्चा करना भी जरूरी है। जिस देश में विवाह को धार्मिक संस्कार मानकर विवाह पूर्व कुंडली मिलान को जरूरी माना गया हो वहां अविवाहितों की संख्या बढऩे के ज्योतिषीय कारण व समाधान पर चर्चा निहायत जरूरी है। जीवन साथी और जन्म कुंडली? ========================== जन्म कुंडली में जब सप्तम भाव, सप्तमेश तथा शुक्र या गुरु (पुरुष के लिए शुक्र और स्त्री के लिए गुरु) निर्बल अथवा पीडि़त हो तथा उन पर शुभ ग्रहों की दृष्टि या युति न हो तो पुरुष या स्त्री को जीवन साथी की प्राप्ति नहीं होती। विवाह न होने के योग =================== -सप्तमेश शुभ युक्त न होकर कुंडली के 6, 8 या 12वें भाव में हो या नीच राशि, अस्तगत या बहुत कम या 28 या 29 डिग्री लेकर स्थित हो। -सप्तमेश द्वादश भाव में स्थित हो व लग्नेश या चंद्र राशीश सप्तम भाव में हो। -षष्ठेश, अष्टमेश या द्वादशेश सप्तम भाव में स्थित हो व सप्तमेश छ, 8,12वें भाव में स्थित हो। -यदि शुक्र व चंद्रमा दोनों किसी भाव में स्थित हो व शनि एवं मंगल से दृष्ट हो। -लग्न, सप्तम एवं द्वादश भाव में पाप ग्रह स्थित हो व चंद्रमा पंचम भाव में निर्बल हो। -शुक्र व बुध सप्तम भाव में एक साथ हो व पापग्रह युक्त या दृष्ट हो तो विवाह नहीं होता। यदि शनि दृष्ट हो तो विवाह बड़ी आयु में होता है। -शुक्र व मंगल दोनों 5,7 या 9वें भाव में हो तो स्त्री सुख नहीं होता। -शुक्र व सूर्य पंचम, सप्तम या नवम् भाव में स्थित हो। -चंद्रमा से सप्तम में मंगल, शनि व शुक्र हो। -शुक्र पापयुक्त हो या शुक्र से सप्तम पाप ग्रह हो। विवाह में देरी के ज्योतिषीय कारण ============================== सप्तम भाव में बुध और शुक्र दोनों के होने पर विवाह में लगातार देरी होती जाती है, विवाह प्राय: आधी उम्र में होता है। -चौथा भाव या लग्न भाव मंगल युक्त हो, सप्तम में शनि हो तो कन्या की रुचि शादी में नहीं होती। -सप्तम भाव में शनि और गुरु शादी देर से करवाते हैं। -चंद्रमा से सप्तम भाव में स्थित गुरु शादी देरी से करवाता है। यही बात चंद्रमा की राशि कर्क से भी लागू होती है। -सप्तम में त्रिक भाव का स्वामी हो, कोई शुभ ग्रह योगकारक न हो, तो पुरुष का विवाह देरी से होता है। -जब सूर्य, मंगल या बुध लग्न या राशिपति को देखता हो और गुरु बारहवें भाव में बैठा हो तो आध्यात्मिकता अधिक होने से विवाह में देरी होती है। - लग्न, सप्तम या बारहवें भाव में गुरु या शुभ ग्रह योगकारक नहीं हो, कुटुम्ब भाव में चंद्रमा कमजोर हो तो विवाह नहीं होता, अगर हो गया तो संतान नहीं होती। -कन्या की कुंडली में सप्तमेश या सप्तम भाव शनि से पीडि़त हो तो विवाह देर से होता है। -राहु की दशा में शादी हो, या राहु सप्तम भाव को पीडि़त कर रहा हो, तो शादी होकर टूट जाती है, यह सब दिमागी भ्रम के कारण होता है। हस्तरेखाओं में विवाह में बाधक लक्षण ================================= हाथ की सबसे छोटी अंगुली यानी कनिष्ठिका अंगुली के नीचे स्थित विवाह रेखा जब ऊपर की ओर मुड़ी हो तब ऐसा जातक यह तय नहीं कर पाता कि उसे विवाह करना चाहिए या नहीं। कभी वह कल्पना के आधार पर तो कभी अपने विवाह में कुछ और अधिक पाने की लालसा में विलंब करता जाता है। यदि विवाह रेखा मुड़ कर कनिष्ठिका अंगुली के मूल तक पहुंच जाती है तो ऐसा जातक जीवन भर अविवाहित रहता है। यदि विवाह रेखा हृदयरेखा की ओर झुकाव लिए हुए मुड़ी हुई प्रतीत होती है तो ऐसे जातक की विवाह में कम रुचि रहती है। ऐसे जातक की विषय-भोग में आसक्ति कम होती है तथा उसमें नैराश्य या वैराग्य की भावना अधिक रहती है। विवाह बाधा दूर करने के आसान व अनुभूत उपाय ***************** 1. हल्दी के प्रयोग से उपाय ---------------------------------- विवाह योग लोगों को शीघ्र विवाह के लिये प्रत्येक गुरुवार को नहाने वाले पानी में एक चुटकी हल्दी डालकर स्नान करना चाहिए। भोजन में केसर का सेवन करने से विवाह शीघ्र होने की संभावनाएं बनती है। 2. पीला वस्त्र धारण करना ---------------------------------- ऐसे व्यक्ति को सदैव शरीर पर कोई भी एक पीला वस्त्र धारण करके रखना चाहिए। 3. वृृद्धों का सम्मान करना ---------------------------------- उपाय करने वाले व्यक्ति को कभी भी अपने से बड़ों व बूढ़ों का अपमान नहीं करना चाहिए। 4. गाय को रोटी देना ------------------------- जिन व्यक्तियों को शीघ्र विवाह की कामना हों उन्हें गुरुवार को गाय को दो आटे के पेड़े पर थोडी हल्दी लगाकर खिलाना चाहिए तथा इसके साथ ही थोडा सा गुड़ व चने की पीली दाल का गाय को खिलाना शुभ होता है। 5. शीघ्र विवाह प्रयोग ------------------------- इसके अलावा शीघ्र विवाह के लिये एक प्रयोग भी किया जा सकता है. यह प्रयोग शुक्ल पक्ष के प्रथम गुरुवार को किया जाता है। इस प्रयोग में गुरुवार की शाम को पांच प्रकार की मिठाई, हरी इलायची का जोड़ा तथा शुद्ध घी के दीपक के साथ विष्णु जी लक्ष्मी जी लक्ष्मी नारायण भगवान को जल अर्पित करना चाहिये। यह प्रयोग लगातार तीन गुरुवार को करना चाहिए। 6. केले के वृृक्ष की पूजा ---------------------------- गुरुवार को केले के वृ़क्ष के सामने गुरु के 108 नामों का उच्चारण करने के साथ शुद्ध घी का दीपक जलाना चाहिए. अथा जल भी अर्पित करना चाहिए। 7. सूखे नारियल से उपाय यह उपाय सप्तम स्थान का जो ग्रह स्वामी होता है यानी कि सप्तमेश होता है उसके हिसाब से किया जाता है और सामग्री भी थोड़ी बहुत उस हिसाब से बदल जाती है जैसे कि सप्तमेश अगर मंगल हो तो इस उपाय के लिए मंगलवार को प्रात: सूर्योदय काल में यानी कि सुबह का अंधेरा हटकर उजाला होना शुरू हो वहां से लगाकर सूरज भगवान उदय हो जाएं उसके आधे घंटे आगे तक के समय के अंदर अंदर यह उपाय किया जाता है एक सूखा नारियल लें, सूखे नारियल में चाकू की सहायता से इतना काटे की नीचे लिखी हुई सामग्री उसमें आराम से भर जाए नारियल में पिसी हुई शक्कर या बारीक शक्कर ज्यादा मात्रा में डालनी है पंचमेवा पांच अलग-अलग तरह के मेवे जैसे एक काजू एक बादाम एक पिस्ता इस तरह से पांच अलग-अलग तरह के मेवे होने चाहिए थोड़ा गुड तांबे का टुकड़ा या तांबे का छोटा सिक्का भी ले सकते हैं और दो चार बूंद घी दो-चार बूंद से ज्यादा ना डालें इन सब चीजों से नारियल भर जावे तो नारियल नारियल को भर देवें। यह कार्य करने के बाद इस नारियल को पीपल के पेड़ के नीचे गड्ढा करके दबा देवें। इसके बाद गड्ढे को मिट्टी से भर देवें तथा कोई पत्थर उसके ऊपर रख देवें। यह क्रिया लगातार 7 मंगलवार तक करने से व्यक्ति को लाभ प्राप्त होता है। विवाह के प्रपोजल बढ़ जाते हैं और विवाह होने के योग खुल जाते हैं यह ध्यान रखना है कि सोमवार की रात 12 बजे के बाद कुछ भी ग्रहण नहीं करना हैऔर जब यह उपाय करें तो बीच में कोई टोके नहीं की क्या कर रहे हो नारियल जमीन में दबाने के बाद वहीं पर शादी की मनोकामना करें और फिर पीछे मुड़कर ना देखें घर आकर पानी से थोड़े हाथ पैर धो लें यह बहुत ही कारगर उपाय हैं मैंने इसका चमत्कार काफी बार देखा है जिस भी यजमान को यह उपाय बताते हैं उसमें से काफी लोगों का काम बन जाता है बाकी जिनका सप्तमेश दूसरे ग्रह हैं वह फोन पर अपने लिए इस उपाय की सामग्री और तरीका जान सकते हैं 8. मांगलिक योग का उपाय -------------------------------- अगर किसी का विवाह कुंडली के मांगलिक योग के कारण नहीं हो पा रहा है, तो ऐसे व्यक्ति को मंगल शांति की पूजा करवानी चाहिए मंगलवार के दिन चण्डिका स्तोत्र का पाठ और शनिवार व मंगलवार को सुन्दर काण्ड का पाठ करना चाहिए। इससे भी विवाह के मार्ग की बाधाओं में कमी होती है। 9. छुआरे सिरहाने रख कर सोना ----------------------------------------- यह उपाय उन व्यक्तियों को करना चाहिए जिन व्यक्तियों की विवाह की आयु हो चुकी है परन्तु विवाह सम्पन्न होने में बाधा आ रही है। इस उपाय को करने के लिये शुक्रवार की रात आठ छुआरे जल में उबाल कर जल के साथ ही अपने सोने वाले स्थान पर सिरहाने रख कर सोयें तथा शनिवार प्रात: स्नान करने के बाद किसी भी बहते जल में इन्हें प्रवाहित कर दें। कन्या करे कात्यायनी मंत्र का पाठ ============================ जिस कन्या के विवाह में लगातार बाधा आ रही हो तो उस कन्या को देवी कात्यायनी मंत्र का जाप रोज 108 बार करना चाहिए। यह मंत्र निम्न प्रकार है- ओम् कात्यायनी महामाये महायोगिन्यधीश्वरी। नन्द गोप सुतं देवी पतिं मे कुरुते नम:।। कन्या करे बृहस्पति की पूजा --------------------------------- कन्या की कुंडली में विवाह सुख के कारक ग्रह बृहस्पति हैं। शीघ्र विवाह के लिए बृहस्पति का मंत्र जाप, दान, व्रत, पूजादि से विशेष लाभ होता है। बृहस्पति का दिन गुरुवार है और केले का पौधा इन्हें प्रिय है। बृहस्पति का रंग पीला है। शीघ्र विवाह और वैवाहिक सुख के लिए कन्या को बृहस्पतिवार के दिन पीले वस्त्र धारण करने चाहिए, केले की पूजा करनी चाहिए और यदि संभव हो तो व्रत भी रखना चाहिए। केले का सेवन बृहस्पतिवार को नहीं करना चाहिए। बृहस्पति मंत्र ओम् बृं बृहस्पति नम: का पाठ करने से लाभ होता है। पुरुष करे यह मंत्र पाठ ------------------------------- पुरुष जातक को शीघ्र विवाह के लिए दुर्गा सप्तशती के इस मंत्र का जाप अवश्य करना चाहिए- पत्नी मनोरमां देहि मनोवृतानुसारिणीं, तारिणीं दुर्ग संसार सागरस्य कुलोद्भवाम्। ऐसे लड़के जिनका विवाह नहीं हो रहा हो या वे जिससे प्रेम करते हैं उससे प्रेम विवाह में लगातार विलंब हो रहा हो, उन्हें शीघ्र मनपसंद विवाह के लिए श्रीकृष्ण के इस मंत्र का 108 बार जप करना चाहिए- क्लीं कृष्णाय गोविंदाय गोपीजनवल्लभाय स्वाहा। शाबर मंत्र भी है उपयोगी ------------------------------- इस शाबर मंत्र का जाप करने से विवाह होने में किसी भी प्रकार की आ रही रुकावट, अड़चन अथवा समस्या का समाधान हो जाता है- ओम् नम: शिवाय नम: महादेवाय... जैसे गोरा को तुम, जैसे सीता को राम, जैसे इंद्र को शची, जैसे राधा को श्याम। ऐसी ही जोड़ी हमारी बने महादेव, तुझे इस गुरु मंत्र की आन।। इस मंत्र को भगवान शंकर के चित्र के सामने धूप, दीप प्रज्ज्वलित कर नियमित रूप से एक निश्चित समय पर 108 बार करने से विवाह होने में आ रही सभी बाधाएं नष्ट हो जाती हैं। यह मंत्र स्त्री-पुरुष कोई भी कर सकता है। इस मंत्र का प्रभाव छह माह में प्राप्त होता है। इन उपायों के अलावा विशेष उपाय में सर्व कष्ट निवारण सर्व बाधा मुक्ति की पूजा करवा सकते हैं यह भी बहुत ही अच्छा उपाय हैं और इस पूजा से भी काफी लोगों के काम बन जाते हैं जय श्री कृष्णा जय श्री राम हर हर महादेवहरे कृष्ण...! 🙏🏻 Jyotish Acharya Dr Umashankar Mishra 🙏🏻🙏🏻 Siddhivinayak Jyotish evam Vastu Anusandhan Kendra Vibhav khand 2 Gomti Nagar 🌹 AVN 🀠vedraj complex purana RTO Chauraha latouche Road Lucknow 🌹 9415 087 711 🙏🏻 92 357 22996 🙏🏻🙏🏻