राजनीतीचुनावमें_सफलता Jyotish Acharya Dr Umashankar Mishra 941 5087 711 आजकल राजनीती चुनाव का माहौल चल रहा है।राजनीती में सफलता मिलेगी या नही और मिलेगी तो उस राजनीति का आगे क्या भविष्य होगा यह जातक की कुंडली के ग्रहो और दशाओ की स्थिति पर निर्भर करता है। कुंडली का दसवा भाव राजनीती सफलता का है इसके आलावा 4, 5, 9, 11भाव राजनीती में दसवे भाव के सहायक भाव है।चौथा भाव इस कारण सहायक है क्योंकि यह जनता का भाव है, जातक यह भाव जितना शुभ स्थिति में होगा जनता का उतना ही अच्छी तरह से सहयोग मिलेगा। पाचवा भाव उन व्यक्ति की स्थिति को बताता है जो जातक को मतदान करते है मतलब यह भाव और इसका स्वामी ही बताता है जातक को भारी मतदान मिलेगा या नही, मिलेगा तो कितना?, ग्यारहवा भाव राजनीती में किये गए क्रिया कलापो से लाभ मिलेगा या नही यदि लाभ मिलेगा भी तो कितना और कैसे आदि।। अब जब 4, 5, 9, 10, 11 भाव/ भावेशों का या इन्ही भावो के स्वामियों का आपस में सम्बन्ध बनता है तब सफलता आसान हो जाती है। राजनीतिक के कारक ग्रह और सफलता के लिए सूर्य गुरु बुध शनि राहु और सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण ग्रह है।जब भी 4, 5, 9, 10, 11 भावो का सम्बन्ध या इनके स्वामियों का सम्बन्ध राजनीतिक कारक ग्रहो से हो तब राजनीती में सफलता आसान हो जाती है।राजनीती में सफलता के लिए इन सब ग्रह स्थितियों के साथ ग्रह दशाओ और ग्रह गोचर का अनुकुल होना भी जरूरी है। बिना अनुकूल ग्रह दशा के राजनीतिक सफलता राजनीतिक ग्रह योग होने पर भी नही मिल सकती।साथ ही राजनीतिक कारक ग्रह नवमांश कुंडली और दशमांश कुंडली में भी सामान्य बली होने चाहिए। राजनीती संबंधी ग्रह और भाव जीतने ज्यादा अनुकूल और बली स्थिति में होने उतना ही अच्छा फल देंगे।इसके अलाव कुंडली में बनने वाले नीचभंग राजयोग, राहु के द्वारा बनने वाले शुभ योग, राहु की स्थिति 3, 6, 11भाव में विशेष शुभ राजनीतिक सफलता के लिए होती है। योगकारक, और कारक गुरु की 10वें भाव पर दृष्टि राजनीतिक सफलता के लिए शुभ परिणाम देती है।दशमेश का ग्यारहवे भाव में जाना और किसी बली ग्रह से युक्त या द्रष्ट होना अच्छी सफलता राजनीती में मिलती है इन सब स्थितियों के साथ सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है ग्रहो की दशा, चुनाव जितने, चुनाव लड़ने, पर्चा भरने आदि के समय ग्रह दशा और ग्रह गोचर दोनों अनुकूल होने से निश्चित ही जीत हासिल होकर सत्ता की कुर्सी पर जातक बैठता है।