' !! कर्ज संकट की खास योग !!
Jyotish Aacharya Dr Umashankar Mishra 9415 087 711
आज बात करते है कर्ज की हर दस केस मे 6 केस हमारे पास कर्ज से सबंधी आते है जिनमे कर्ज की स्थती वाले इतने असहाय होते है
की सबकुछ चले जाने के बाद भी नही चुकता । आदमी कभी न कभी किसी वजह से लोन व कर्ज लेना पडता है
चाहे काम के लिए या पारीवारिक समस्याओ के लिए । मगंल और बुध इसके लेन देन के कारक है
खासतर मगंल से कर्ज देखा जाता है अब बात ऐ है की कब किस तरह से योग बन जाते है की ऐ नौबत आ जाती है बुरा हाल तब है जब उसे लौटा पाने मे अधिक समस्या आऐ ।
जिनकी कुंडली में छठे भाव का स्वामीलग्न में विराजमान हो या किसी शुभ स्थान पर बैठा हो, उसका कर्जा बढ़ता जाता है।
एक ऋण चुकाने के लिए, दूसरालेना पड़ता है। व्यक्ति सारी उम्र ऋण के बोझ तले दबा रहता है। दादा लेता है पोता ही चुकाता है।
कुंडली में शनि या राहू की स्थिति अच्छी न हो तो साढ़ेसाती और राहू की दशा में न लें और सर्प योग हो तो भी ऋण लेने से बचना चाहिए क्योंकि ऐसे योगऋण और शत्रु दोनों ही बढ़ा देते हैं।
यदि जन्मपत्री में गुरु लग्न, सप्तम या दशम भाव में हो तो किसी को उधार नहीं देना चाहिए।पैसा लौटता नहीं उल्टा लेने वाला दुश्मन बन जाता है। पैसा भी गया और दोस्त भी। उधार प्रेम की कैंची बन जाती है। वही ऐ भी देखा गया है की
यदि मगंल बुध शनी की युति दसवे घर मे हो तो सुर्य छठे या बारहवे घर हो तो ऐसे आदमी से लोग कर्जा लेते है पर लौटाते नही है और बडी बात की नके पास पैसा होता ही नही देने को । ऐसे लोगो से अपने ही रिश्तेदार पैसे मागंते है पर लौटाते नही है खासतर बहन और चाचा मामा लौटाते भी नही और अकड दिखा के उसकोही नीचा दिखाते है ।
लगनेश पिडित होकर छठे केस्वामी सबंध बनाऐ या लगन का स्वामी लगन मे होऔर छठे आठवे के स्वामी से सबंध बनाऐ तो बीमारी के लिए कर्ज लेना पडता है ।
सुर्य 12 मे बैठा हो दूसरे घर का स्वामी अस्त हो नीच हो या ग्यारवे भाव के स्वामी से सबंध बनाऐ तोऐसे लोगो का खर्चा आमदनी से दो गुना होता है जिसकी वजह से इनको हमेशा औरो से मागंना पडता है ।
बुध जब भी शनी के साथ हो 6-8-12 मे और मगंल बद हो तो ऐसे आदमी अपने काम के विस्तार के लिए कर्जा लेते है खासतर नया काम शुरू करने के लिए पर इनका काम चलता तो है पर समय परपैसा आता नी फंस जाता है यदि ऐसे लोग जमीनी कामो मे कन्ट्रक्सन के कामो होगे तो इनका पैसा वापस आना न के बराबर होता है और काम बदं करना पडता है ।
मगंल शनी का छठे मे हो और बुध सुर्य बारहवे मे शुक्र आठवे मे तो इनका कर्ज शत्रु और रोग साथ साथ चलने लगते है यदि इनकी ही महादशा हो जैसे मगंल की चले शनी अतंर आऐ तो ऐ समस्या बढ जाती है लगातार मानसिक तनाव काम की वजह से झेलता है लोग उसको पैसे के लिए धमकाते रहते है ।
यदि बैकं लोन हो और आठंवे शुक्र की दशा शुरू हो जाए तो बैकं भी धमकी देने लगता है उसका सबकुछ छिनने का आसार बढ जाता है और वो बीमारी की चपेट मे आऐगा ही आऐगा ।
सबसे खराब दशा आठवे भाव मे बैठे ग्रह की दशा होती है जब भी इसकी दशा चलेगी और वह खराबी मे हो तो राजा भी हाथ फैलाने लगता है ।
जिनकी कुडंली मे बुध अच्छा हो शुक्र उच्च का आय भाव मे शुभ हो तो ऐसा आदमी दूसरे के पैसे से सुख भोगता है पैसे से पैसा बनाता है अब जिससे लेता है वो चाहे करोड पति क्यू न हो इनसे लेने वाला जितनी ऊचाई पर जाऐगा ऐ उतने नीचे आ जाते है ।
कईयो को कहते सुना होगा यार इसके पास कुछ नी था मैने दिया मदद की आज चमक गया पर मेरा बुरा हाल हो गया। इसका करण इन्होने अपनी कमाई पूजी को उनको दिया जो इसने कमाना तो वो तो मागंने वाला ले गया ऐ अजीब है पर सच है।
-किसी भी हवन पूजा पाठ से कोई कर्जा नही उतरता ऐसा कोई हवन नही बना जो इसको उतार दे इसलिए कर्म को और अपने कर्म के तरीके को ज्योतिष की सलाह से सुधार सकते है की आपको कौन सा काम फल देगा उससे सबंधी काम करे मेहनतकरे काम चलेगा तो कर्ज भी उतरेगा घर बैठ के पूजा हवन उपाय करने से कुछ नही होता ।
ज्योतिषी दिशा और सलाह प्रदान करता है भ्रम नही । आपका काम सही है फिर समस्या कही पर है तो उपाय जरूर काम करेगे ।
- आप भी ऐसी समस्या से परेशान है तो कुडंली दिखा के ब्यापार व नौकरी की स्तथी या अन्य समस्या जिससे आप कर्जदार बनते जा रहे उसका विष्लेषण करवाके निदान समय रहते करे ।
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