खानपान में सझदारी : सेहत को देगी खुशहाली Jyotish Acharya Dr Umashankar Mishra 9415 087 711 923 5722 996-- 1-आयुर्वेद के अनुसा भोजन की थाली में बहुत थोड़े अंश में डाली गई तुलसी की पत्ती खाद्य पदार्थ में छिपे विषाणुओं को निष्प्रभावी करती है। 2-किसी समारोह में लंच/डिनर के वक्त सलाद नहीं खाना चाहिए। कटने के 10 मिनट बाद सलाद में हानिकारक तत्व उत्पन्न होने लगते हैं। घर में भी तत्काल कटा हुआ सलाद खाना चाहिए। 3-रात में दही या दही से बना कोई भी पदार्थ नहीं खाना चाहिए। 4- जिन फलों की प्रकृति मीठी हो, उसमें नमक लगा कर नहीं खाना चाहिए। यथा सेब, केला, अमरूद में नमक लगाकर खाना प्राकृतिक स्वरूप के विपरीत और हानिप्रद है। 5-चाय को दुबारा गर्म कर पीना स्वास्थ्य के लिए घातक है। चाय के साथ नमक मिश्रित पदार्थ नहीं खाना चाहिए। यथा, नमकीन, समोसा आदि। 6-आयुर्वेद के अनुसार जिस तरफ के हाथ से भोजन किया जाए, उसी हाथ से पानी पीना चाहिए। दाहिने से खाना और बाएं से पानी पीने पर निषेध है। 7-दिन हो या रात दोनों वक्त के खाने का समय नियमित होना चाहिए। कभी किसी समय और कभी किसी समय नहीं । 8-खड़े होकर या कुर्सी पर बैठकर खाने से श्रेष्ठ पलथी लगाकर खाना चाहिए। 9-जिन तिथियों में जिन वस्तुओं का निषेध आयुर्वेदिक ग्रन्थों में बताया गया है, उसकी सूची रखकर उन तिथियों में नहीं खाना चाहिए। 10-भोजन के बाद यथा संभव 5 मिनट के लिए ही वज्रासन करना । --